After completing his post-graduation, Yash worked with some of the most renowned newspapers such as like Lokmat, Dainik Bhaskar & Navbharat for the past 6 years. To make sure that no incorrect news reaches people and to maintain peace and harmony in society, he chose to become a fact-checker.
Claim
पिड़ित लड़की ने गौ माता कटाने पर किया था स्टिंग ऑपरेशन, वह कई गोतस्कर और बुचडखाना मालिकों के निशाने पर थी। यह सिर्फ बलात्कार हत्या का मामला नहीं सोची समझी साजिश है।
Verification
ट्विटर पर आफताब आलम नामक हैंडल पर एक फेसबुक पोस्ट का स्क्रीनशाॅटस शेयर कर कहा गया है जिसमें लिखा है पीड़ित हिंदू कार्यकर्ता रही है। गो तस्करों के खिलाफ स्टिंग ऑपरेशन किया था। जब एज ए डाॅक्टर गयी थी बूचडखाने के एक गोदाम में बीमार पशुओं को देखने..वहां गौमाता को देखकर स्टिंग कर पकड़वाया था पूरा सिंडिकेट.. एनीमल सेविंग एनजीओ की सदस्य है। हैद्राबाद में चल रहे बूचड़खानों में गौ माता के कटान पर बड़ा स्टिंग ऑपरेशन कर बहुतसे गौ तस्करों और बूचड़खाने के मालिकों के निशाने पर थी.. यह केवल बलात्कार का मामला नहीं है सुनियोजित साजिश है।
हमनें वायरल दावे को लेकर पड़ताल शुरू की तो इसके लिए हमनें गूगल मॆं खोज की तो तेलंगाना रेप मामले की कई खबरे सामनें आई।
ट्विट में किए गए दावे को लेकर पड़ताल जारी थी इसी दौरान हमें दी प्रिंट की वेबसाईट पर खबर मिली। इस खबर में आरोपियों ने इस घटना को कैसे अंजाम दिया इसके बारे में विस्तृत जानकारी दी गई है। लेकिन इसमें कहीं पर भी आरोपी गौ तस्करों से या बूचड़खाना मालिकों से संबंधित है या उनके कहने पर आरोपियो ने इस घटना को अंजाम दिया है इस बारे में कोई जिक्र नहीं है।
वहीं हमें लोकल हिंदी वेबसाइट साक्षी समाचार की खबर मिली जिसमें आरोपियों को जेल में मटन परोसे जाने की जानकारी दी गई थी लेकिन खबर में लिखा है कि चारों आरोपियों को जेल में लंच में दाल-राइज़ और डिनर में मटन करी दिया गया है। आरोपियों को यह खाना जेल मैन्यू के मुताबिक ही परोसा गया है। इस खबर में कहीं पर भी आरोपी गौ तस्करों से संबधित है या वे प्रियांका को पहले से जानते थे या किसी के कहने पर उन्होंने इस घटना को अंजाम दिया इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है।
काफी खोज के बाद भी हमें पीड़िता के रेप और हत्या की साजिश में गौ तस्करों या बूचडखाना मालिकों का हाथ होने की जानकारी नहीं मिली। वहीं पुलिस ने भी इस एंगल की जानकारी किसी समाचारपत्र या मीडिया चैनलों को नहीं दी है।
इससे साफ होता है कि सोशल मीडिया में पीड़िता की हत्या को लेकर कई भ्रामक दावे वायरल हो रहे हैं।
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After completing his post-graduation, Yash worked with some of the most renowned newspapers such as like Lokmat, Dainik Bhaskar & Navbharat for the past 6 years. To make sure that no incorrect news reaches people and to maintain peace and harmony in society, he chose to become a fact-checker.