Authors
A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.
इस साल टोक्यो ओलंपिक के दौरान खेलभावना की शानदार मिसाल पेश करने वाले कई दिलचस्प नजारे देखने को मिले, चाहे वह अर्जेंटीना के कोच और खिलाड़ी का प्यार हो या फिर 13 साल की बच्ची का गोल्ड या फिर इटली के जियानमार्को ताम्बरी और कतर के मुताज़ बर्शिम के आपस में स्वर्ण पदक बांटने वाला मामला हो। इसी बीच इंटरनेट पर दो विदेशी धावकों की एक तस्वीर के साथ दावा किया गया है कि टोक्यो ओलंपिक में केन्या (kenya) के सुप्रसिद्ध धावक को उनके पीछे आने वाले स्पेन के प्रतिस्पर्धी, इवान फर्नांडिज ने धक्का मारकर फिनिशिंग लाइन पार करवाई और उन्हें स्वर्ण पदक जितवाया।
वायरल फेसबुक पोस्ट का लिंक यहाँ देखें।
इस वायरल फेसबुक पोस्ट को अबतक 3 हजार लाइक मिले हैं तथा 475 बार शेयर किया गया है। इसके साथ ही वायरल पोस्ट को ट्विटर पर भी कई अन्य यूज़र्स द्वारा शेयर किया गया है।
Fact Check / Verification
कोरोना की वजह से किसी भी सार्वजनिक कार्यक्रम/आयोजन के लिए कुछ दिशा निर्देशों का पालन अनिवार्य है। इस वायरल तस्वीर में कोई भी ऐसा करता नहीं दिख रहा है. इसलिए हमें तस्वीर के पुराना होने की आशंका हुई।
वायरल तस्वीर को गूगल पर रिवर्स इमेज टूल की सहायता से खोजना शुरू किया। इस प्रक्रिया में veryjoeandbullish नामक एक ब्लॉग पर 21 जनवरी साल 2013 को प्रकाशित हुए, एक लेख में यह तस्वीर मिली। लेख के मुताबिक, वायरल तस्वीर 2 दिसंबर, 2012 को स्पेन स्थित बुर्लाडा में हो रही एक क्रॉस-कंट्री रेस के दौरान की है।
तस्वीर की अधिक जानकारी के लिए हमने गूगल पर और बारीकी से खोजना शुरू किया। इस दौरान हमें 31 जुलाई 2021 को India times की वेबसाइट पर प्रकाशित एक लेख मिला। जहां इस पूरे मामले की विस्तृत जानकारी दी गयी है।
लेख के मुताबिक, यह मामला साल 2012 में स्पेन के नवरे में हुई एक क्रॉस कंट्री रेस के दौरान का है। दरअसल मामला यह है कि रेस के दौरान केन्या के धावक एबल म्यूताई आगे चल रहे थे और उनके पीछे थे स्पेन के इवान फर्नांडिज। फिनिशिंग लाइन से कुछ मीटर पहले ही अचानक आगे चल रहे म्यूताई रुक गए और उन्हें लगा कि फिनिशिंग लाइन आ गई। जिसे देखकर पीछे चल रहे इवान आगे नहीं निकले, बल्कि उन्होंने स्पेनिश भाषा में चिल्लाते हुए केन्याई धावक को समझाने की कोशिश की। भाषा ना समझ आने के चलते केन्याई धावक ने जब कुछ नहीं किया तो स्पेनिश धावक ने केन्या के म्यूताई को धक्का देकर विनिंग लाइन पार करवा दी।
इसके बाद की गई पड़ताल में हमें साल 2012 में स्पेन में हुई उस क्रॉस कंट्री रेस का वीडियो भी eitb के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर मिला। जहां इवान फर्नांडिज, एबल म्यूताई को धक्का देकर आगे बढ़ाते हुए दिख रहे हैं।
Conclusion
वायरल दावे की पड़ताल के दौरान मिले तथ्यों से पता चला कि स्पेन धावक द्वारा केन्या के धावक को धक्का देकर जितवाने वाला यह वाकया, टोक्यो ओलंपिक का नहीं बल्कि साल 2012 में स्पेन में हुई एक क्रॉस कंट्री रेस के दौरान का है।
Result – Misleading
Our Sources
https://www.youtube.com/watch?v=Q-23xtM3gnE
http://veryjoeandbullish.blogspot.com/2013/01/not-all-top-athletes-are-ruthless-and.html
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A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.