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Fact Sheets
अगर आप सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं तो आप भी Disha Ravi, Nikita Jacob आदि नामों से परिचित होंगे. सोशल मीडिया पर इन नामों के इर्दगिर्द हजारों पोस्ट्स शेयर किये जा चुके हैं. इसी क्रम में हम Disha Ravi और Nikita Jacob से जुड़ी कुछ सत्यापित जानकारी आपके साथ शेयर कर रहें हैं ताकि आप भ्रामक जानकारी को पहचान कर उसे फैलने से रोक सके.
3 फरवरी को Greta Thunberg नामक एक Environment Activist ने भारत में प्रदर्शनकारी किसानों के समर्थन में कुछ ट्वीट्स किये. जिनमें से एक ट्वीट में Greta ने एक Toolkit भी शेयर किया. हालांकि थोड़े समय बाद Greta ने टूलकिट वाले ट्वीट को डिलीट भी कर दिया. लेकिन जब तक Greta इस टूलकिट को डिलीट करती तब तक कई ट्विटर यूजर्स ने इस टूलकिट को डाउनलोड/आर्काइव कर लिया था. गौरतलब है कि Greta द्वारा शेयर किये गए टूलकिट में पब्लिक्ली एक्सेसिबल डाक्यूमेंट्स भी थे, जिन्हें कोई भी गूगल यूजर एडिट कर सकता है. इसलिए असल टूलकिट में क्या-क्या जानकारियां या दावे शेयर किये गए थे यह बता पाना थोड़ा मुश्किल है. हालांकि टूलकिट वाले ट्वीट को डिलीट करने के थोड़े समय बाद Greta ने एक अन्य ट्वीट में दूसरी टूलकिट शेयर कर यह दावा किया कि पिछली टूलकिट हटा दी गई क्योंकि वह पुरानी थी. यह नयी टूलकिट है जिसका प्रयोग किसान आंदोलन का समर्थन करने के लिए किया जा सकता है.
दिल्ली पुलिस ने 4 फ़रवरी यानि Greta के टूलकिट वाले ट्वीट के अगले दिन इस मामले में संज्ञान लेते हुए टूलकिट के निर्माताओं के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया था. इसी क्रम में दिल्ली पुलिस ने 14 फ़रवरी को Disha Ravi नामक Environment Activist को गिरफ्तार किया. कई सोशल मीडिया यूजर्स ने यह दावा किया कि टूलकिट में कुछ ऐसी सामग्री भी थी जिसके आधार पर टूलकिट शेयर करने वाले और इसके निर्माता के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए. वहीं कई यूजर्स ने यह भी दावा किया कि Disha निर्दोष हैं तथा उन्होंने पूरी Toolkit में सिर्फ 2 पंक्तियाँ एडिट की थी इसलिए उन्हें कोई सजा नहीं मिलनी चाहिए.
दिल्ली पुलिस ने अपनी इस कार्रवाई के पीछे यह कारण दिया कि Disha टूलकिट की एडिटर थी और उन्होंने WhatsApp Groups बनाकर Toolkit बनाने में मदद की. दिल्ली पुलिस ने यह भी दावा किया कि Disha ने इस काम में Poetic Justice Foundation नामक एक खालिस्तान समर्थक संस्था का सहयोग भी लिया था. Delhi Police ने आगे दावा किया कि Disha ने Greta के ट्वीट के बाद उनको यह सलाह दी कि उन्हें अपना ट्वीट डिलीट कर देना चाहिए. दिल्ली पुलिस ने आगे Disha द्वारा सिर्फ 2 पंक्तियाँ एडिट करने को लेकर यह दावा किया कि Disha ने सिर्फ 2 पंक्तियाँ एडिट नहीं की थी.
इसके बाद 15 फ़रवरी को दिल्ली पुलिस ने इस मामले में Poetic Justice Foundation के Mo Dhaliwal से संपर्क कर षड्यंत्र रचने के मामले में Nikita Jacob और Shantanu नामक दो लोगों के खिलाफ गैर ज़मानती वारंट जारी कर इन दोनों की संलिप्तता का दावा किया.
Disha की गिरफ़्तारी और Nikita Jacob और Shantanu के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद सोशल मीडिया पर तीनों ही लोगों को लेकर तमाम तरह के दावे किये जाने लगे. कुछ सोशल मीडिया यूजर्स इस मामले पर Delhi Police का समर्थन कर रहे थे तो वहीं कुछ यूजर्स पुलिस की इस कार्रवाई को राजनीतिक पूर्वाग्रह से पीड़ित भी बता रहे थे. इसी क्रम में कई सोशल मीडिया यूजर्स ने Disha और Nikita Jacob के Aam Aadmi Party से संबंध होने का भी आरोप लगाया. बता दें कि पूर्व में भी ऐसा कई बार हुआ है जब किसी विपरीत विचारधारा की महिला के खिलाफ कोई मामला दर्ज होने के बाद उनको लेकर आपत्तिजनक टिप्पणियां की गई हैं. इस विषय पर अधिक जानकारी के लिए Boom live द्वारा मामले की पड़ताल कर तैयार की गई फैक्ट चेक रिपोर्ट यहां पढ़ी जा सकती है.
सोशल मीडिया पर दिशा रवि को लेकर तमाम तरह के दावे किये जा रहे हैं. इसी वजह से हम अपने इस लेख के माध्यम से अपने पाठकों के सामने दिशा के बारे में सत्यापित जानकारी रखना चाहते हैं ताकि वो किसी भी भ्रामक जानकारी को शेयर करने से पहले आगाह हो जाएं.
Disha Ravi कर्नाटक की रहने वाली हैं तथा Good Mylk नामक एक संस्था के लिए काम करती हैं. Disha ने कॉमर्स की पढ़ाई की है तथा उन्होंने 2019 में Fridays For Future के Bangalore चैप्टर की शुरुआत की थी.
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दिशा ने एक पॉडकास्ट में अपने बचपन से लेकर एक्टिविज्म करियर तथा पूर्व में Toolkit या इस तरह के Campaigns के बारे में भी खुलकर बात की है। जिसे यहां सुना जा सकता है.
अपने इस लेख के माध्यम से हम अपने पाठकों से यह अनुरोध करना चाहते हैं कि मामले में पुलिस अपनी कार्रवाई कर रही है. मामले की सुनवाई भी न्यायालय में होगी. जब तक मामला न्यायालय के अधीन है तब तक हमें संयम बनाकर किसी भी असत्यापित तथा फेक जानकारी को शेयर करने से बचना चाहिए.