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आरबीआई ने नहीं जारी किया 350 रुपये का नोट, सोशल मीडिया में वायरल हुआ नए नोटों से सम्बंधित झूठा दावा

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Claim

आरबीआई ने जारी किए 350 रुपए , 20 रुपए और 5 रूपए के नए नोट। 

 
Verification
 
सोशल मीडिया में 350 रुपए, 20 रुपए और 5 रुपए के नए नोटों की फोटो वायरल हो रही है। दावा किया जा रहा है कि रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया (आरबीआई) ने 2000 रुपए, 500 रुपए, 200 रुपए और 50 रुपए के नए नोट जारी करने के बाद हाल ही में यह नोट जारी किए है।
 
 
सोशल मीडिया में वायरल हो रहे नोटों की फोटो को लेकर हमनें पड़ताल शुरू की। पहले हमनें पांच रुपए के नए नोट को लेकर गूगल खंगालना शुरू किया।
 
पांच रुपए के नोट की तस्वीर ठीक से देखने पर नजर आएगा कि आरबीआई ने हाल में जारी किए 50 रुपए के नोट का रंग बदला है और 5 रुपए का नोट बनाने के लिए उसका शून्य मिटाया है। इस कारण 5 का आंकड़ा भी धुंधला सा दिख रहा है। वहीं नोट में सबसे बड़ी गलती यह है कि नोट पर हिंदी में पचास रुपए लिखा हुआ है। 
 
 
बात 350 रुपए के नोट को लेकर सामने आई। इस नोट पर ‘350’ जिस आकार में छपा है, वह अन्य नोटों की तुलना में थोड़ा पतला और लंबा है। नए नोटों की छपाई इससे अलग है। 2000 रुपए, 500 रुपए  50 रुपए, 100 रूपए के नए नोटों के फाॅन्ट एक जैसा है लेकिन वायरल नोट का फाॅन्ट अलग दिखाई देता है इससे साफ होता है कि यह फोटोशाॅप्ड इमेज है।
 
 

वहीं 20 रुपए के नए नोट को लेकर भी हमनें पड़ताल की। इस नोट पर नज़र डाली तो पता चला कि उसमें 20 बोल्ड फ़ॉन्ट में छपा है। दरअसल यह तस्वीर 200 रुपये के नोट की है। अगस्त 2017 में आरबीआई ने घोषणा की थी कि बाज़ार में 200 रुपये के नए नोट लाए जाएंगे। इसी का फ़ायदा उठाते हुए कई सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्मों पर हिट्स और लाइक्स पाने के लिए 200 रुपये के नोट की फ़र्ज़ी तस्वीरें शेयर की जाने लगीं। नीचे 200 रुपए के ओरिजनल और नकली नोट को देखा जा सकता है। 

 

सोशल मीडिया में 200 रुपए के नोटों का कलर बदलकर और तस्वीर को एडिट कर 20 रुपए के नोट में बदलना है। नीचे आप दो सौ को ओरिजनल नोट देख सकते हैं। 

 
आरबीआई की वेबसाइट पर भी इन नए नोटों के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है। इससे साफ होता है कि सोशल मीडिया में नकली नोटों की फोटो वायरल हो रही है। बता दें कि नोटबंदी के बाद नए नोट जारी करने पर इस तरह के कई भ्रामक दावे वाले पोस्ट सोशल मीडिया में पिछले तीन सालों से देखने को मिल रहे हैं।  
 
Tools Used 
  • Google Keywords Search
  • Google Reverse Image Search 
 
Result-False

Authors

After completing his post-graduation, Yash worked with some of the most renowned newspapers such as like Lokmat, Dainik Bhaskar & Navbharat for the past 6 years. To make sure that no incorrect news reaches people and to maintain peace and harmony in society, he chose to become a fact-checker.

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