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Claim:
उत्तराखंड के जंगलों में लगी भीषण आग।
जानिए क्या है वायरल दावा:
देश कोरोनोवायरस महामारी से जूझ रहा है तो वहीं दूसरी तरफ उत्तराखंड पर्यावरण त्रासदी से लड़ रहा है। Business Insider की एक रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तराखंड में लगभग चार दिनों से जंगल में भीषण आग लगी हुई है। उत्तराखंड से कुल 46 जंगलों में आग लगने की सूचना मिली है। यह भी बताया गया है जंगल की आग से लगभग दो दर्जन घटनाओं के साथ कुमाउं सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र है।
Verification:
कोरोना संकट के बीच उत्तराखंड के जंगलों में लगी भीषण आग की कई तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। आग लगने के कारण उत्तराखंड जंगल की 71 हेक्टेयर जमीन पूरी तरह से बर्बाद हो गई है। कुछ कीवर्ड्स की मदद से हमने वायरल तस्वीरों को खंगालना शुरू किया।
सोशल मीडिया पर वाइल्डफायर की कई भयावह तस्वीरें साझा की जा रही हैं, जिसमें दावा किया गया है कि ये तस्वीरें उत्तराखंड के जंगल में लगी आग की हैं। नीचे कुछ ट्वीट्स को देखा जा सकता है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री, Jitin Prasada सहित कई ब्लू टिक हैंडल्स ने वायरल तस्वीरों को साझा किया है। हमने पाया कि फेसबुक और व्हाट्सएप पर भी वही वायरल तस्वीरें शेयर की जा रही हैं।
Tik-Tok पर भी इस दावे को शेयर किया जा रहा है।
वायरल तस्वीरों की सत्यता जानने के लिए हमने तस्वीरों को एक-एक करके फैक्ट चैक करना शुरू किया।
पहली तस्वीर: हमने पाया कि विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर यह तस्वीर सबसे अधिक वायरल हो रही है।
Google Reverse करने पर हमें News18 India द्वारा प्रकाशित की गई मीडिया रिपोर्ट मिली। पड़ताल में हमने पाया कि इस लेख में भी वायरल तस्वीर का इस्तेमाल किया गया है। यह लेख 30 अप्रैल, 2016 को प्रकाशित किया गया था। इसकी हेडलाइन में लिखा गया है, ‘उत्तराखंड के जंगल में लगी आग, वायु सेना ने की मदद।’ इस तस्वीर का श्रेय अरुप साह (Arup Shah) को दिया गया है।
अब हमने फेसबुक पर Arup Shah की प्रोफाइल को खोजा और पाया कि उन्होंने 28 अप्रैल 2016 को अपनी प्रोफाइल पर वायरल तस्वीर को अपलोड किया था।
हिंदी न्यूज़ चैनल ABP News ने भी अपने लेख में वायरल तस्वीर का इस्तेमाल किया है।
दूसरी तस्वीर:
यह सोशल मीडिया पर वायरल एक और तस्वीर है। पूर्व केंद्रीय मंत्री, जितिन प्रसाद ने भी आग की लपटों वाली तस्वीरों का एक कोलाज ट्वीट किया है। वायरल तस्वीर में उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले में बड़े पैमाने पर लगी आग को देखा जा सकता है। हालांकि, बाद में उन्होंने अपना ट्वीट डिलीट कर दिया था। यहां ट्वीट का Archive Version देखा जा सकता है।
Google Reverse Search करने पर हमें Gulf Today द्वारा 14 मई, 2019 को प्रकाशित की गई मीडिया रिपोर्ट मिली। इससे हमने जाना कि पूरे भारत के जंगल में भीषण आग लग गई है। खोज में हमने पाया कि तस्वीर को साल 2019 में भी इस्तेमाल किया गया था। हालांकि, हम तस्वीर के सही स्थान का पता नहीं लगा पाए।
तीसरी तस्वीर:
ट्विटर पर एक यूज़र ने दो तस्वीरों को ट्वीट किया था। जबकि दूसरी तस्वीर को हमने डिबंक कर दिया है, फिर हमने ट्वीट की गई पहली तस्वीर को खोजा।
तस्वीर की पुष्टि के लिए हमने Getty Image वेबसाइट को खंगाला। पड़ताल में हमने वायरल तस्वीर को 18 सितंबर, 2007 का पाया। विवरण के अनुसार, यह तस्वीर तब ली गई थी जब कैलिफोर्निया (California) के फॉनस्किन (Fawnskin) में बहुत भयंकर आग लगी थी। इस तस्वीर का श्रेय डेविड मैकएन (David McNew) को दिया गया है।
चौथी तस्वीर: एक ट्विटर यूज़र ने चार तस्वीरों वाला एक कोलार्ज ट्वीट किया था। हमने पहली दो तस्वीरों को डिबंक कर दिया है जबकि अन्य दो तस्वीरों की भी हमने जांच की।
Google Reverse Image Search करने पर हमें पाया कि 1 जून, 2018 को Times of India द्वारा प्रकाशित की गई मीडिया रिपोर्ट में वायरल तस्वीर को इस्तेमाल किया गया है।
इस लेख की हेडलाइन में लिखा गया है, फॉरेस्ट फायर ने अकेले हिमाचल में चार लोगों की जान ले ली है।
6 मई, 2016 को NDTV द्वारा प्रकाशित की गई मीडिया रिपोर्ट में मिली। इस लेख में वायरल तस्वीर का इस्तेमाल किया गया है। लेख की हेडलाइन में लिखा है, उत्तराखंड में बारिश, राहत और व्यापार की उम्मीदें लेकर आती है।
हमने अब चौथी तस्वीर की जांच शुरू की। Google Reverse Image Search करने पर हमें Flickr नामक वेबसाइट का लिंक मिला जिसमें इस तस्वीर के बारे में बताया गया है। वेबसाइट के अनुसार, यह तस्वीर 17 अगस्त, 2013 को क्लिक की गई थी। कैप्शन के साथ-साथ, तस्वीर में लिखा है, ‘कैलिफोर्निया के पास स्टैनिस्लास (Stanislaus) नेशनल फॉरेस्ट में द रिम फायर (The Rim Fire) 17 अगस्त, 2013 को शुरू हुआ और इसकी जांच चल रही है। इस तस्वीर का श्रेय माइक मैकमिलन (Mike McMillian) को दिया गया है।
इस बीच, उत्तराखंड वन अग्निशमन विभाग (Uttarakhand Forest Fire department ) ने भी स्पष्ट किया कि सोशल मीडिया पर साझा की जा रही तस्वीरें फर्ज़ी हैं। दमकल विभाग ने भी उपयोगकर्ताओं से प्रामाणिक जानकारी साझा करने का अनुरोध किया।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी ट्वीट कर कहा है कि लोगों को भ्रमित करने के लिए आग की पुरानी तस्वीरों को सोशल मीडिया पर साझा किया जा रहा है। जंगल की आग की तस्वीरें 2016 और 2019 की हैं, जबकि कुछ तस्वीरें वास्तव में चिली और चीन के जंगल की आग की थीं।
दूसरे ट्वीट के माध्यम से उन्होंने एक ग्राफिक भी पोस्ट किया, जिससे पता चलता है कि 25 मई तक लगभग 72 हेक्टेयर क्षेत्र जंगल की आग से प्रभावित हुआ है। जबकि पिछले साल 25 मई तक लगभग 1,600 हेक्टेयर क्षेत्र जंगल की आग से प्रभावित हुआ था।
पत्रकार गार्गी रावत ने वन विभाग के एक अधिकारी डॉ पराग मधुकर का एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें स्पष्ट किया गया है कि उत्तराखंड में बड़े पैमाने पर जंगल नहीं हैं। उन्होंने आगे कहा कि कई पुराने और गलत दृश्य सोशल मीडिया पर साझा किए जा रहे हैं।
ANI ने पुलिस महानिदेशक (कानून और व्यवस्था) अशोक कुमार के उस बयान के वीडियो को ट्वीट किया जिसमें वो कह रहे हैं कि कुछ उपयोगकर्ताओं ने सोशल मीडिया पर अफवाह फैला दी थी कि उत्तराखंड के जंगलों में बड़े पैमाने पर आग लगी है, जो सच नहीं है। जो तस्वीरें साझा की जा रही हैं, वे पुरानी तस्वीरें हैं जब एक भीषण आग लगी थी, जबकि कुछ तस्वीरें विदेशों की हैं। उन्होंने आगे कहा कि अफवाह फैलाने वाले लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जा रही है और कड़ी कानूनी कार्रवाई होगी।
जंगल में लगी आग वास्तव में उत्तराखंड को तबाह कर रही है। लेकिन सोशल मीडिया पर बड़े पैमाने पर साझा की जा रही कुछ तस्वीरें भ्रामक हैं। दरअसल उत्तराखंड के जंगल के नाम से वायरल हो रही तस्वीरें पुरानी हैं जिसका हालिया आग से कोई लेना-देना नहीं है।
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