After completing his post-graduation, Yash worked with some of the most renowned newspapers such as like Lokmat, Dainik Bhaskar & Navbharat for the past 6 years. To make sure that no incorrect news reaches people and to maintain peace and harmony in society, he chose to become a fact-checker.
Claim–
भाजपा सांसद मनोज तिवारी के लिए दिल्ली पुलिस ने एम्बुलेंस को रोका, एम्बुलेंस में मौजूद बच्ची की वहीं पर तड़पने से मौत हुई।
Verification–
ट्विटर पर GAURAV_INC नामक हैंडल से एक वीडियो शेयर किया गया है। इस वीडियो में पुलिस ने एक एम्बुलेंस को रोका हुआ है। वीडियो को लेकर दावा किया गया है कि भाजपा सांसद मनोज तिवारी के लिए दिल्ली पुलिस ने एम्बुलेंस को रोक कर रखा। एम्बुलेंस में एक बीमार बच्ची थी उसकी वहीं पर तड़प-तड़पकर मौत हो गई।
इस वीडियो को लेकर हमनें पडताल शुरू की। वीडियो को बारीकी से देखने पर चला कि बैकग्राउंड में जो आवाज है उसके साथ छेड़छाड़ की गई है, इससे कुछ पता नहीं चला पा रहा था कि आखिर वीडियो कहां का है। इसलिए हमनें वीडियो में से कुछ स्क्रीनशाॅट्स निकाले और गूगल खंगालना आरम्भ किया। लेकिन इससे भी कुछ खास हाथ नहीं लगा। फेसबुक पर भी यही दावा करने वाले कई पोस्ट नज़र आये।
हमनें गूगल में Delhi police stop ambulance for VIP इन कीवर्ड की मदद से खोज की तो करीब दो साल पहले की
टाइम्स ऑफ़ इंडिया की खबर हाथ लगी। इसमें पुलिस की सफाई भी दी गई है। पुलिस के मुताबिक जैसे ही वीआईपी काफिला निकला उसके पीछे एम्बुलेंस को जाने दिया गया था।
खबर के मुताबिक, दिल्ली पुलिस द्वारा वीआईपी के लिए एम्बुलेंस को रोके जाने का वीडियो फेसबुक पर वायरल हो गया। खबर में लिखा है कि हरियाणा के सोनीपत से एक घायल बच्चे को एम्बुलेंस से दिल्ली ले जाया जा रहा था। राजघाट के पास वीवीआईपी मूवमेंट के दौरान बाकी गाडियों के साथ एम्बुलेंस को भी रोका गया।
यह वाकया मलेशियाई प्रधानमंत्री नजीब रज्जाक भारत दौरे पर आए थे तब का यानि 1 अप्रैल 2017 का है। इसका प्रीत नरुला नामक शख्स ने वीडियो भी बनाया था। यह वीडियो उन्होंने अपने फेसबुक पेज पर शेयर किया था जिसे अब तक 13 लाख बार देखा जा चुका है।
नरुला ने टाइम्स ऑफ़ इंडिया को बताया था कि वे बैंक कर्मचारी हैं और जब वे अपने ऑफिस के लिए जा रहे थे तब उन्होंने देखा कि राजघाट पुल के पास बैरिकेटिंग हुई है। आगे 40-50 गाडियां थी और पीछे से एम्बुलेंस आई हुई थी। सायरन सुनते ही हम सबने एम्बुलेंस को बैरिकेडिंग तक जाने के लिए रास्ता दिया। लेकिन पुलिस ने एम्बुलेंस को आगे जाने नहीं दिया। वहीं पुलिस के मुताबिक काफिले के पीछे तुंरत एम्बुलेंस को जाने दिया।
Newschecker की टीम ने इससे पहले मई महीने में इस वीडियो का वायरल सच सबके सामने लाया था। उस दौरान यह वीडियो कांग्रेस नेता राहुल गाँधी को लेकर वायरल किया जा रहा था। इससे साफ होता है कि भाजपा सांसद मनोज तिवारी के लिए एम्बुलेंस को रोके जाने का दावा झूठा है। यह वीडियो दो साल पुराना है। पिछले साल और इसी साल लोकसभा चुनाव के दौरान इसी दावे के साथ यह वीडियो सोशल मीडिया मे वायरल हुआ था।
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Result- False
After completing his post-graduation, Yash worked with some of the most renowned newspapers such as like Lokmat, Dainik Bhaskar & Navbharat for the past 6 years. To make sure that no incorrect news reaches people and to maintain peace and harmony in society, he chose to become a fact-checker.