Claim-
यह ऑस्ट्रेलिया है जहां 200 आगजनी करने वालों ने यह आग लगाई है। यह आगजनी करने वाले लेफ्ट विंग के प्रचारक हैं। पता नहीं सरकार इनका नाम क्यों नहीं ले रही और क्यों इन्हें बचाने का प्रयास कर रही है।
Verification-
ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में लगी आग की चर्चा इन दिनों पूरे विश्व में हो रही है। जहां आग की चपेट में अब तक 24 लोगों तथा 50 करोड़ से भी ज़्यादा जानवर आ चुके हैं। वहीं हज़ारों लोग बेघर हो चुके है। ऑस्ट्रेलिया में लगी इस भीषण आग ने पूरे देश को झकझोर दिया है। जहां एक तरफ पूरे विश्व में इस आग के बुझने के लिए प्रार्थनाएं हो रही हैं तो वही दूसरी तरफ कुछ लोग इस आग के लगने का अलग-अलग कारण बता रहे है। इसी बीच ट्विटर पर हमें एक पोस्ट प्राप्त हुआ जहां आग का वीडियो शेयर कर दावा किया जा रहा है कि आग मौसम के बदलने से नहीं लगी बल्कि कुछ 200 आगजनी करने वाले और लेफ्ट विंग के प्रचारकों द्वारा लगायी गयी है।
पोस्ट को देखने के बाद हमारी पड़ताल आरम्भ हुई। इस दौरान सबसे पहले हमें
BBC की वेबसाइट पर ऑस्ट्रेलिया में लगी आग की जानकारी देता हुआ प्रकाशित
लेख प्राप्त हुआ।
लेख के मुताबिक इस साल प्राकृतिक घटना हुई है जिसे ‘इंडियन ओशियन डिपोल’ कहा जाता है इसके कारण पूरे देश में गर्मी बढ़ गयी है जिस कारण पूरे देश को सूखे का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि वैज्ञानिकों का कहना है कि कार्बन डाइऑक्साइड के बढ़ने के कारण पूरा इलाका ही गर्म हो रहा है। और इस साल ऑस्ट्रेलिया ने अबतक का सबसे ज्यादा गर्म तापमान रिकॉर्ड किया जो की 41डिग्री सेल्सियस है।
इसके बाद
BBC द्वारा प्रकाशित एक और
लेख में ऑस्ट्रेलिया की आग का जिक्र किया गया है। जिसके मुताबिक ऑस्ट्रेलिया में जंगलों की आग लगने का एक मौसम होता है लेकिन इस साल आग कुछ ज्यादा भीषण है जहां इस आग से करोड़ों जानवरों और 24 लोगों की मौत हो गयी।
लेख में आगे इस बात का भी जिक्र है कि वैज्ञानिकों ने बताया कि ‘क्लाइमेट परिवर्तन ‘ आग लगने का कारण नहीं है। लेकिन आग लगने में इसका सहयोग हो सकता है, साथ ही यह भी बताया कि गर्म और सूखा क्लाइमेट भविष्य में आग को बढ़ावा दे सकती है, जिससे जल्दी-जल्दी जंगलों में आग लग सकती है। लेख में क्लाइमेट चेंज के कारण आग लगने के तथ्य को सिरे से नकारा गया है। अब सवाल यही था कि आखिर आग लगी कैसे?
इसकी जाँच के लिए हमने ऑस्ट्रेलिया के सभी समाचार एजेंसियों को खंगाला आरम्भ किया इस दौरान
cricky.com नामक वेबसाइट पर ऑस्ट्रेलिया में लगी आग के तथ्यों को प्रकाशित किया गया है। लेख में कई लोगों के बयान और कई संस्थानों की रिपोर्ट प्रकाशित हुई है। लेख के अंत में परिणाम स्वरूप इस तथ्य को बताया गया है कि आगजनी करने वालों द्वारा यह आग नहीं लगायी गयी है। हालांकि लेख में इस बात का जिक्र है कि आग लगने के बाद 183 लोगों की गिरफ्तारी भी की गयी है लेकिन उसमे भी यह साफ-साफ बताया गया है कि सिर्फ 24 लोगों पर ही आगजनी का मुकदमा दायर किया गया है।
लेकिन इसके साथ ही यह भी बताया गया है कि सिर्फ आगजनी करने वालों के कारण ही आग नहीं लगी है कहीं न कहीं क्लाइमेट चेंज एक बड़ा कारण है आग लगने के पीछे।
तथ्यों की सटीक जानकारी प्राप्त करने के लिए गूगल पर बारीकी से खोजा। जिस दौरान
ABC नामक वेबसाइट पर प्रकाशित लेख प्राप्त हुआ। लेख के शीर्षक में साफ साफ यह प्रकाशित हुआ है कि आगजनी करने वाले इस आग के जिम्मेदार नही है।
लेख में आगे NSF ‘ग्रामीण अग्निशमन सेवा’ के इंस्पेक्टर (बेन शेफरड) द्वारा दिए गए बयान को प्रकाशित किया गया था। शेफरड ने अपने बयान में कहा है कि इस बार जंगलों में आग लगने का मुख्य कारण आकाशीय बिजली है।
इन सभी तथ्यों की जांच के बाद यह साबित हुआ कि वायरल दावा भ्रामक है।
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