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A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.
किन भ्रामक खबरों ने इन दिनों सोशल मीडिया पर सुर्खियाँ बटोरी, यहाँ पढ़ें एक सभी साप्ताहिक खबरों का संक्षिप्त वर्णन।
सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर दावा किया जा रहा है कि मुंबई-पुणे एक्सप्रेस-वे पर टोल नाका के बाद लोनावला सेक्टर पार करते समय सभी वाहन सावधान रहें।
लेकिन Hindustan Times और India Today पर प्रकाशित लेख से पता चला कि वीडियो 7 नवंबर 2017 को नोएडा यमुना एक्सप्रेस-वे पर शूट किया गया था जहां घने कोहरे के चलते एक साथ 18 गाड़ियों की आपस में टक्कर हो गई थी।
सोशल मीडिया के एक पोस्ट में मौलाना की दो तस्वीरें वायरल हो रही हैं। एक तस्वीर में उसे पत्थर फेंकने वाली मुद्रा में देखा जा सकता है वहीं दूसरी तस्वीर में उसे घायल होकर अपने बिस्तर पर बैठे हुए देखा जा सकता है। पोस्ट में दावा किया गया है कि एक मौलाना को पहले NRC और CAA के विरोध में लोगों पर पत्थर फेंकते देखा गया बाद में उसी मौलाना ने अपनी जख्मों की तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर कर बताया पुलिस की बर्बरता।
Meet this Peaceful Mullah
Maulana Syed Raja Hussaini 82He was spreading terror, doing riots, pelting stones on the name of Jehad
When beaten by police, he now making PIG like face and PLAYING VICTIM VICTIM
This is Radical Islamic Terror #IStandWithUpPolice #ISupportCAA_NRC pic.twitter.com/vkGhsABN77
— Praveen Agarwal (@PRAVEENGUNA) December 30, 2019
जबकि Press Reader नामक वेबसाइट पर प्रकाशित लेख और ट्विटर पर महाराष्ट्र विधायक ‘वारिस पठान’ के ट्वीट के मुताबिक यह दोनों तस्वीरें दो अलग-अलग मौलाना की है।
Wah kya mardangi hai : Moulana Syed raza hussaini (82),, was dragged out from Madarsa & brutally beaten up by cops in Muzaffarnagar, UP. pic.twitter.com/ujk61rb3Zh
— Waris Pathan (@warispathan) December 29, 2019
जहाँ एक तरफ पत्थर फेंकने वाला मौलाना कानपुर से है, वहीं दूसरी तरफ घायल मौलाना की तस्वीर मुज़फ़्फ़रनगर के एक मदरसे के मौलवी ‘Moulana Syed raza hussaini’ की है
ट्विटर पर एक घायल बच्चे की तस्वीर शेयर कर बताया नीली आँखों वाले स्वीडिश बच्चे पर एक मुस्लिम शरणार्थी द्वारा हमला किया गया
Blue eyes are haram? https://t.co/PbaQ8iEAeL
— David Vance (@DVATW) December 31, 2019
वहीं dailymail.co.uk नामक वेबसाइट पर प्रकाशित लेख से पता चला कि साल 2008 में ‘यूके’ के शहर ‘कार्डिफ़’ में एक पिता अपने घर में ‘रॉटविलर’ नस्ल नामक एक कुत्ता लेकर आये थे जिसने उनकी बेटी ‘सोफ़िया विल्स‘ पर घातक हमला कर दिया था।
2016 का वीडियो सोशल मीडिया पर कांग्रेस नेता ने किया वायरल
राजस्थान के जहाज़पुर से कांग्रेस पार्टी के पूर्व विधायक ‘धीरज गुर्जर’ ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया जहां पुलिस जवानों तथा सादे कपड़ों में कुछ युवकों को प्रदर्शन कर रहे युवक-युवतियों की बर्बरता से पिटाई करते देखा जा सकता है। वीडियो में सवाल पूछा जा रहा है कि पुलिस जवानों के साथ जो युवक नजर आ रहे है वो कौन हैं।
पुलिस के साथ ये कौन लोग है जो महिलाओं को बुरी तरह से मार रहे है? क्या इसी तरह मोदी जी की सरकार महिलाओं का सम्मान करती है? pic.twitter.com/L3jR2fr4OF
— Dheeraj Gurjar (@dgurjarofficial) January 1, 2020
नई-दुनिया की वेबसाइट पर प्रकाशित हुए लेख और NDTV पर प्रसारित हुए वीडियो से पता चला कि वीडियो साल 2016 का है, दरअसल वीडियो की यह घटना 30 जनवरी 2016 को उस दौरान की है जब ‘रोहित वेमुला’ की आत्महत्या के बाद दिल्ली में मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी और आरएसएस के खिलाफ JNU के छात्र प्रदर्शन करते-करते सड़कों पर उतरे थे।
सपा नेता ‘माविया अली’ द्वारा दिया गया कुछ साल पुराना बयान सोशल मीडिया पर हुआ वायरल
ट्विटर पर एक पोस्ट में किसी न्यूज़ चैनल का वीडियो अपलोड हुआ है जहां वीडियो में एक शख्स को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि सबसे पहले हम मुसलमान हैं और बाद में हिंदुस्तानी। अगर किसी कानून से इस्लाम का टकराव होता है तो हम इस्लाम के साथ हैं। हम उस संविधान/कानून को मानने को तैयार नहीं है।
हम पहले मुसलमान हैं… हम इस देश के मालिक हैं !
हम देश के वफादार नहीं हैं… वफादार कुत्ता होता है। pic.twitter.com/FyAj0c5tzI
— Vikash Singh (@iSinghVikash) January 1, 2020
वहीं दैनिक जागरण और नवभारत टाइम्स की वेबसाइट पर प्रकाशित लेख से पता चला कि वीडियो में बयान देने वाला व्यक्ति सहारनपुर के देवबंद से विधायक रह चुके समाजवादी पार्टी के नेता ‘माविया अली’ हैं जिन्होंने विधानसभा चुनाव हारने के बाद यह विवादित बयान दिया था। दरअसल उत्तर प्रदेश सरकार ने मदरसों में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर वंदे मातरम गाने और वीडियो रिकॉर्डिंग करने को अनिवार्य कर दिया था। जिसके विरोध में SP नेता ने विवादित बयान दिया था। इस मामले में माविया ने टीवी चैनल पर बहस के दौरान कहा कि पहले हम मुसलमान हैं फिर हिंदुस्तानी। दुनिया में कहीं भी मुसलमान हो, वो पहले मुसलमान है फिर किसी देश का नागरिक।
US डॉलर और ड्रग्स के साथ बोस्टन के एयरपोर्ट पर पकड़े गए राहुल गाँधी!
ट्विटर पर मधु पूर्णिमा किश्वर नाम की एक सामाजिक कार्यकर्ता ने अख़बार की एक कटिंग शेयर की है जहां यह बताया जा रहा है कि भारत के पूर्व प्रधानमंत्री के बेटे राहुल गांधी को बोस्टन एयरपोर्ट में यूएस डॉलर और ड्रग्स के साथ गिरफ्तार किया गया था जिसे बाद में भारतीय दूत से बात करने के बाद छोड़ा गया।
It’s an open secret that @RahulGandhi was caught with drugs &huge amount in dollars at US airport as reported in this newspaper item. Sadly, #AtalBihariVajpayee rescued him, thanks to pressure by #BrajeshMishra of PMO https://t.co/glzo0DNnJ7
— MadhuPurnima Kishwar (@madhukishwar) January 2, 2020
जबकि Alt news ने मामले की जाँच करते हुए अपने एक लेख में इसे गलत ठहराया है साथ ही एक वीडियो के माध्यम से यह भी जानकारी दी है की कैसे फेक न्यूज़ पेपर कटिंग www.fordey.com नामक वेबसाइट के माध्यम से बनाई जा सकती है।
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A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.