सोशल मीडिया पर राष्ट्रीय जनता दल के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से एक वीडियो शेयर कर यह दावा किया गया कि बिहार में हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों के दौरान चुनाव आयोग की देखरेख में घपलेबाजी हुई है.
बीते सप्ताह बिहार में हुए विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद महागठबंधन के घटक दलों ने चुनाव प्रक्रिया से लेकर मतगणना तक की प्रक्रिया पर धांधली के आरोप लगाए. महागठबंधन के प्रमुख घटक दल राजद ने शुरू में ईवीएम और अब कांग्रेस पार्टी पर हार का ठीकरा फोड़ा है. इसी क्रम में राजद के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से एक वीडियो शेयर किया गया जिसमे चुनाव की प्रक्रिया में शामिल एक कर्मचारी को महिला के वोट को प्रभावित करते दिखाया गया है. वीडियो शेयर कर राजद ने दावा किया कि बिहार में हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान चुनाव आयोग की देखरेख में घपलेबाजी हुई है. यह दावा ट्विटर और फेसबुक समेत तमाम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर धड़ल्ले से शेयर किया जा रहा है.
ट्विटर यूजर्स द्वारा शेयर किये इस तरह के अन्य दावे यहां देखे जा सकते हैं.
फेसबुक यूजर्स द्वारा शेयर किये इस तरह के अन्य दावे यहां देखे जा सकते हैं.
Fact Check/Verification
वायरल वीडियो की पड़ताल के लिए हमने सबसे पहले वीडियो को की-फ्रेम्स में बांटा तथा एक की-फ्रेम की सहायता से गूगल सर्च किया. हालांकि इस प्रक्रिया में हमें कोई ठोस जानकारी नहीं मिली. इसके बाद हमने वीडियो के अन्य की-फ्रेम्स को गूगल पर ढूंढा जहां हमें यह जानकारी मिली कि वायरल वीडियो पिछले साल का है तथा चुनाव में घपलेबाजी की यह वारदात हरियाणा के फरीदाबाद में हुई थी.
गूगल सर्च के परिणामों में हमें Gulf News में प्रकाशित एक लेख मिला जिसमे वायरल वीडियो को हरियाणा का बताया गया है.
गौरतलब है कि Gulf News ने अपने लेख में एनडीटीवी के पत्रकार Arvind Gunasekar के एक ट्वीट का हवाला देते हुए उक्त जानकारी दी है. Arvind Gunasekar के द्वारा किये गए ट्वीट के जवाब में हमें भारत के चुनाव आयोग के चुनाव आयुक्त अशोक लवासा का जवाब भी मिला जिसमे उन्होंने यह जानकारी दी है कि उक्त व्यक्ति एक पोलिंग एजेंट है जिसे गिरफ्तार कर उचित कार्रवाई की जा रही है.
इसके बाद हमें इस विषय पर कई अन्य मीडिया रिपोर्ट्स भी प्राप्त हुईं जो कि Gulf News द्वारा उपरोक्त लेख में दी गई जानकारी का समर्थन करती हैं.
इस तरह हमारी पड़ताल में यह बात साफ़ हो जाती है कि वायरल वीडियो हाल ही में संपन्न बिहार विधानसभा चुनाव से संबंधित नहीं है बल्कि फरीदाबाद का एक साल पुराना वीडियो है. इस तरह राष्ट्रीय जनता दल के आधिकारिक ट्विटर हैंडल द्वारा किया गया यह दावा हमारी पड़ताल में गलत साबित होता है.
Result: Misleading
Sources:
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