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इकोनॉमिक टाइम्स की खबर को सिंगापुर के अख़बार का लेख बताकर सोशल मीडिया में किया गया शेयर

Authors

A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.

Claim

यह सिंगापुर के अखबार की हेडलाइन है। इसमें मोदी की तुलना ली कुआन से की है। ली कुआन ने सिंगापुर को एक छोटे टाउन से विश्व का इकोनॉमिक पावरहाउस बना दिया। भारत आज हर क्षेत्र और विश्व में तेजी से शक्तिशाली देश बनने की और अग्रसर है जो सिर्फ मोदीजी के नेतृत्व मे ही संभव है।

 

Verification

सोशल मीडिया में वायरल हो रहे दावे के मुताबिक सिंगापुर के एक अख़बार ने प्रधानमंत्री मोदी की तुलना सिंगापुर के महान नेता लीकुआन यू से की है। वायरल दावे की पड़ताल के लिए हमनें तस्वीर को गूगल पर सर्च किया जिसके बाद पता चला कि यह दावा काफी समय से वायरल हो रहा है। नीचे दिखाए गए ट्वीट्स से आप यह देख सकते हैं कि कैसे 2016 से लेकर अब तक विभिन्न मौकों पर यह तस्वीर वायरल होती आ रही है।

 

 

 

 

 

मज़े की बात तो यह है कि राज्यसभा सांसद महेश पोद्दार और पत्रकार अनुराग मुस्कान दोनों ने ही इस ख़बर को ट्विटर पर क्रमशः 22 नवम्बर 2018 और 17 नवम्बर 2018 को शेयर किया था।

 

दावे की पड़ताल के दूसरे चरण में जब “A new Lee Kuan Yew is born in India” जैसे कीवर्ड्स के साथ गूगल सर्च किया तो हमें सिंगापुर के “The Independent” नामक एक न्यूज़ पोर्टल में इस खबर से मिलती-जुलती एक खबर मिली। लेकिन दावे में दिए गए अख़बार की ख़बर से यह ऑनलाइन रिपोर्ट मेल नहीं खाती थी इसलिए हमने अपनी पड़ताल जारी रखी। बता दें कि सिंगापुर की “The Independent” नामक यह समाचार एजेंसी इसी नाम के प्रख्यात ब्रिटिश एजेंसी से किसी भी अर्थ में संबंधित नहीं है।

हमने अपनी पड़ताल जारी रखते हुए अलग-अलग कीवर्ड्स के साथ गूगल सर्च किया। गूगल सर्च के दौरान हम कई आर्काइव दस्तावेजों से भी रूबरू हुए। पड़ताल के दौरान हमें दावे में दिए हुए अखबार के शीर्षक से हूबहू मिलता Economics Times का एक लेख प्राप्त हुआ। हालांकि यह लेख हमें Economics Times की वेबसाइट पर नहीं बल्कि Times Of India के ई-पेपर पोर्टल से मिला। हमें अख़बार के कंटेंट से हूबहू मिलता जुलता कंटेंट तो Economics Times के लेख में मिल गया लेकिन फॉर्मेटिंग के लिहाज से देखें तो अख़बार की कटिंग और Economics Times के लेख में काफी असमानता थी। 

दावे में दिखाए गए अख़बार की खबर का वास्तविक स्रोत ना मिल पाने की वजह से हमने अपनी पड़ताल जारी रखी। काफी खोजबीन के बाद भी जब खबर का असली स्रोत नहीं मिला तो हमने किसी और सबूत की तलाश में फिर से Economics Times के लेख का रुख किया। इस बार हमने खबर को “टेक्स्ट व्यू” की बजाय “प्रिंट व्यू” में देखा तो हमें अख़बार में छपी खबर से हूबहू मिलती खबर दिखी।

हमें दावे के साथ दिखाए गए अख़बार की कटिंग से हूबहू मिलती जुलती खबर मिल चुकी थी। लिहाज़ा हमने यह जानने का प्रयास किया कि आखिर अख़बार में दी गई खबर किस बारे में है। हमें अपनी पड़ताल के दौरान पता चला कि 10 नवम्बर 2016 को Economics Times ने अपने लेख में एक सरकारी सूत्र के माध्यम से यह कहा था कि नोटबंदी से प्रधानमंत्री मोदी की छवि सिंगापुर के प्रथम प्रधानमंत्री ली कुआन यू की तरह हो गई है। दरअसल ली कुआन यू अपने 20 वर्ष के प्रधानमंत्री कार्यकाल में अनेकों आर्थिक सुधारों के लिए याद किए जाते हैं। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा 8 नवम्बर को नोटबंदी के बाद उनके समर्थकों ने उन्हें तरह-तरह की संज्ञाएँ दी। इन्ही में से एक संज्ञा के आधार पर Economics Times ने एक लेख प्रकाशित किया और फिर उसी लेख के आधार पर सिंगापुर की समाचार एजेंसी ने एक लेख लिखा था। लेकिन Economics Times के लेख को ही सिंगापुर की समाचार एजेंसी का लेख बताकर वायरल किया जाने लगा।

हमारी पड़ताल में यह स्पष्ट हो गया कि दावे में दिखाई जा रही अख़बार की कटिंग सिंगापुर के किसी अख़बार की नहीं बल्कि Economics Times की है।

Tools Used:

  • Google Search
  • Reverse Image Search
  • Twitter Advanced Search
  • Archive

Result: Misleading

Authors

A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.

Saurabh Pandey
A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.

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