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चीन की है, गोवंश के साथ सोशल मीडिया में वायरल हो रही क्रूरता की तस्वीर

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After completing his post-graduation, Yash worked with some of the most renowned newspapers such as like Lokmat, Dainik Bhaskar & Navbharat for the past 6 years. To make sure that no incorrect news reaches people and to maintain peace and harmony in society, he chose to become a fact-checker.

Claim

गाय को जिंदा पकड़कर उसके पैर काटकर चमड़ी उधेड़ ली जाती है। यह तो मात्र उदाहरण है लेकिन हकीकत तो इससे भयानक है। गौहत्या पर कानून कब बनेगा? इस दावे के साथ एक तस्वीर वायरल की जा रही है। 

Verification 

सोशल मीडिया में गाय के पैर काटकर, उसकी खाल उधेड़ रहे कुछ लोगों की फोटो वायरल हो रही है। पोस्ट में दावा किया गया है कि भारत में गोहत्या कानून न बनाने की वजह से इस तरह की भयानक तस्वीरें देखने को मिल रही है। इस दावे की हमनें पड़ताल करने की कोशिश की तो ट्विटर पर यही दावा करने वाला एक और ट्वीट मिला।

इस ट्वीट में किए गए दावो को लेकर हमनें खोज को जारी रखा तो एक और ट्वीट मिला जिसमें यही तस्वीर साझा की गई थी। 

लेकिन इसमें कही पर भी यह तस्वीर का भारत से होने का जिक्र नहीं मिला। इसी तस्वीर को गूगल में सर्च किया तो कई रिजल्ट्स सामने आए।

इस परिणाम में हमें theboldcorsicanflame नामक एक ब्लाॅग मिला जिसमें दावा किया गया था कि यह तस्वीर चीन से है। ब्लाॅग में यह भी कहा गया है कि यह तस्वीर फैशन उद्योग की सच्चाई है। जब आप चमड़े से बने फैशनेबल हैंडबैग, जूते या वस्तु खरीदते है तो आपको पता होना चाहिए कि यह उत्पाद क्रूरता की नींव पर खड़ा है।

इस तस्वीर के बारे में हमनॆं और ज्यादा जानना चाहा। बारीकी से खोजने पर हमें इस तस्वीर को लेकर कई रिजल्टस मिले। जिन्हें नीचे देखा जा सकता है।

24hourslaughter.blogspot.com पर यही तस्वीर देखने को मिली जो 3 सितंबर 2016 को अपलोड की गई है। इस ब्लाॅग में दावा किया गया है कि यह तस्वीर चीन की है।

हमें यह तस्वीर एक और ब्लाॅग The Jibber Jabber Journal में मिली जो दो साल पहले लिखा गया है।

इससे साफ होता है कि यह तस्वीर चीन की है और काफी पुरानी है। इसे भारत में पहले भी गलत तथ्यों के साथ वायरल किया जा चुका है। 

Tools Used

  • Google Keywords Search
  • Google Reverse Image Search
  • Twitter Advanced Search

Result- False

Authors

After completing his post-graduation, Yash worked with some of the most renowned newspapers such as like Lokmat, Dainik Bhaskar & Navbharat for the past 6 years. To make sure that no incorrect news reaches people and to maintain peace and harmony in society, he chose to become a fact-checker.

Yash Kshirsagar
After completing his post-graduation, Yash worked with some of the most renowned newspapers such as like Lokmat, Dainik Bhaskar & Navbharat for the past 6 years. To make sure that no incorrect news reaches people and to maintain peace and harmony in society, he chose to become a fact-checker.

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