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सोशल मीडिया के प्रभाव और प्रसार से तो आप सभी वाकिफ़ होंगे लेकिन क्या आपने कभी सोचा था कि लोगों को जोड़ने और सूचनाओं के परस्पर आदान-प्रदान के लिए इस्तेमाल होने वाली टेक्नोलॉजी का प्रयोग झूठ फ़ैलाने और फेक न्यूज़ को बढ़ावा देने के लिए किया जाने लगेगा?
वीडियो कंटेंट के मामले में दुनिया का सबसे बड़ा कंटेंट प्रोवाइडर यूट्यूब, हमेशा अपने एल्गोरिदम में बदलाव करके नए-नए प्रयोगों के माध्यम से अपने प्लेटफार्म को बेहतर करने की कोशिश करता रहता है। यूट्यूब के इन बदलावों का फायदा किस तरह से उठाया जाए ये आपको बेशक ना पता हो पर इस यूट्यूब चैनल ने इसका बखूबी फायदा उठाया है।
Study News नाम के इस यूट्यूब चैनल ने यूट्यूब SEO और Optimization का प्रयोग करके फेक न्यूज़ को एक नया आयाम देने का प्रयास किया है। अब गौर करते हैं फेक न्यूज़ की फैक्ट्री इस यूट्यूब चैनल की उन ख़ास बातों पर जो इसे फेक न्यूज़ की बाकी फैक्टरियों से अलग बनाती है।
1) सब्सक्राइबर काउंट
आप इस चैनल का सब्सक्राइबर काउंट नहीं देख सकते। सब्सक्राइबर्स काउंट छुपाना एक ऐसा फीचर है जिसका प्रयोग बहुत ही कम लोग करते हैं या यूँ कहें कि बहुत ही कम लोग इस फीचर के बारे में जानते हैं।
2) यूट्यूब SEO
अगर इस चैनल द्वारा अपलोड किए गए एक फेक वीडियो पर गौर करें तो पता चलता है कि यूट्यूब टैग्स(SEO) के बेहतरीन प्रयोग से कैसे इन्होने एक झूठी खबर को हजारों लोगों तक पहुंचाया है।
जैसा कि आप ऊपर देख सकते हैं कि कैसे मुंबई के ताज होटल में बम धमाके की झूठी खबर फैलाई गई। अब यहाँ गौर करने वाली बात ये है कि Optimization का कितना बेहतरीन प्रयोग किया गया है।
3) कंटेंट
अब इस चैनल के द्वारा दिखाए जा रहे कंटेंट की बात करे तो हर तीसरी खबर या तो फेक न्यूज़ है या फिर भ्रामक है।
इस चैनल की खास बात यह है कि अगर वीडियो के अंदर कोई फेक न्यूज़ ना भी हो तो भी टाइटल, थंबनेल, डिस्क्रिप्शन आदि के माध्यम से भ्रामक या पूरी तरह से झूठी खबर फ़ैलाने जाने की कोशिश किया गया है।
2) इस वीडियो में देश की राजधानी दिल्ली में बम धमाके की बात की जा रही है जबकि सच यह है कि राजधानी में ऐसा कोई बम धमाका नहीं हुआ है।
3) इस वीडियो में यह दावा किया गया है कि मोदी सरकार ने पाकिस्तान का दाना पानी बंद कर देने का ऐलान किया है जबकि हकीकत में भारत के द्वारा ऐसा कोई ऐलान नहीं किया गया है।
4) ऐसे ही एक वीडियो में मोदी सरकार द्वारा चीनी सामान पर बैन लगाने की बात कही गई है जो कि सरासर झूठ है।
5) फेक न्यूज़ को आगे बढ़ाते हुए इस चैनल के एक वीडियो में एक भ्रामक दावे का सहारा लेते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के द्वारा पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान को भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फ़ोन करने की सलाह देने का दावा किया गया है।
अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में हम ना जाने ऐसे कितने वीडियोज देखते हैं और बिना किसी जांच पड़ताल के उन पर भरोसा कर बैठते हैं। हमें उम्मीद है कि इस लेख को पढ़ने के बाद आप समझ पाएंगे कि कैसे आपने राजनीतिक, धार्मिक या सामाजिक विचारों का फायदा उठाकर फेक न्यूज़ फैलाया जा रहा है और आपसी मनमुटाव बढ़ाकर पैसा कमाया जा रहा है।
JP Tripathi
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Rangman Das
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