A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.
Claim-
कैंपस विरोध में जेएनयू की छात्राओं द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली अधिकांश अश्लील भाषा। और, हम जेएनयू में उनकी पढ़ाई को सब्सिडी देने के लिए टैक्स का भुगतान करते हैं। जेएनयू नामक यह संस्थान जल्द से जल्द बंद होने की हकदार है।
Verification-
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में हुई हिंसक घटना के बाद देश के कोने-कोने से इसका विरोध हो रहा है साथ ही साथ सोशल मीडिया पर तरह-तरह के दावे भी वायरल हो रहे हैं। इसी बीच फेसबुक पर हमें एक वीडियो प्राप्त हुआ। वीडियो में कुछ लड़कियाँ अपमानजनक भाषा का प्रयोग करते हुए जुलूस निकालते हुए नजर आ रही हैं।
दावा है कि यह लड़कियों का जुलूस JNU में निकाला जा रहा है, और कहा जा रहा है कि जिस संस्थान में यह सब सिखाया जाता है, ऐसे संस्थान के लिए हम सब्सिडी देने के लिए टैक्स का भुगतान करते है। इस वीडियो को कई अन्य लोगों ने भी
शेयर किया है।
वीडियो के साथ वायरल हो रहे दावे की सत्यता जानने के लिए हमने अपनी पड़ताल आरम्भ की। हमने वीडियो को कुछ स्क्रीनशॉट्स के माध्यम से गूगल पर खोजा इस दौरान हमें सबसे पहले
Rediff.com नामक वेबसाइट पर साल 2008 को अपलोड हुए एक वीडियो में वायरल घटना प्राप्त हुई। वेबसाइट के मुताबिक यह घटना साल 2008 की है।
Watch IIM Calcutta Girls Swearing XLRI video online on Rediff Videos. More videos of IIM Calcutta, XLRI, XL IIM C meet 2008 are available. Watch and share videos and updates by XLRI.
इसके बाद यूट्यूब पर हमें वायरल वीडियो साल 2011 में भी अपलोड हुआ प्राप्त हुआ।
वीडियो को गौर से देखने पर हमें वीडियो में एक युवक की टी शर्ट पर XLRI छापा दिखाई दिया।
इसके बाद गूगल पर XLRI नाम से खोजने पर झारखंड के जमशेदपुर स्थित एक मैनजमेंट कॉलेज की तस्वीर सामने आयी।
हालांकि यह कहना मुश्किल है कि वीडियो कौन से कॉलेज का है लेकिन उपरोक्त सभी तथ्यों को परखने पर यह पता चला कि वीडियो हाल के दिनों से नहीं है और न ही इसका JNU की किसी भी घटना से कोई संबंध है।
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Result-Misleading
A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.