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चीनी सैनिकों ने लद्दाख में नहीं की घुसपैठ, सोशल मीडिया में वायरल हुई खबर

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Claim  

चीनी सैनिकों ने लद्दाख में घुसपैठ कर चीनी ध्वज फहराए। पाक के समान सिर पर बैठने से पहले चीन को समय पर ही योग्य सबक सिखाना चाहिए।

Verification

सोशल मीडिया में दावा किया जा रहा है कि चीन के सैनिकों ने लद्दाख में घुसपैठ कर अपना ध्वज फहराया और इस बात की भारत को भनक तक नहीं लगी। सोशल मीडिया में वायरल हो रहे इस दावे की हमनें पड़ताल शुरू की तो इसी बात की पुष्टि करने वाला एक ट्वीट मिला।

चीनी सैनिकों की घुसपैठ को लेकर गूगल पर कुछ की कीवर्ड्स की मदद से खोजने पर कई खबरें सामने आई जिसमें चीनी सैनिकों द्वारा  घुसपैठ की बात कही गई थी।

इस मुद्दे पर दैनिक जागरण द्वारा 13 जुलाई को प्रकाशित एक खबर मिली जिसमें लिखा गया था कि चीन के सैनिकों ने डेढ़ किलोमीटर तक घुसपैठ की थी। वहीं 12 जनवरी को नवभारत टाइम्स में छपी खबर में बताया गया था कि चीनी सैनिकों ने 6 किलोमीटर तक घुसपैठ कर अपना ध्वज लहराया था।

खबर के मुताबिक चीन की सेना ने ऐसे समय पर घुसपैठ की, जब स्‍थानीय निवासी तिब्‍बती धर्मगुरु दलाई लामा का जन्‍मदिन मना रहे थे। खबर में आगे लिखा है कि – डेमचोक की सरपंच ने चीन की सेना के घुसपैठ की पुष्टि की है। ये सैनिक सैन्‍य वाहनों में भरकर भारतीय सीमा में आए और चीनी झंडा लहराया। डेमचोक की सरपंच उरगेन चोदोन ने बताया कि चीन के सैनिक भारतीय सीमा में आए। उन्‍होंने बताया क‍ि चीनी सैनिकों के डेमचोक में आने का मकसद कुछ और नजर आ रहा है। “

हालांकि भारतीय सेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने चीन द्वारा लद्दाख में घुसपैठ वाले दावे को सिरे से खारिज किया है। अधिकारियों के मुताबिक चीन के सैनिकों ने सिंधु नदी के उस पार से बैनर लहराए थे, वह इलाका चीन का ही है। इस बारे में एएनआई का ट्वीट भी देखा जा सकता है

वहीं नवभारत टाइम्स में 13 जुलाई को प्रकाशित खबर के मुताबिक आर्मी चीफ बिपिन रावत ने चीन द्वारा घुसपैठ की किसी भी खबर को नकार दिया है।

आर्मी चीफ बिपिन रावत द्वारा सार्वजनिक रूप से आये बयान के बाद यह साफ हो गया कि चीन ने भारत की सीमा में घुसपैठ नहीं की थी।

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Result:

False

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After completing his post-graduation, Yash worked with some of the most renowned newspapers such as like Lokmat, Dainik Bhaskar & Navbharat for the past 6 years. To make sure that no incorrect news reaches people and to maintain peace and harmony in society, he chose to become a fact-checker.

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