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महिला दिवस पर छात्रा को एक दिन के लिए पुलिस अधिकारी बनाये जाने की तस्वीर भ्रामक दावे के साथ वायरल

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Claim

महाराष्ट्र की पहली मुस्लिम महिला आईपीएस ऑफिसर बनी यह लड़की।

दावे का संक्षिप्त विवरण
Asamakhan pathan नामक ट्विटर हैंडल पर एक फोटो शेयर की गई है। इसमें हिजाब पहनी एक लड़की कुर्सी पर बैठी है उसके बगल में पुलिस अफसर और कमर्चारी खड़े हैं। दावा किया जा रहै है कि यह लड़की महाराष्ट्र की पहली मुस्लिम महिला अफसर बनी है। महिला दिवस पर उसे शुभकामनाएं।
Verification- 
हमनें वायरल तस्वीर को लेकर पड़ताल शुरु की। गूगल में कुछ कीवर्ड्स की मदद से खोज की लेकिन कहीं पर महाराष्ट्र की पहली मुस्लिम महिला अफसर बनी युवती के बारे कोई जानकारी नहीं मिली। लेकिन फेसबुक पर इसी दावे वाले कई पोस्ट देखने को मिले। एक पोस्ट में यह बताया गया है कि महाराष्ट्र में 24 साल की मुस्लिम लड़की आईएएस बनी है।
इसके अलावा इसी तरह के दावे वाले कई पोस्ट देखने को मिले।
खोज के दौरान हमें एक फेसबुक पोस्ट मिला जिसमें बताया गया है कि महाराष्ट्र के बुलडाणा जिले में महिला दिवस के मौके पर एक 14 साल की छात्रा को एक दिन की डीएसपी बनाया गया था।
हमनें इस बारे में कुछ कीवर्ड्स की मदद से खोज की तो हमें मराठी समाचारपत्र देशदूत की वेबसाइट पर प्रकाशित खबर में वायरल फोटो मिली। खबर में बताया गया है कि विश्व महिला दिवस के उपलक्ष्य में बुलढाणा में एक छात्रा को एक दिन के लिए डीेएसपी बनाया गया।
वहीं महाराष्ट्र टाइम्स की खबर के मुताबिक जिलाधिकारी सुमन चंद्रा ने जिले में महिला सप्ताह का आयोजन करने का आयडिया दिया था। इसी के तहत मलकापुर तहसील के जिला परिषद उर्दू स्कूल में नौंवी कक्षा की छात्रा सहरीश कंवल को एक दिन के लिए डीएसपी बनाया गया। उसके पिता अब्दुल आसिफ गैराज मैकैनिक हैं और मां घर गृहिणी।
इसके अलावा हमें टाइम्स ऑफ इंडिया के यूट्यूब चैनल पर भी इसका वीडियो मिला।
पड़ताल के दौरान कई टूल्स और कीवर्ड्स का उपयोग करते हुए तथ्यों का बारीकी से अध्ययन किया। इस दौरान पता चला कि यह वायरल फोटो महाराष्ट्र की पहली मुस्लिम आईपीएस या आईएएस लड़की की नहीं बल्कि महिला दिवस पर एक दिन के लिए पुलिस सुपरिटेंडेंट बनाई गई छात्रा की है। सोशल मीडिया में छात्रा की तस्वीर और वीडियो को भ्रामक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।
Sources 
Twitter Advanced Search
Facebook Search
Google Search
Result- Misleading
(किसी संदिग्ध ख़बर की पड़ताल, संशोधन या अन्य सुझावों के लिए हमें WhatsApp करें: 9999499044  या ई-मेल करें: checkthis@newschecker.in)

Authors

After completing his post-graduation, Yash worked with some of the most renowned newspapers such as like Lokmat, Dainik Bhaskar & Navbharat for the past 6 years. To make sure that no incorrect news reaches people and to maintain peace and harmony in society, he chose to become a fact-checker.

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