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मुस्लिम महिलाओं द्वारा मोदी को आशीर्वाद देती पुरानी तस्वीरें सोशल मीडिया में वायरल

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राज्यसभा में ट्रिपल तलाक बिल पास होने पर मुस्लिम महिलाओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आशीर्वाद देते हुए मनाया जश्न।

Verification

लोकसभा के बाद मंगलवार को राज्यसभा में भी ट्रिपल तलाक बिल पास हो गया। इससे मुस्लिम महिलाओं में काफी उत्साह है। उन्होंने मोदी सरकार की प्रशंसा की है। इसी बीच सोशल मीडिया में पीएम मोदी को आशीर्वाद देती मुस्लिम महिला की फोटो के साथ अन्य कुछ तस्वीरें वायरल हो रही हैं। दावा किया जा रहा है कि तस्वीरें बिल पास होने के बाद मुस्लिम महिलाओं द्वारा मनाए गए जश्न की हैं।

कीवर्ड्स की मदद से ट्वीट में शेयर किए गए फोटो को लेकर पड़ताल शुरु की। इस दौरान एक पोस्ट मिली जिसमें यहीं फोटो शेयर की गई थी। 

इस पोस्ट में किए गए दावे को लेकर पड़ताल जारी रखी। गूगल में राज्यसभा में तीन तलाक बिल पास होने पर मुस्लिम महिलाओं ने मनाई खुशी इस कीवर्ड्स की मदद से गूगल खंगाला तो कुछ रिजल्ट्स सामने आए। 

लेकिन किसी भी खबर में वायरल हो रही फोटो या वीडियो नजर नहीं आया। ट्वीट में शेयर की गई पहली फोटो ( जिसमें मुस्लिम महिलाएं पीएम नरेंद्र मोदी का फोटो हाथ में लेकर जश्न मना रही है।) तस्वीर को गूगल पर खंगालने पर न्यूज 18 की पिछले साल सितंबर में प्रकाशित खबर मिली। इस खबर में फोटो के कैप्शन लिखा था कि सुप्रीम कोर्ट का ट्रिपल तलाक को लेकर जजमेंट आने पर मुस्लिम महिलाओं ने बीजेपी के हैदराबाद स्थित ऑफिस में खुशियां मनाई।इससे साफ हो गया कि पहली फोटो 30 जुलाई 2019 की नहीं है।

अब बारी थी दूसरी फोटो की (जिसमें एक मुस्लिम महिला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आशीर्वाद देते हुए दिखाई दे रही है।) खोजने पर पता चला कि यह फोटो आज से करीब 6 साल पुरानी है जब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे। उस समय उन्हें रक्षाबंधन के मौके पर महिला कार्यकर्ताओं ने राखी बांधी थी उसमें कुछ महिलाएं मुस्लिम भी थी।

तीसरी फोटो भी हमें द हिंदू के एक के लेख में मिली जो पांच साल पहले प्रकाशित हुई थी। इससे साफ होता है कि वायरल तस्वीरें राज्यसभा में ट्रिपल तलाक बिल पास होने के बाद की नहीं बल्कि उस समय की हैं जब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे।

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Result- Misleading

Authors

After completing his post-graduation, Yash worked with some of the most renowned newspapers such as like Lokmat, Dainik Bhaskar & Navbharat for the past 6 years. To make sure that no incorrect news reaches people and to maintain peace and harmony in society, he chose to become a fact-checker.

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