Authors
After completing his post-graduation, Yash worked with some of the most renowned newspapers such as like Lokmat, Dainik Bhaskar & Navbharat for the past 6 years. To make sure that no incorrect news reaches people and to maintain peace and harmony in society, he chose to become a fact-checker.
Claim
आप देश के विकास के लिए टैक्स भर-भरकर मर जाइये। लेकिन, शांतिदूतो को 1 मिनट लगेगा सबकुछ तबाह कर देने में !
Verification –
ट्विटर पर Pushpendra Kulshrestha नामक हैंडल पर एक वीडियो शेयर किया गया है इसमें एक शख्स सड़क पर खड़ी बस पर पत्थर मारते हुए दिखाई दे रहा है। ट्वीट में यह दावा किया जा रहा है कि देश के विकास के लिए टैक्स का भुगतान करके लोग मर जाएंगे लेकिन समुदाय विशेष के लोगों द्वारा इसे तबाह करने में एक मिनट भी नहीं लगेगा।
आप देश के विकास के लिए टैक्स भर-भरकर मर जाइये…
लेकिन, शांतिदूतो को 1 मिनट लगेगा सबकुछ तबाह कर देने में ! pic.twitter.com/3bi3mrpFio— Pushpendra Kulshrestha (@Nationalist_Om) August 29, 2019
दावे को लेकर पड़़ताल शुरू की तो हमें कुछ अन्य ट्विटर हैंडल्स पर यही दावा करने वाला पोस्ट मिला।
आप देश के विकास के लिए टैक्स भर-भरकर मर जाइये…
लेकिन, शांतिदूतो को 1 मिनट लगेगा सबकुछ तबाह कर देने में ! pic.twitter.com/1pRKgTO7n5— SaurabhGupta↗️ (@saurabhkhaga) August 29, 2019
लेकिन यह वीडियो भारत के किस शहर का है इसका पता लगाना मुश्किल लग रहा था इसलिए हमनें पड़ताल जारी रखी। वायरल हो रहे वीडियो से कुछ स्क्रिनशाॅट्स निकाले और उन्हें गूगल रिवर्स की मदद से ढूंढा लेकिन वहां कुछ नही मिला। बाद में यांडेक्स इमेज की मदद ली तो हमें यूट्यूब पर साल 2017 में गुजराती लोकल चैनल पर अपलोड की गई खबर के जैसा वीडियो मिला।
वीडियो में दिखाई गई ख़बर के मुताबिक यह वीडियो गुजरात के सूरत स्थित उदयनगर इलाके का है जहाँ एक BRTS बस ने राहगीर को टक्कर मारी थी। युवक को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहीं गुस्साई भीड़ ने बस पर पथराव किया था। भीड़ में सिर्फ समुदाय विशेष के लोग शामिल नहीं थे।
हमारी पड़ताल से मालूम चला कि यह वीडियो दो साल पुराना है। गुस्साई भीड़ ने दुर्घटना के बाद बस पर पथराव किया था।
Tools Used
- Twitter Advanced Search
- Google keywords Search
- Yandex Image Search
Result- Misleading
Authors
After completing his post-graduation, Yash worked with some of the most renowned newspapers such as like Lokmat, Dainik Bhaskar & Navbharat for the past 6 years. To make sure that no incorrect news reaches people and to maintain peace and harmony in society, he chose to become a fact-checker.