After completing his post-graduation, Yash worked with some of the most renowned newspapers such as like Lokmat, Dainik Bhaskar & Navbharat for the past 6 years. To make sure that no incorrect news reaches people and to maintain peace and harmony in society, he chose to become a fact-checker.
Claim–
भारतीय सेना कश्मीर के लोगों पर फायरिंग कर रही है लेकिन दुनिया यह देख नहीं रही है।
Verification–
Abdul Wajid नामक ट्विटर हैंडल से एक वीडियो शेयर किया गया है। इस वीडियो में सड़क पर प्रदर्शन कर रहे कुछ लोगों पर पुलिस वाले बंदूक से गोली चलाते दिख रहे हैं।
पुलिस द्वारा गोली चलाने से प्रदर्शन करने वालों में से दो लोग जमीन पर गिर पड़ते हैं। ट्वीट में दावा किया है कि भारतीय सेना कश्मीर के आम लोगों पर आज भी इस तरह फायरिंग कर रही है लेकिन दुनिया को इसके बारे में पता नहीं है।
हमनें ट्वीट में किए गए दावे को लेकर पड़ताल करने की कोशिश की। यह वीडियो बारीकी से देखा। इस वीडियो में कुछ लोग अपनी मांगे पूरी करने के लिए बीच सड़क पर नारे लगाते दिख रहे हैं। उसी समय सड़क पर पोजिशन लेकर हाथ बंदूक लेकर बैठे तीन पुलिसवालों में दो बन्दूक चलाते हैं।
उनकी गोली से दो प्रदर्शनकारी जमीन पर गिरते हैं और उनके सामने पटाखे फोड़े जाते हैं। थोड़ी देर बाद कुछ लोग स्ट्रेचर ले जाते है और घायल लोगों को उस पर रखा जाता है। दूसरे ही पल वहां पर एंबुलेंस पहुंचती है। इतना होने के बावजूद सड़क के दोनों किनारे खड़े लोगों की भीड़ एक जगह से हिलती तक नहीं। वहीं कैमरे के पीछे माइक से आवाज आती है ‘पुलिस ने तत्परता दिखाई। किसी भी स्थिति से निपटने के लिए हमेशा तत्पर रहना चाहिए।’
ट्वीट में दावा किया था कि आर्मी के जवान कश्मीर के लोगों पर फायरिंग कर रहे हैं लेकिन जब वीडियो को बारीकी से देखा तो पता चला कि फायरिंग कर रहे आर्मी के जवान नहीं बल्कि पुलिसकर्मी हैं। वीडियो के आखिर में भी माइक से एक शख्स कहता है कि पुलिस ने तत्परता दिखाई।
इसलिए हमें पोस्ट में किए दावे को लेकर शक हुआ और पड़ताल को आगे बढ़ाया। हमनें वाडियो से कुछ स्क्रीनशाॅट्स निकाले और गूगल रिवर्स इमेज और यांडेक्स की मदद से खोज की। इस वीडियो को लेकर कई रिजल्ट सामने आए।
इसी खोज के दौरान हमें यूट्यूब पर एक वीडियो प्राप्त हुआ। यह वीडियो दो साल पहले अपलोड किया गया है। वीडियो के कैप्शन में लिखा है कि यह झारखण्ड की खूंटी पुलिस की माॅकड्रिल का वीडियो है।
इससे साफ होता है कि कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाने के बाद आर्मी के जवानों ने कश्मीर के आम नागरिकों पर फायरिंग नहीं की है। झारखंड पुलिस की दो साल पहले की माॅकड्रिल का वीडियो कश्मीर के नाम पर वायरल किया जा रहा है। यह वीडियो इससे पहले कभी किसान आंदोलन तो कभी छात्र आंदोलन के नाम पर भी शेयर किया गया है।
Tools Used
- Twitter Advanced Search
- Google Reverse Image
- Yandex Image
Result- False
After completing his post-graduation, Yash worked with some of the most renowned newspapers such as like Lokmat, Dainik Bhaskar & Navbharat for the past 6 years. To make sure that no incorrect news reaches people and to maintain peace and harmony in society, he chose to become a fact-checker.