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सीवर के पानी में बंधक बनाये गए पार्षद का पुराना वीडियो भ्रामक दावे के साथ हुआ वायरल

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A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.

सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर यह दावा किया गया कि जलजमाव के बीच दोबारा वोट मांगने गए एक पार्षद को वोटरों ने बंधक बना लिया।

जलजमाव के बीच दुबारा वोट मांगने आये एक पार्षद को वोटरों द्वारा बंधक बना लिया गया.
उक्त दावे को यहां देखा जा सकता है.

देश की राजधानी दिल्ली से लेकर एक छोटे से गांव तक, हर साल मानसून आने के बाद से ही देश में तमाम जगहों पर जलजमाव और बाढ़ की समस्या बढ़ जाती है. ऐसे में कई बार जनता हर चुनाव में लोगों से विकास का वादा करके वोट लेने वाले नेताओं के सामने विरोध जताकर अपना गुस्सा जाहिर करती है. हालांकि, चुनावों के दौरान लोग अपने सारे विरोध प्रदर्शन और नेताओं के बड़े-बड़े वादे सब भूलकर फिर एक नया जनप्रतिनिधि चुनते हैं और बरसात का मौसम आने पर जलजमाव की यही समस्या एक बार फिर लोगों का जीवन दूभर कर देती है.

इसी क्रम में सोशल मीडिया यूजर्स द्वारा एक वीडियो शेयर कर यह दावा किया गया कि जलजमाव के बीच दोबारा वोट मांगने गए एक पार्षद को वोटरों ने बंधक बना लिया.

Fact Check/Verification

जलजमाव के बीच दोबारा वोट मांगने गए एक पार्षद को वोटरों द्वारा बंधक बना लिए जाने के नाम पर शेयर किये जा रहे इस वीडियो की पड़ताल के लिए, हमने इसके एक की-फ्रेम को गूगल पर ढूंढा. इस प्रक्रिया में हमें यह जानकारी मिली कि वायरल वीडियो काफी समय से सोशल मीडिया पर मौजूद है.

गूगल सर्च से प्राप्त परिणाम

वायरल वीडियो को लेकर नवभारत टाइम्स द्वारा 21 नवंबर, 2020 को प्रकाशित एक लेख के अनुसार, यह वीडियो वाराणसी के कोतवाली थाना क्षेत्र के अम्बिया मंडी इलाके का है, जहां 4 महीनों तक जलजमाव की समस्या झेलने के बाद स्थानीय लोगों ने गलियों में घूम रहे पार्षद को बंधक बनाकर नाले के पानी के बीच बैठा दिया था.

नवभारत टाइम्स द्वारा प्रकाशित लेख का एक अंश

नवभारत टाइम्स द्वारा प्रकाशित लेख में मौजूद जानकारी के आधार पर हमने ‘वाराणसी में लोगों ने पार्षद को बनाया बंधक’ कीवर्ड को यूट्यूब पर ढूंढा. इस प्रक्रिया में हमें वायरल वीडियो के साथ प्रकाशित कई वीडियो रिपोर्ट्स प्राप्त हुईं.

यूट्यूब सर्च से प्राप्त परिणाम

NDTV द्वारा 21 नवंबर, 2020 को प्रकाशित एक वीडियो रिपोर्ट के अनुसार, यह वीडियो वाराणसी का ही है जहां सीवर का पानी जमा होने से परेशान लोगों ने स्थानीय पार्षद को कई घंटे तक कुर्सी पर बांधकर सीवर के पानी के बीच बैठाये रखा था.

इसी प्रकार ABP News, News24, OneIndia, Zee News और Live VNS – Varanasi News द्वारा साल 2020 के नवंबर माह में प्रकाशित वीडियो रिपोर्ट्स में भी वीडियो को वाराणसी का बताया गया है.

Conclusion

इस प्रकार हमारी पड़ताल में यह बात साफ हो जाती है कि जलजमाव के बीच दोबारा वोट मांगने गए एक पार्षद को वोटरों द्वारा बंधक बना लेने के नाम पर शेयर किया जा रहा यह दावा भ्रामक है. असल में वायरल वीडियो साल 2020 के नवंबर माह का है, जब वाराणसी में जलजमाव से त्रस्त लोगों ने स्थानीय पार्षद को बंधक बना लिया था.

Result: Missing Context

Our Sources

Article published by Navbharat Times on 21 November, 2020
Video report published by NDTV on 21 November, 2020
Video report published by ABP Ganga on 21 November, 2020
Video report published by News24 on 21 November, 2020
Video report published by OneIndia on 21 November, 2020
Video report published by Zee News on 21 November, 2020

किसी संदिग्ध ख़बर की पड़ताल, संशोधन या अन्य सुझावों के लिए हमें WhatsApp करें: 9999499044  या ई-मेल करें: checkthis@newschecker.in

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A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.

Saurabh Pandey
A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.

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