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गुजरात में मंदिर गिराये जाने का 11 साल पुराना वीडियो भ्रामक दावे के साथ हुआ वायरल

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंबानी को जमीन देने के लिए 50 मंदिर तुडवाए। 

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ट्विटर पर एक वीडियो क्लिप तेजी से शेयर की जा रही है। जिसमें अतिक्रमण विरोधी अधिकारियों के साथ पहुंची पुलिस लोगों पर लाठियां भांज रही है। वहीं वीडियो में कुछ मंदिरों के अवशेष भी देखने को मिलते हैं। साथ ही वीडियो में एक शख्स कैमरे के सामने कहता है कि मंदिरों को तोड़ने के अभियान का हम विरोध करते हैं।
ट्वीट में दावा किया गया है कि अंबानी को जमीन देने के लिए ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पचास मंदिर तुड़वाए हैं।
हमनें इस बारे में पड़ताल शुरु की तो एक अन्य पोस्ट में यही दावा करने वाला एक और ट्वीट मिला।
फेसबुक पर ही इसी दावे वाला पोस्ट मिला। वायरल पोस्ट को लेकर पड़ताल शुरू की। गूगल में Narendra modi demolished temples इन कीवर्ड्स की मदद से खोज की तो हमें दस साल पहले टाइम्स ऑफ़ इंडिया में छपी खबर मिली। जिसमें लिखा था, गुजरात की राजधानी गांधीनगर में 80 मंदिरों को अतिक्रमण विरोधी दस्ते ने ध्वस्त किया।
खबर में यह भी लिखा है कि गांधीनगर के जुड़वा शहर अहमदाबाद की नगर पालिका के लिए यह एक अच्छा सबक है जो हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद शहर की यातायात में बाधा डालने वाले मंदिरों के खिलाफ एक्शन नहीं ले सकी।
दूसरी तरफ एनडीटीवी की खबर का वही वीडियो मिला जो ट्विटर और फेसबुक पर अंबानी को जमीन देने के नाम से शेयर किया जा रहा है।
इस खबर में बताया गया है कि अवैध मंदिर और निर्माणों के खिलाफ एक्शन लिया गया।
खोज के दौरान हमें न्यूज 18 की खबर मिली जिसमें बताया गया है कि मंदिरों को ध्वस्त करने के बाद हिंदुत्व के पोस्टर बाॅय नरेंद्र मोदी और हिंदू विश्व परिषद के बीच दरार बढ़ी है। अब तक 80 से ज्यादा मंदिर ध्वस्त किए गए हैं। कलेक्ट्रेट, वन विभाग और पुलिस द्वारा संयुक्त रूप से चलाए जा रहे इस अभियान का उद्देश्य सड़कों को अवैध निर्माणों से मुक्त करना है।
भवनाथ मंदिर ट्रस्ट ने बुधवार को गांधीनगर जिला और सत्र न्यायालय में एक अपील दायर कर मंदिरों के विध्वंस पर रोक लगाने की मांग की।
 
वहीं हमें 21 नवंबर 2008 को इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित खबर मिली जिसमें लिखा था कि गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंदिरों को ध्वस्त करने के अभियान पर तुरंत रोक लगाने के आदेश दिए हैं। विश्व हिंदू परिषद के अध्यक्ष अशोक सिंघल के साथ उनकी बैठक भी हुई। सिंघल ने मुख्यमंत्री से मिलकर गांधीनगर में बड़ी मात्रा में मंदिरों को ध्वस्त किए जाने को लेकर चिंता व्यक्त की।
इस बारे में एनडीटीवी की खबर का वीडियो भी मिला।
इससे साबित होता है कि नरेंद्र मोदी जब दस साल पहले गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब गांधीनगर में सड़कों को अतिक्रमण से मुक्त करने के लिए मंदिर ध्वस्त किए गए थे। मंदिरों को ध्वस्त किए जाने के विरोध में लोगों ने प्रदर्शन किया था। विश्व हिंदू परिषद के अध्यक्ष अशोक सिंघल से हुई चर्चा के बाद मोदी ने यह अभियान रद्द कर दिया था। इसी खबर को अब गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।
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Result- Misleading

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After completing his post-graduation, Yash worked with some of the most renowned newspapers such as like Lokmat, Dainik Bhaskar & Navbharat for the past 6 years. To make sure that no incorrect news reaches people and to maintain peace and harmony in society, he chose to become a fact-checker.

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