Authors
A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.
सोशल मीडिया पर मुस्लिम महिलाओं की पोशाक में कुछ युवतियों की तस्वीर वायरल हो रही है। तस्वीर में युवतियों को एक भारतीय पुलिस अधिकारी के साथ खड़े हुए देखा जा सकता है। तस्वीर शेयर करने वाले यूज़र का दावा है कि वायरल तस्वीर में दिख रही युवतियां केरल की महिला पुलिस हैं।
वायरल पोस्ट का आर्काइव लिंक यहाँ देखें।
सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीर को कई अन्य यूज़र्स ने भी शेयर किया है।
Fact check / Verification
अक्सर चुनावों के दौरान जातिवादी और साम्प्रदयिक बातों का जिक्र होना बेहद आम बात है। पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव का समय करीब आ रहा है, जिसे लेकर सोशल मीडिया पर सामाजिक सद्भाव बिगाड़ने वाले कई फेक सन्देश वायरल हो रहे हैं। इसी कड़ी में ट्विटर पर कुछ मुस्लिम पोशाक वाली महिलाओं की तस्वीर वायरल है। इन्हें केरल राज्य की महिला पुलिस बताया जा रहा है।
वायरल तस्वीर के साथ शेयर हो रहे दावे की सत्यता जानने के लिए हमने पड़ताल आरम्भ की। पड़ताल के दौरान सबसे पहले केरल महिला पुलिस की पोशाक के नाम से गूगल पर खोजना शुरू किया। इस दौरान हमें india today की वेबसाइट पर 7 मार्च साल 2020 को प्रकाशित लेख में केरल महिला पुलिस कर्मियों की एक तस्वीर मिली।
उपरोक्त प्राप्त तस्वीर में हमने पाया कि केरल महिला पुलिस की पोशाक भी अन्य राज्यों की पुलिस की तरह खाकी रंग की है। तस्वीर में बुर्का पहनी महिलाओं को पुलिसकर्मी बताया गया है लिहाजा इसकी पड़ताल शुरू की। खोज के दौरान हमें वायरल तस्वीर ट्विटर के एक वेरिफाइड यूज़र द्वारा हाल ही में 16 नवंबर को किए गए एक पोस्ट में मिली। इस दौरान यूज़र ने वायरल तस्वीर की जानकारी देते हुए बताया कि ये कासरगोड (Kasaragod) के एक कॉलेज की है।
इसके बाद हमने उक्त तस्वीर की सटीक जानकारी प्राप्त करने के लिए गूगल पर और बारीकी से खोजना शुरू किया। इस दौरान हमें वायरल तस्वीर The Indian Express की वेबसाइट पर 24 अक्टूबर साल 2017 को प्रकाशित एक लेख में मिली।
लेख के मुताबिक वायरल तस्वीर सोशल मीडिया पर तब काफी चर्चित हुई, जब केरल के एक वकील ‘सी शुकुर’ ने इसे फेसबुक पर पोस्ट किया था। उपरोक्त लेख के मुताबिक तस्वीर में मुस्लिम पोशाक में दिख रही युवतियां केरल के कासरगोड जिले के उलियाथुदुका में एक अरबी कॉलेज की छात्राएं थीं और बीच में खड़े तत्कालीन जिला पुलिस प्रमुख केजी साइमन हैं।
मामले की पुष्टि के लिए Boomlive द्वारा साल 2017 को किया गया एक fact check मिला जहां उन्होंने केजी साइमन से सीधा संपर्क कर मामले की जानकारी हासिल की थी। इस दौरान साइमन ने बूम को बताया कि वायरल तस्वीर में दिख रही युवतियां केरल की महिला पुलिस नहीं बल्कि उलियाथुदुका में एक अरबी कॉलेज की छात्राएं थीं।
Conclusion
वायरल तस्वीर की पड़ताल के दौरान उपरोक्त मिले तथ्यों से हमें पता चला कि तस्वीर में बुर्का पहने दिख रही युवतियां केरल की महिला पुलिस नहीं बल्कि उलियाथुदुका में एक अरबी कॉलेज की छात्राएं हैं।
Result-Misleading
Our Sources
https://twitter.com/pendown/status/1328262039798575105
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A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.