Authors
A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.
Claim:
Aajtak ने एक ऐसी हेडलाइन का प्रयोग किया जिससे कट्टरपंथी लोगों को खुलेआम कत्लेआम करने में प्रोत्साहन मिलता है।
Investigation:
Aajtak को निशाना बनाते हुए यह दावा किया जा रहा है कि यह पक्षपात पूर्ण या धर्म विशेष के समर्थन में ख़बरें प्रसारित करता है। इस दावे को आकाश बनर्जी नामक हास्य कलाकार सहित वकील एवं पूर्व आम आदमी पार्टी नेता प्रशांत भूषण ने भी शेयर किया है। वैसे तो यह किसी के व्यक्तिगत विचार हो सकते हैं और व्यक्तिगत विचारों का फैक्ट चेक नहीं किया जा सकता। लेकिन दावा एक ऐसे चैनल को लेकर था जो कि हिंदी भाषी दर्शकों के बीच काफी लोकप्रिय है। अतः हमने सिर्फ यह जानने का प्रयास किया कि इस तस्वीर का सत्य क्या है? क्या Aajtak ने सच में इस तरह की कोई खबर चलाई थी? बताते चलें कि जो तस्वीर वायरल हो रही है उस पर ‘मुस्लिम मुक्त भारत’ लिखा हुआ है जो कि अपने आप में ही काफी आपत्तिजनक एवं संवेदनशील है अतः हमने Aajtak के नाम पर वायरल हो रहे इस दावे की पड़ताल शुरू की।
अपने पड़ताल के दौरान जब हमने तस्वीर की सहायता से गूगल सर्च किया तो यह दावा कई अन्य जगहों पर भी प्राप्त हुआ।
इस दौरान हमें यह दावा एक यूट्यूब चैनल पर भी मिला जिसमे ‘मुस्लिम मुक्त भारत’ को लेकर कई आपत्तिजनक दावे किए गए हैं।
These headlines, in the guise of debates, are just attempts to Normalise Ideas which lead to Genocide. And Rwanda Radio is proof the role Media can play as an enabler pic.twitter.com/Eq22qrD3Q5
— Joy (@Joydas) November 11, 2018
— Mudassar Ali (@m4mudassar) October 16, 2019
अब हमारे पास एक तस्वीर मौजूद थी जो कि Aajtak के ही एक शो ‘दंगल’ के किसी संस्करण के कीफ्रेम जैसी लगती है लिहाज़ा हमने सबसे पहले तस्वीर पर मौजूद शब्द समूहों का प्रयोग करते हुए गूगल सर्च किया। इससे हमें कई सारे परिणामों के बीच Aajtak पर टेलीकास्ट हुए इस पूरे शो का यूट्यूब लिंक मिला।
यह वीडियो Aajtak के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर 8 नवंबर 2018 को अपलोड किया गया था। तस्वीर में लिखे शब्द देवनागरी लिपि में थे तथा हमने अपनी पड़ताल के दौरान कीवर्ड्स को देवनागरी की बजाय अंग्रेजी में टाइप किया। Google के SEO की वजह से हमें यह वीडियो सबसे ऊपर मिला क्योंकि यूट्यूब पर अपलोड करते समय इस वीडियो को सही ढंग से ऑप्टिमाइज़ किया गया है तथा इसके साथ जो कीवर्ड्स प्रयोग हुए हैं उनकी रैंकिंग काफी अच्छी है।
वीडियो को देखने के बाद हमें यह पता चला कि 14 सेकंड पर वही तस्वीर दिखती है जिसे वायरल किया जा रहा है। अब हमें यह तो पता चल चुका था कि वायरल तस्वीर फोटोशॉप्ड या एडिटेड नहीं है बल्कि सही है।
अब हमने यह जानने का प्रयास किया कि क्या सच में Aajtak ने उसी संदर्भ में यह शो प्रसारित किया था जिस संदर्भ में दावा किया जा रहा है। यह पता करने के लिए हमने एक बार फिर से वीडियो को शुरू से देखना शुरू किया। अपनी पड़ताल के इस चरण में हमने Aajtak के इसी वीडियो का टाइटल देखा जिसमे साफ़-साफ़ लिखा हुआ है “क्या मुस्लिम मुक्त भारत बनाना चाहते हैं Modi? देखिए Dangal Rohit Sardana के साथ।” इसका मतलब कि Aajtak ने स्वयं मुस्लिम मुक्त भारत की पैरवी नहीं की बल्कि सरकार से सवाल पूछने के अर्थ में ‘मुस्लिम मुक्त भारत’ शब्द समूह का प्रयोग किया था।
वीडियो में 1 मिनट 30 सेकंड के बाद एंकर रोहित सरदाना यह कहते हुए देखे जा सकते हैं “ओवैसी कह रहे हैं ये असल में मुसलमानों की जड़ों को काटने की साजिश है। उनका आरोप है कि मोदी और अमित शाह मुस्लिम मुक्त भारत बनाना चाहते हैं। सवाल ये है कि नाम बदलने से क्या होगा, क्या नाम बदलने से वाकई मुस्लिम मुक्त भारत हो जाएगा…..” तो अब इससे यह तो स्पष्ट था कि “मुस्लिम मुक्त भारत” चैनल का स्टैंड नहीं है बल्कि ओवैसी के आरोपों पर सरकार से सवाल करते हुए Aajtak ने यह टाइटल प्रयोग किया था
अब बात जब हैडलाइन और टाइटल्स की हो रही है तो इस बात का जिक्र करना काफी लाज़िमी है कि कुछ समय पूर्व ऐसे ही एक दावे की पड़ताल के दौरान हमें पता चला कि BBC, NDTV, Aajtak जैसे प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों ने खबर को रोचक बनाने के लिए ऐसे ही एक भ्रामक हैडलाइन का सहारा लिया है।
इस दावे पर हमारी पूरी पड़ताल इस लिंक पर जाकर पढ़ी जा सकती है। पड़ताल में यह साबित हो गया कि Aajtak को लेकर किया जा रहा दावा गलत है।
Tools Used:
- Google Search
- Reverse Image Search
- Twitter Advanced Search
Result: Partially True/Misleading
Authors
A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.