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क्या पैरासिटामोल P 500 में है सबसे ख़तरनाक वायरस? जानें पूरा सच

Written By Yash Kshirsagar
Aug 28, 2019
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Claim

पैरासिटामोल गोली खाएं, जिस पर P 500 लिखा हो, इस गोली में दुनिया का सबसे खतरनाक वायरस है।

 

Verification

व्हाट्सएप पर पैरासिटामोल टैबलेट को लेकर एक मैसेज वायरल हो रहा है। इसमें लिखा है कि पैरासिटामोल खाए जिस पर P 500 लिखा हो, इस गोली में दुनिया का सबसे खतरनाक Machupo वायरस पाया गया है। कृपया यह मैसेज अपने पहचान वाले लोगों को और उनकी फैमिली तक पहुंचाए और उनकी जिंदगियां बचाए।

बुखार और दर्द में इस्तेमाल होने वाली पैरासिटामोल की भारत में काफी डिमांड है। कई लोग तो इसका सेवन डाॅक्टर की सलाह लिए बिना भी कर लेते हैं। इसलिए हमनें पैरासिटामोल को लेकर वायरल हो रहे मैसेज के बारे में पड़ताल शुरू की तो ट्विटर पर यही दावा करने वाला एक ट्वीट मिला।  

प्रतापगढ़: सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा पैरासिटामोल फार्मूले पर निर्मित P500 टैबलेट, इसमें machupo नामक वायरस होने का हो रहा है दावा जिसके चलते इसे खाने की दी जा रही सलाह। तमिलनाडु के सिडको फार्मास्युटिकल काम्प्लेक्स में स्थित एपेक्स लेबोरेट्रीज प्राइवेट लिमिटेड की दवा है। pic.twitter.com/TMCSzrouNb

— Pratapgarh Express (@AjnabiGuru) August 20, 2019

 

इस ट्वीट में किए गए दावे की सच्चाई जानने के लिए हमनें पैरासिटामोल कीवर्ड को लेकर गूगल किया। पैरासिटामोल को लेकर कई खबरे देखने को मिली लेकिन किसी भी ख़बर में इस टैबलेट में विश्व का सबसे ख़तरनाक वायरस होने की जानकारी नही थी।

वही हमें The Hindu में करीब दो साल पहले छपा एक लेख मिला जिसमें बताया गया था कि पैरासिटामोल को लेकर अफवाहे फैलाई जा रही है।

हमनें माचुपो वायरस को लेकर जाना तो पता चला कि यह दुनिया का खतरनाक वायरस है। माचुपो वायरस से बोलिवियन हैमोरैजिक फीवर नाम की बीमारी होती है। इसे ब्लैक टायफस भी कहते हैं। इस बीमारी के ज़्यादातर केस दक्षिणी अमेरिकी देश बोलिविया में सामने आए हैं।

वहीं हमें इंडियन मेडिकल असोसिएशन द्वारा पैरासिटामोल के साइडइफेक्ट को लेकर जानकारी देने वाला लेख मिला लेकिन इसमें कहीं पर भी इस गोली में दुनिया का सबसे खतरनाक वायरस होने का जिक्र नहीं मिला। हमनें पड़ताल की तो पता चला कि यह पहली बार नहीं है कि पैरासिटामोल को लेकर अफवाहें फैलाई जा रही हों। इससे पहले भी दुनियाभर के कई देशों में इस दवा को लेकर अफवाहें फैलाई गई थीं। सन 2017 में इंडोनेशिया और मलेशिया में भी दवा में वायरस होेने की अफवाह फैली थी। मलेशिया और इंडोनेशिया की सरकारों ने एडवायज़री जारी कर कहा था कि उन्हें पैरासिटामॉल P-500 में कोई वायरस नहीं मिला है। 

हमारी पड़ताल में साबित हुआ कि पैरासिटामोल में वायरस होने का दावा भ्रामक है। इससे पहले भी इस दवा को लेकर कई अफवाहें फैलाई गई थीं। 

 

Tools Used 

  • Twitter Advanced Search 
  • Google keywords Search 

 

Result- False 

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