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गलत दावे के साथ वायरल हुई युवक पर यूपी पुलिस की बर्बरता वाली पुरानी वीडियो क्लिप

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Since 2011, JP has been a media professional working as a reporter, editor, researcher and mass presenter. His mission to save society from the ill effects of disinformation led him to become a fact-checker. He has an MA in Political Science and Mass Communication.

Claim

चाय देने से मना करने पर एक युवक की 2 पुलिस वालों ने बेरहमी से की पिटाई।
Verificaton
दिल को बेचैन करने वाली एक बेहद दर्दनाक वीडियो क्लिप जो मानव मन को कमोवेश अशांत कर सकती है, इन दिनों सोशल मीडिया की सुर्ख़ियों में है। वीडियो शेयर करते हुए उसके कैप्शन में दावा किया गया है “ये देखो ( इसका कसूर इतना है चाय नही लाया) गहमर थाना पुलिस भाइयों इस पुलिस वाले की वीडियो वायरल करो इसको तो सजा मिलनी चाहिए”।
वीडियो भी ऐसा कि देखने पर पुलिस के प्रति नफरत का भाव उत्पन्न हो जाए। इसे सोशल मीडिया के कई प्लेटफॉर्म्स पर शेयर किया गया है।
इस वीडियो को सेम कैप्शन के साथ फेसबुक पर भी शेयर किया गया है।
वीडियो में युवक के पैरों पर बड़ी सी दिखने वाली लकड़ी रखकर दोनों पुलिस वाले अपने पैरों से दबा रहे हैं। इस दौरान युवक मार्मिक तरीके से बचने के लिए गुहार लगा रहा है। उसकी आवाज़ बता रही है कि वह उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल स्थित किसी जगह का रहने वाला है। वायरल वीडियो के साथ कैप्शन में ‘गहमर’ का जिक्र किया गया है। इस नाम से खोजने पर हम किसी ठोस परिणाम तक नहीं पहुँच पाए।
वीडियो को खंगालने पर यही क्लिप यूट्यूब पर दिखाई पड़ी। इस क्लिप को यूपी ‘पुलिस का आतंक’ नाम से साल 2017 में अपलोड किया गया था।
बारीकी से खोजने पर न्यूज़ 18 का एक वीडियो क्लिप प्राप्त हुआ। यह वीडियो नवम्बर साल 2017 में अपलोड किया गया है। खबर के मुताबिक़ यह वीडियो पूर्वी उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिला अंतर्गत मुजुरी चौकी का है, जहां चोरी के आरोप में 2 पुलिस वालों ने एक युवक पर बेरहमी से थर्ड डिग्री का प्रयोग किया था।
खोज के दौरान NDTV की एक खबर से सच पता चल गया। असल में एक महिला द्वारा चोरी का आरोप लगाए जाने के बाद महराजगंज पुलिस ने इस युवक को उसके घर से उठा लिया था। युवक से चोरी का सामान बरामद करने के उद्देश्य से इन पुलिस कर्मियों ने इस तरह की बर्बरता की थी।
खबर के मुताबिक़ तत्कालीन जिला पुलिस प्रमुख ‘आशुतोष शुक्ल’ ने बताया था कि क्रूरता के लिए दोनों पुलिस वालों को सस्पेंड कर दिया गया और उनके खिलाफ जांच के लिए टीम का गठन हुआ था। यह वीडियो करीब 2 साल पुराना है और इसका ‘गहमर’ थाने से कोई ताल्लुक नहीं है। वास्तव में ऐसी घटनाएं मानवता पर कलंक से कम नहीं हैं लेकिन सोशल मीडिया में इस घटना को जिस चाय के नाम पर शेयर किया जा रहा है वह भ्रामक है।
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Result- Misleading

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Since 2011, JP has been a media professional working as a reporter, editor, researcher and mass presenter. His mission to save society from the ill effects of disinformation led him to become a fact-checker. He has an MA in Political Science and Mass Communication.

JP Tripathi
Since 2011, JP has been a media professional working as a reporter, editor, researcher and mass presenter. His mission to save society from the ill effects of disinformation led him to become a fact-checker. He has an MA in Political Science and Mass Communication.

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