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क्या महाराष्ट्र के नासिक रेलवे स्टेशन पर बरामद हुआ कुत्तों का मांस? वायरल दावे पर पढ़ें हमारी पूरी पड़ताल

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A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

Claim- 
 
 
नासिक रेलवे स्टेशन पर आज 500 किलो (कुत्ते का मांस पकड़ा गया) जो नासिक और मुंबई के होटल में सप्लाई किया जा रहा था।
 
  
 
Verification- 
 
Whatsapp और शेयर चैट पर एक संदेश को बड़ी तेजी से शेयर किया जा रहा है। संदेश में कुछ पुलिसकर्मी किसी जानवर के माँस के सामने खड़े हुए हैं। संदेश शेयर करने वाले युवक का दावा है कि होटलों में सप्लाई करने के लिए कुत्ते का माँस नासिक स्टेशन से पास हो रहा था, जिसपर मुंबई पुलिस ने छापा मार स्टेशन से 500 किलो कुत्ते का माँस बरामद किया गया। हमने दावे की सत्यता जानने के लिए संदेश के साथ वायरल हो रही तस्वीर को गूगल पर खोजा। इस दौरान गूगल पर सबसे पहले Times of india की वेबसाइट में प्रकाशित एक लेख प्राप्त हुआ। 
 
 
 
लेख के मुताबिक चेन्नई के एग्मोर रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 5 में पर भगत की कोठी-मन्नारगुड़ी ट्रेन आकर रूकी जिससे कुछ थर्माकोल के डिब्बे बहार उत्तर कर रखे गए थे । कुछ देर बाद डिब्बों से गंदी बदबू आने लगी,पार में पेट्रोलिंग कर रहे RPF के जवानों का ध्यान उस बदबू की ओर गया, जिसके बाद जवानों द्वारा जाँच करने पर उन डिब्बों में कुत्तों का फ्रोजेन माँस बरामद किया।
 
    
 
 
पड़ताल के दौरान गूगल में बारीकी से खोजने पर अमर उजाला की वेबसाइट में प्रकाशित एक लेख से पता चला कि ये घटना 17 नवंबर साल 2018 में चेन्नई के एग्मोर रेलवे स्टेशन पर सुबह करीब 10.30 बजे हुई थी। जहाँ RPF अधिकारियों द्वारा शहर के खाद्य सुरक्षा विभाग के लोगों को बुलाया गया था। जिसके बाद 11 थर्माकोल डिब्बों से कुत्ते का माँस बरामद किया गया।
 
 
 
वायरल दावे में घटना को मुंबई के नासिक स्टेशन का बताकर शेयर किया जा रहा है जहां newschecker.in टीम की पड़ताल में घटना चेन्नई की पाई गयी।  
 
 
 
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Result-Misleading 
 
(किसी संदिग्ध ख़बर की पड़ताल, संशोधन या अन्य सुझावों के लिए हमें ई-मेल करें: checkthis@newschecker.in

 
 
 

Authors

A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

Nupendra Singh
A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

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