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Fact Check
सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है। वायरल तस्वीर में एक महिला को ट्रैक्टर चलाते हुए देखा जा सकता है। तस्वीर शेयर करने वाले यूज़र का दावा है कि दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलन में हिस्सा लेने के लिए हरियाणा से कुछ महिलाओं की एक टुकड़ी स्वयं ट्रैक्टर चलाकर टिकरी बॉर्डर के लिए कूच कर रही है।
केंद्र द्वारा बनाये गए नए कृषि कानून का विरोध पिछले कई दिनों से दिल्ली की सीमाओं पर चल रहा है। पंजाब, हरियाणा समेत देश के कई राज्यों के किसान व किसान संगठनों ने विरोध प्रदर्शन का मोर्चा संभाला हुआ है। देश के किसान नए कृषि कानून को वापस लेने तथा फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। हालांकि केंद्र ने दावा किया है कि किसानों से बातचीत का प्रस्ताव रखा गया है, लेकिन अभी तक कोई निष्कर्ष नहीं निकला है।
सोशल मीडिया पर भी किसान आंदोलन की चर्चा खूब हो रही है। जिसके चलते सैकड़ों संदेश वायरल हो रहे हैं। इस दौरान newschecker के एक पाठक ने हमें WhatsApp पर एक तस्वीर भेज कर इसकी प्रमाणिकता जांचने को कहा। तस्वीर के साथ कहा गया है कि हाल ही में हरियाणा से कुछ महिलाओं की एक टुकड़ी दिल्ली के लिए रवाना हुई है।
तस्वीर के साथ वायरल हो रहे दावे की सत्यता जानने के लिए हमने अपनी पड़ताल आरम्भ की। पड़ताल के दौरान सबसे पहले वायरल तस्वीर को गूगल पर रिवर्स इमेज टूल के माध्यम से खोजना शुरू किया। खोज के दौरान हमें वायरल तस्वीर hindustan times की वेबसाइट पर 06 फरवरी साल 2017 को छपे एक लेख में मिली।
लेख के मुताबिक यह तस्वीर हरियाणा में जाट आरक्षण के लिए हुए आंदोलन की है। जहां जाट महिलाएं आरक्षण के लिए हुए आंदोलन में हिस्सा लेने के रोहतक के जस्सिआ गांव जा रही हैं।
पड़ताल के दौरान वायरल तस्वीर Outlook की वेबसाइट पर भी मिली। जहां तस्वीर के कैप्शन में जानकारी देते हुए इसे जाट आंदोलन के दौरान का बताया गया है।
इसके बाद हमने गूगल पर जाट आरक्षण आंदोलन क्या है इसकी जानकारी प्राप्त करने के लिए खोजा। खोज के दौरान दैनिक भास्कर की वेबसाइट पर छपे एक लेख से जानकारी मिली कि हरियाणा की 30 प्रतिशत आबादी वाली जाट कम्युनिटी अपने लिए OBC (अन्य पिछड़ा वर्ग) आरक्षण में हिस्सा चाहती है।
साल 2012 में हरियाणा कांग्रेस की तत्कालीन भूपेंद्र सिंह हुड्डा सरकार ने स्पेशल बैकवर्ड क्लास के तहत जाट, सिख, रोड, बिश्नोई और त्यागी कम्युनिटी को आरक्षण दिया था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने जाटों को पिछ़ड़ा मानने से इनकार कर सरकार का ऑर्डर कैंसल कर दिया था।
वायरल तस्वीर के साथ शेयर हो रहे दावे की पड़ताल के दौरान उपरोक्त मिले तथ्यों से पता चला कि महिला द्वारा ट्रैक्टर चलाने वाली वायरल तस्वीर का दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे मौजूदा किसान आंदोलन से कोई संबंध नहीं है। असल में यह तस्वीर साल 2017 की है जब हरियाणा की जाट महिलाएं रोहतक के जस्सिआ गांव में चल रहे जाट आरक्षण आंदोलन में हिस्सा लेने जा रही थीं।
https://www.bhaskar.com/HAR-ROH-OMC-fact-about-jaat-reservation-5254530-PHO.html/
https://live.outlookindia.com/photos/topic/communities/102401?photo-133142
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