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कांग्रेस नेता ने सोशल मीडिया पर शेयर की साल 2016 की पुरानी क्लिप, वीडियो हुआ वायरल

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A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

Claim- 
पुलिस के साथ ये कौन लोग है जो महिलाओं को बुरी तरह से मार रहे है? क्या इसी तरह मोदी जी की सरकार महिलाओं का सम्मान करती है?
Verification- 
राजस्थान के जहाज़पुर से कांग्रेस पार्टी से सत्र 2016-2018 के विधायक ‘धीरज गुर्जर’ ने सोशल मीडिया पर पुलिस द्वारा कुछ युवक-युवतियों पर की जा रही बर्बरता का वीडियो शेयर किया है। वीडियो में पुलिस के साथ सादे कपड़ों में कुछ युवक भी लोगों की बेरहमी से पिटाई करते नजर आ रहे हैं।
पोस्ट में सवाल पूछा जा रहा है कि पुलिस जवानों के साथ जो युवक नजर आ रहे है वो कौन हैं। वीडियो देखते ही हमें इसके पुराने होने की आशंका हुई। जिसके बाद हमने वीडियो को स्क्रीनशॉट्स के माध्यम से गूगल पर खोजना आरम्भ किया। इस दौरान हमें गूगल से कोई सटीक जानकारी प्राप्त नहीं हुई।
अब हमने वीडियो को दूसरे स्क्रीनशॉट्स के माध्यम से गूगल पर खोजा। इस दौरान हमें खोज में वीडियो से मिलती हुई एक तस्वीर प्राप्त हुई।
तस्वीर के साथ वीडियो में ‘नई दुनिया‘ नामक वेबसाइट पर प्रकाशित एक लेख का लिंक भी दिया था। लेख के मुताबिक यह घटना साल 2016 की है।
यह घटना ‘रोहित वेमुला’ की आत्‍महत्‍या के बाद दिल्‍ली में मानव संसाधन मंत्री स्‍म‍ृति ईरानी और आरएसएस के खिलाफ ‘जे.एन.यू’ के छात्र प्रदर्शन कर रहे थे तब का है। घटना 30 जनवरी की है जब छात्र प्रदर्शन करते हुए आरएसएस कार्यालय की तरफ बढ़ रहे थे। इस दौरान जब पुलिस ने इन्‍हें रोकने की कोशिश की तो छात्रसुरक्षा घेरा तोड़कर आगे बढ़ गए। गुस्‍साए पुलिस वालों ने छात्रों की बेरहमी से पिटाई शुरू कर दी। इस दौरान पुलिस वालों के सामने जो आया उसे बेरहमी से पीटते गए। इनमें कई छात्राएं भी शामिल थीं। छात्रों का आरोप है कि पुलिस ने लड़कियों को भी नहीं बख्‍शा और इसमें कई छात्र घायल हुए जिन्‍हें अस्‍पताल में इलाज के लिए ले जाया गया।
वायरल वीडियो की पुष्टि के लिए हमें यूट्यूब के NDTV चैनल पर साल 2016 पर प्रसारित एक क्लिप प्राप्त हुई जहां इस पूरी घटना का उल्लेख हुआ है।
नईदुनिया पर प्रकाशित लेख और NDTV का वीडियो देखने पर इस तथ्य की पूर्णतः पुष्टि हो गयी की वीडियो साल 2016 का है।
इसके बाद वायरल वीडियो के साथ पूछे गए सवाल का पता लगाने के लिए हमने गूगल पर बारीकी से खोजा इस दौरान हमें INDIA TODAY की वेबसाइट पर एक वीडियो प्राप्त हुआ। जहां दिल्ली से उस वक्त के संयुक्त कमिश्नर ‘बीएस बस्सी’ का मामले पर दिए गए बयान को प्रसारित किया गया था। उनके वीडियो के मुताबिक यह घटना झंडेवाला के पास स्थित RSS कार्यालय के बहार की है जहां दो छात्रों के गुटों में झगड़ा हुआ था जिसपर काबू पाने के लिए दिल्ली पुलिस ने लाठी चार्ज की थी। इसके बाद पुलिस का कहना था कि पुलिस ने किसी महिला पर हाथ नहीं उठाया था और वायरल वीडियो में जो जवान महिला को पीटते दिख रहा वह असल में महिला नहीं है बल्कि लम्बे बालों वाला युवक है साथ ही पुलिस ने यह भी कहाँ कि जो बाहरी युवक वहाँ आकर छात्रों को मार रहे थे उनकी शिनाख़्त अभी नहीं हो पायी है।
इस पूरे मामले की रिपोर्ट कमिश्नर को जमा करा दी गयी है जिसकी जाँच पूरी होने के बाद आरोपियों पर उचित कार्यवाही की जाएगी।
इन सभी तथ्यों को परखने के बाद newschecker.in की पड़ताल में यह सामने आया कि वीडियो की घटना तो सच है, लेकिन घटना काफी पुरानी है।
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Result- Old Video
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Authors

A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

Nupendra Singh
A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

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