Claim–
छत्तीसगढ़ मे आँगनबाड़ी बहनों पर पुलिस द्वारा अत्याचार जिसका ज्ञापन संस्था की राष्ट्रीय अध्यक्षा ने pmo को मिलकर दिया।
Investigation
फेसबुक पर इन दिनों एक वीडियो को खूब शेयर किया जा रहा है। वीडियो में कुछ पुलिस वालों द्वारा महिलाओं पर लाठी चार्ज वाला वीडियो पोस्ट किया गया है। क्लिप में कुछ पुलिस वाले धरना प्रदर्शन कर रही महिलाओं पर बेरहमी से लाठियां बरसा रहे हैं। पोस्ट साझा करने वाला का दावा है कि पुलिस की लाठियों का सामना कर रही महिलाएं आंगनबाड़ी कर्मचारी हैं और लाठियां बरसाने वाली पुलिस छत्तीसगढ़ सरकार की है।
यह वीडियो newschecker.in टीम को प्राप्त होने पर हमने मामले की पड़ताल शुरू की। सबसे पहले हमने वायरल वीडियो की बारीकी से जाँच की। इस दौरान हमारा ध्यान वीडियो में दिख रहे पुलिस वाले की वर्दी पर लगे लोगो पर गया।
पड़ताल की अगली कड़ी में हमने छत्तीसगढ़ पुलिस की वर्दी में लगाए जाने वाले लोगो की जाँच की। जाँच में वीडियो वाला लोगो छत्तीसगढ़ पुलिस के लोगो से मेल नहीं खा रहा था।
LOGO COMPARISON
हमने वीडियो का सच जानने के लिए कुछ कीवर्ड्स के माध्यम से वायरल दावे को गूगल पर खंगाला। खोज में दैनिक जागरण के लेख से पता चला कि आंगनबाड़ी सेविकाओं ने झारखण्ड के मुख्यमंत्री आवास के सामने प्रदर्शन किया था।
लेख के मुताबिक आंगनबाड़ी सेविकाओं ने स्थायीकरण और मानदेय में बढ़ोत्तरी समेत नौ सूत्रीय मांगों को लेकर सीएम आवास का घेराव किया था। गौरतलब है कि 9 सूत्रीय मांगों को लेकर आंगनबाड़ी सेविकाएं 40 दिनों से राजभवन के समीप बेमियाद भूख हड़ताल पर बैठी थीं। यूनियन के साथ बीते कुछ दिन पहले स्वयं मुख्यमंत्री ने भी वार्ता की थी। लेकिन लिखित आश्वासन नहीं मिलने से नाराज़ यूनियन ने हड़ताल जारी रखने का निर्णय लिया था।
मामले में तीन दिनों पूर्व महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग के सचिव ने एक आदेश निकालकर सेविकाओं को काम पर लौटने की अपील की थी और आदेश का पालन न होने पर सचिव ने कार्यमुक्त कर दिए जाने की बात कही थी।
इसी बात से आहत झारखंड राज्य की सेविकाओं द्वारा सीएम आवास को घेरने का प्रयास किया गया जिसके फलस्वरूप पुलिस ने उनपर लाठी चार्ज कर दिया।
खोज के दौरान हमें news 18 के यूट्यूब चैनल पर वायरल क्लिप प्राप्त हुई जहां इस बात की पुष्टि हो गई कि यह मामला झारखंड के रांची का है।
हमारी पड़ताल में वीडियो के छत्तीसगढ़ से होने का दावा झूठा साबित हुआ।
Tools Used
- Google Search
- YouTube Search
Result- Misleading