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शिरडी के साईं बाबा की नहीं है सोशल मीडिया पर वायरल हुई यह तस्वीर

सोशल मीडिया पर एक तस्वीर को शेयर कर दावा किया गया है कि यह साईं राम की असली तस्वीर है। वायरल तस्वीर पर लिखा है ‘रियल फ़ोटो बाबा के साईं राम।’ 

एक फेसबुक यूजर ने तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा कि ‘ओरिजिनल, ओल्ड फ़ोटो ओम साईं राम.’

 

यह साईं राम की असली तस्वीर है
Courtesy: Facebook/vipul.khakhkhar.3

उपरोक्त फेसबुक पोस्ट को यहां देखा जा सकता है। 

यह साईं राम की असली तस्वीर है
Courtesy: Facebook/AshuKumar

उपरोक्त फेसबुक पोस्ट को यहां देखा जा सकता है। 

यह साईं राम की असली तस्वीर है
Courtesy: Facebook/anurag.anand.75286

उपरोक्त फेसबुक पोस्ट को यहां देखा जा सकता है। 

यह साईं राम की असली तस्वीर है
Courtesy: Facebook/sachin.kanjania

उपरोक्त फेसबुक पोस्ट को यहां देखा जा सकता है। 

18 जनवरी 2020 को जनसत्ता द्वारा प्रकाशित एक लेख के मुताबिक, साईं बाबा को भारत में महान संत के रूप में जाना जाता है, तो वहीं कुछ लोग इनको भगवान के रूप में भी पूजते हैं। बतौर लेख, कुछ विद्वानों का मानना है कि इनका जन्म महाराष्ट्र के पाथरी गांव में 28 दिसंबर 1835 को हुआ था। इसी बीच सोशल मीडिया पर एक तस्वीर को शेयर कर दावा किया गया है कि यह साईं राम की असली तस्वीर है।

Fact Check/Verification 

‘यह साईं राम की असली तस्वीर है’ दावे के साथ शेयर की गई तस्वीर का सच जानने के लिए हमने इसे गूगल रिवर्स की मदद से खोजना शुरू किया। इस प्रक्रिया में हमें 15 मार्च 2017 को Luthar.com द्वारा प्रकाशित एक लेख मिला। इस लेख में वही तस्वीर प्राप्त हुई जो अभी वायरल दावे के साथ शेयर की जा रही है। प्राप्त लेख के मुताबिक, 14 अप्रैल 1950 को श्री रमण महर्षि ने समाधि ले ली थी और यह तस्वीर श्री रमण महर्षि की है।

 

यह साईं राम की असली तस्वीर है
Courtesy:Luthar.com

प्राप्त लेख को पढ़ने के बाद पता चला कि मुमकिन है कि दावे के साथ वायरल तस्वीर साईं राम की ना होकर श्री रमण महर्षि की हो। 

इसके बाद हमने कुछ कीवर्ड्स का प्रयोग करते हुए गूगल पर खोजना शुरू किया। इस दौरान हमें भगवान श्री रमण महर्षि नाम की एक वेबसाइट मिली। प्राप्त वेबसाइट पर ‘यह साईं राम की असली तस्वीर है’ दावे के साथ शेयर की जा रही वायरल तस्वीर मौजूद है। वेबसाइट पर मौजूद तस्वीर के साथ कुछ जानकारी भी दी गयी थी। जानकारी के मुताबिक, “1948 में भगवान श्री रमण महर्षि के बाएं कोहनी में मटर के दाने के आकार का ट्यूमर हुआ, वह ट्यूमर कैंसरस था। 14 महीनों में भगवान के 4 ऑपरेशन हुए। 14 अप्रैल 1950 को भगवान की सांसें धीमी हो गई। भगवान ने ऑक्सीजन उपचार लेने से मना कर दिया और समाधि की मुद्रा में बैठ गए और अपने देह को त्याग दिया।” 

यह साईं राम की असली तस्वीर है
Courtesy: Myramanamaharishi.com

इसके बाद हमने कुछ और कीवर्ड्स की मदद से गूगल पर खोजना शुरू किया। इस दौरान हमें Tumblr.com की वेबसाइट पर वायरल तस्वीर मिली। प्राप्त तस्वीर के डिस्क्रिप्शन के मुताबिक, यह तस्वीर तमिलनाडु के तिरुवन्नामलाई की है। यह तस्वीर 1950 की है जब संत श्री रमण महर्षि की मौत हुई थी और उनके भक्तों ने उन्हें घेर रखा था। तस्वीर के डिस्क्रिप्शन के मुताबिक, इस तस्वीर को Henri Cartier Bresson ने क्लिक किया था।

 

यह साईं राम की असली तस्वीर है
Courtesy: Tumblr.com

वायरल हुई तस्वीर और साईं बाबा की तस्वीर में अंतर नीचे देखा जा सकता है।

यह साईं राम की असली तस्वीर है
Comparison

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Conclusion 

इस तरह हमारी पड़ताल में यह साबित हो गया कि ‘यह साईं राम की असली तस्वीर है’ दावे के साथ शेयर की गई तस्वीर असल में श्री रमण महर्षि नामक संत की है। अब तस्वीर को भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।

Result: False Connection/Partly False

Our Sources

Luthar.com: https://luthar.com/2017/03/15/sri-ramana-and-the-comet-in-the-sky/

Myramanamaharishi.com: https://www.myramanamaharishi.com/bhagavan-ramana-maharishis-timline/

Tumblr.com: https://shinymoonbird.tumblr.com/post/159664708316/india-tamil-nadu-tiruvannamalai-1950-the

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