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सोशल मीडिया पर UPTET की परीक्षा रद्द होने के बाद खुले आसमान के नीचे लेटे कुछ लोगों की तस्वीर वायरल है। दावा किया गया है कि यह UPTET के उन परीक्षार्थियों की तस्वीर है जो परीक्षा देने आये थे, लेकिन पेपर लीक होने के बाद खुले आसमान के नीचे सोने पर मजबूर हो गए।
वायरल ट्वीट का आर्काइव वर्जन यहां देखा जा सकता है।
न्यूज18 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में बीते 28 नवंबर को UPTET (उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा) की परीक्षा होनी थी, लेकिन परीक्षा में आने वाला पेपर लीक हो गया, जिसके बाद यूपी की योगी सरकार ने परीक्षा को तत्काल रोकने का फैसला किया। साथ ही एक महीने बाद परीक्षा दोबारा कराने जाने की घोषणा की। UPTET से संबंधित खबर को यहां पढ़ा जा सकता है। उत्तर प्रदेश में परीक्षा रद्द होते ही विक्षपी दल योगी सरकार के लापरवाह होने को लेकर कटाक्ष करने लगे। इसी क्रम में, सोशल मीडिया यूजर्स द्वारा भी एक तस्वीर को शेयर कर यह दावा किया गया है कि ‘रातभर जमीन पर सोकर सुबह जब ये छात्र परीक्षा केंद्र पर जाते हैं तो उन्हें पता चलता है कि परीक्षा रद्द हो गई क्योंकि पेपर लीक हो गया।’
वायरल तस्वीर को ट्विटर पर कई अन्य यूजर्स द्वारा भी शेयर किया गया है।
ट्वीट्स का आर्काइव वर्जन यहां और यहां देखा जा सकता है।
वायरल तस्वीर को कई फेसबुक यूजर्स ने भी UPTET परीक्षा से जोड़कर शेयर किया है।
फेसबुक पोस्ट्स को यहां, यहां और यहां देखा जा सकता है।
फेसबुक पर उपरोक्त दावे को कितने लोगों ने पोस्ट किया है, यह जानने के लिए हमने CrowdTangle टूल का उपयोग किया। इस दौरान हमने पाया कि 24 घंटे के अंदर फेसबुक पर इस संदेश को 434 से अधिक बार शेयर किया गया है, जिसे कुल 24,907 इंटरैक्शंस (रिएक्शन, कमेंट, शेयर) प्राप्त हुए हैं।
Fact Check/Verification
क्या सच में वायरल हो रही तस्वीर, यूपी के टीईटी परीक्षार्थियों की है, इसका सच जानने के लिए हमने पड़ताल शुरू की। सबसे पहले हमने वायरल हो रही तस्वीर को रिवर्स इमेज सर्च की मदद से गूगल पर खोजा। इस दौरान हमें वायरल दावे से संबंधित कोई भी जानकारी नहीं मिली।
वायरल तस्वीर की सच्चाई जानने के लिए हमने तस्वीर के साथ कुछ कीवर्ड्स की सहायता से गूगल पर दोबारा सर्च करना शुरू किया। इस दौरान हमें दैनिक भास्कर का एक लेख प्राप्त हुआ। लेख में वही तस्वीर प्रकाशित थी, जो वायरल दावे के साथ शेयर की जा रही है।
बीते 28 नवंबर को दैनिक भास्कर द्वारा प्रकाशित लेख के मुताबिक, 27 नवंबर को राजस्थान से बड़ी संख्या में बेरोजगार, प्रियंका गांधी से शिकायत करने लखनऊ गए थे। उन लोगों को 27 नवंबर की रात खुले आसमान के नीचे गुजारनी पड़ी, जिसकी वजह से काफी लोग बीमार हो गए थे। इसके बावजूद राजस्थान सरकार ने बेरोजगारों को बातचीत के लिए नहीं बुलाया। गौरतलब है कि राजस्थान के बेरोजगार अपनी मांगों को लेकर पिछले 46 दिनों से आंदोलन कर रहे हैं। इसी क्रम में, वे प्रियंका गांधी से अपनी शिकायत करने के लिए लखनऊ पहुंचे थे।
तस्वीर की पड़ताल के लिए हमने #UPTET के साथ कुछ कीवर्ड्स को गूगल पर सर्च किया। इस दौरान हमें UPPOLICE FACT CHECK का एक ट्वीट मिला। यूपी पुलिस द्वारा वायरल दावे का खंडन करते हुए एक ट्वीट शेयर किया गया है। साथ ही दावे के साथ शेयर हो रही तस्वीर को राजस्थान के युवकों का बताया गया है।
पड़ताल के दौरान प्राप्त जानकारी की पुष्टि के लिए न्यूजचेकर ने राजस्थान के बेरोजगर एकीकृत महासंघ (RBEM) के अध्यक्ष उपेन यादव से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया, “वायरल हो रही तस्वीर हमारे साथियों की है। यह तस्वीर बीते 27 नवंबर की है। दरअसल, हम लखनऊ के कांग्रेस कार्यालय में अपनी मांगों को लेकर एकत्र हुए थे, लेकिन प्रशासन ने हमें इको गार्डन जाने के लिए कहा।”
उपेन यादव ने बीते 27 नवंबर को अपने फेसबुक पेज पर खुले आसमान में सोते हुए प्रदर्शनकारियों का एक लाइव वीडियो अपलोड किया था, जिसकी एक तस्वीर वायरल दावे के साथ यूपीटीईटी का बताकर शेयर की जा रही है।
Conclusion
हमारी पड़ताल में मिले तथ्यों से यह साफ होता है कि सोशल मीडिया पर ‘रातभर जमीन पर सोकर सुबह जब ये छात्र परीक्षा केंद्र पर जाते हैं तो उन्हें पता चलता है कि परीक्षा रद्द हो गई, क्योंकि पेपर लीक हो गया’ दावे के साथ वायरल हो रही तस्वीर, UPTET के परीक्षार्थियों की नहीं बल्कि राजस्थान के युवकों की है।
Result: Misleading
Our Sources:
Contact from Rajasthan Berojgar Ekikrit Mahasangh (RBEM)
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