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Claim:
अयोध्या के बाद अब काशी। श्री काशी विश्वनाथ बनाम अंजुमन इंतजामिया (ग्यानव्यापी मस्जिद) केस चालू। काशी के अधिवक्ता बंधुओ को कोटि- कोटि प्रणाम।
Verification:
सोशल मीडिया में एक दावा वायरल हो रहा है कि अयोध्या में राम मंदिर विवाद पर सुप्रीम कोर्ट की फ़ास्ट ट्रैक सुनवाई के बाद अब काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर बनाम अंजुमन इंतजामिया ज्ञानवापी परिसर मामले में सुनवाई के लिए भी सुप्रीम कोर्ट ने हामी भर दी है।
हमने दावे की पड़ताल के लिए सबसे पहले गूगल सर्च का सहारा लिया। किसी अन्य कीवर्ड की सहायता से खोज करने की बजाय वायरल दावे की सहायता से पड़ताल शुरू कर दी। अपने पड़ताल के प्रारंभिक चरण में हमने पाया की दावे से संबंधित कोई भी हालिया रिपोर्ट इंटरनेट पर मौजूद नहीं है। दावे में मौजूद कीवर्ड्स की सहायता से गूगल सर्च का नतीजा सिफर रहने के बाद हमने अलग अलग कीवर्ड्स के माध्यम से गूगल सर्च कर खबर की तह तक जाने का प्रयास किया।
पड़ताल के अगले चरण में जब “काशी विश्वनाथ कॉरिडोर बनाम अंजुमन इंतजामिया (ज्ञानवापी परिसर)” कीवर्ड की सहायता से गूगल सर्च किया तो हमें सबसे पहले नवभारत टाइम्स में प्रकाशित एक लेख मिला जिससे हमें पूरा मामला समझ में आ गया।

आजतक में प्रकाशित एक लेख के माध्यम से इस विषय पर अधिक जानकारी प्राप्त की जा सकती है। दरअसल वाराणसी के सांसद और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का काशी विश्वनाथ मंदिर से लेकर गंगा तक कॉरिडोर बनाने का सपना अभी मूर्त रूप ले पता इससे पहले ही इस मुद्दे पर विवाद की स्तिथि पैदा हो गई। मसलन अंजुमन इंतजामिया मस्जिद और जितेन्द्रनाथ व्यास ने याचिका दायर कर निर्माण और तोड़फोड़ पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने की मांग कर दी।
काशी में विश्वनाथ मंदिर से लेकर गंगा तक का एक कॉरीडोर बनाया जा रहा था ताकि श्रद्धालु आसानी से विश्वनाथ मंदिर तक पहुंच सकें और इसके लिए आसपास की घनी आबादी के मकानों को खरीद कर उन्हें ढहाया जा रहा था। इसी बात को लेकर उपरोक्त याचिकाकर्ताओं ने हाई कोर्ट से इस मामले में हस्तक्षेप की गुहार लगाई थी।
अब पूरा मामला समझ में आने के बाद हमने इस मामले की सुनवाई से संबंधित जानकारी के लिए “काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर हाईकोर्ट का फैसला” कीवर्ड के माध्यम से गूगल सर्च किया जिसके परिणामस्वरूप हमें News18 India में प्रकाशित एक लेख मिला जिसमे यह बताया गया है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर से संबंधित सारी याचिकाएं ख़ारिज कर दी हैं और राज्य सरकार के पक्ष में फैसला दिया है।

चूंकि दावे में हाईकोर्ट नहीं बल्कि सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई का जिक्र किया गया है लिहाजा हमने “सुप्रीम कोर्ट ने शुरू की काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर मामले में शुरू की सुनवाई” कीवर्ड की सहायता से गूगल सर्च किया जिसके बाद हमें आजतक में प्रकाशित एक लेख मिला जिसमे यह बताया गया है कि 19 जून 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने निर्माणाधीन काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के लिए शहर की पहली सार्वजनिक लाइब्रेरी कारमाइकल भवन गिराए जाने के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को पलटते हुए दुकानदारों को 16 लाख रुपए मुआवजा देने की बात कहा।

कई अन्य कीवर्ड्स की सहायता से खोज करने के बाद भी हमें दावे से संबंधित कोई खबर नहीं मिली फिर भी हमने अपनी पड़ताल बंद नहीं की और कोर्टरूम के अंदर की खबरों का लाइव और सटीक वर्णन करने के लिए मशहूर Bar&Bench नामक ट्विटर हैंडल द्वारा इस मामले पर किये गए ट्वीट्स को खंगालना शुरू किया। पर कई कीवर्ड्स की सहायता से ट्विटर एडवांस सर्च टूल पर सर्च करने के बाद भी हमें इस तरह की कोई जानकारी नहीं मिली कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले से जुड़े किसी पहलू की फिर से सुनवाई करने जा रहा है।



अतः हमारी पड़ताल में यह साफ़ हो गया कि उक्त ट्वीट में किया गया दावा भ्रामक है
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Result: Misleading
JP Tripathi
July 6, 2019
Rangman Das
August 18, 2023
Arjun Deodia
February 21, 2022