सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर दावा किया जा रहा है कि यूपी पुलिस ने एक गर्भवती महिला के पेट पर लाठी मारी। यूजर्स इस वीडियो को शेयर करते हुए लिख रहे हैं कि अपनी मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे बीएड-टीईटी के अभ्यर्थी को योगी की पुलिस लाठी मार रही है।
वायरल वीडियो में एक महिला दर्द से कराहते हुए दिखाई दे रही है और उसके आसपास कुछ महिलाएं खड़ी हैं, जिनमें से एक महिला कह रही है, “प्रेग्नेंट लेडी के पेट में इन्होंने लाठी मारी है।” सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में कुछ पुलिसकर्मी भी दिखाई दे रहे हैं।
एक ट्वीटर यूजर ने वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, ‘#69000_शिक्षक भर्ती_आरक्षण_घोटाला मामले में महिला आंदोलनकारियों के आंदोलन के दौरान वार्ता से यह सिद्ध हो रहा है कि संवैधानिक तरीके से आन्दोलन कर रही कई महिलाओं के बीच इस प्रेगनेंट महिला के पेट पर लाठी मारा गया है। वीडियो 2-3 दिन पहले का है, देर से दिखाने के लिए माफी।”
उपरोक्त पोस्ट का आर्काइव लिंक यहां देखा जा सकता है।
फेसबुक पर वीडियो शेयर करते हुए एक यूजर ने लिखा, ‘लखनऊ में यूपी पुलिस का साहसिक कारनामा। गर्भवती महिला के पेट में मारी गई लाठी।’
दरअसल उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में शिक्षक भर्ती को लेकर आंदोलन कर रहे अभ्यार्थियों पर 4 दिसंबर 2021 की रात में पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। इस लाठीचार्ज के बाद मामला काफी गरमा गया और विभिन्न दल के नेता और उनके समर्थक सोशल मीडिया पर सरकार को घेरने में लग गए।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने इस मुद्दे पर ट्वीट कर यूपी सरकार पर हमला बोला। इस दौरान सोशल मीडिया पर पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज के कई वीडियो भी शेयर किए गए। इसी कड़ी में ‘यूपी पुलिस ने एक गर्भवती महिला के पेट पर लाठी मारी’ दावे के साथ वीडियो भी शेयर हो रहा है।
Fact Check/Verification
क्या यूपी पुलिस ने एक गर्भवती महिला के पेट पर लाठी मारी? सोशल मीडिया पर इस दावे के साथ शेयर किए जा रहे वीडियो की पड़ताल के लिए हमने inVid टूल की मदद से वीडियो के कुछ कीफ्रेम बनाये। इसके बाद एक कीफ्रेम के साथ गूगल रिवर्स सर्च किया।
इस दौरान हमें The Quint द्वारा 5 सितंबर 2018 को प्रकाशित एक रिपोर्ट प्राप्त हुई। रिपोर्ट का शीर्षक है, “लखनऊ में पुलिस का लाठीचार्ज, गर्भवती महिला के पेट पर लगी लाठी।” रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सैकड़ों अभ्यर्थी नियुक्ति की मांग को लेकर लंबे समय से एकत्रित थे। अभ्यर्थी अपनी मांग को लेकर इको गार्डन से विधानसभा की ओर बढ़ने की कोशिश कर रहे थे। इसी बीच पुलिसकर्मियों ने अभ्यर्थियों को वहां तक पहुंचने से रोकने का प्रयास किया। इस दौरान पुलिस ने अभ्यर्थियों को खदड़ने के लिए लाठीचार्ज कर दिया। पुलिस की इस कार्रवाई में एक गर्भवती महिला के पेट पर लाठी लग गई।
हमने इस घटना के बारे में अधिक जानकारी के लिए कुछ कीवर्ड की मदद से गूगल पर खोजना शुरू किया। इस कड़ी में हमें इंडिया टुडे समूह की वेबसाइट लल्लनटॉप पर 6 सितंबर 2018 को प्रकाशित एक रिपोर्ट प्राप्त हुई। रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस की लाठीचार्ज के दौरान प्रयागराज की रहने वाली मुक्ता कुशवाहा को पेट पर पुलिस की लाठी लग गई। मुक्ता चीखती रहीं, लेकिन पुलिसकर्मियों का ध्यान उनकी तरफ नही गया। आंदोलन कर रहे लोगों के बीच से ही कुछ लोगों ने गर्भवती मुक्ता कुशवाहा की किसी तरह मदद की और उन्हें पुलिस की जीप से अस्पताल पहुंचा।
वहीं, जब हमने कुछ कीवर्ड की मदद से ट्विटर पर इस घटना के बारे में सर्च किया तो हमें यूपी पुलिस का 23 दिसंबर का एक ट्वीट प्राप्त हुआ। ट्वीट में यूपी पुलिस ने ‘गर्भवती महिला के पेट पर लाठी मारी दावे’ के साथ वायरल वीडियो को शेयर करने वाले एक ट्वीटर यूजर को रिप्लाई किया है। यूपी पुलिस ने लिखा है, “कृपया अफवाह न फैलायें। उक्त वीडियो 02 वर्ष से अधिक पुराना है।”
Conclusion
इस तरह हमारी पड़ताल में यह साफ है कि ‘यूपी पुलिस ने एक गर्भवती महिला के पेट पर लाठी मारी, दावे के साथ सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा वीडियो पुराना है। यह 04 दिसंबर को लखनऊ में शिक्षक भर्ती की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों से संबंधित नहीं है।
Result: Misleading
Sources
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