Authors
After completing his post-graduation, Yash worked with some of the most renowned newspapers such as like Lokmat, Dainik Bhaskar & Navbharat for the past 6 years. To make sure that no incorrect news reaches people and to maintain peace and harmony in society, he chose to become a fact-checker.
Claim–
नीता अंबानी ने ट्वीट कर पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के साथ खड़ा होने की अपील के साथ कई विवादित पोस्ट किए।
Verification–
मुहम्मद अयाज नामक शख्स ने ट्विटर पर नीता अंबानी नामक हैंडल से किये गए कुछ पोस्ट के कुछ स्क्रीनशाॅट्स शेयर कर इस अकाउंट की पड़ताल करने के लिए कहा था।
@AltNews @zoo_bear @free_thinker Plz Verify & Revert pic.twitter.com/6LNEfzv0xu
— Mohammed Ayaz…محمد ایاز (@Ayaz_A2Z) December 20, 2019
पूरे देश में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर बवाल मचा हुआ है। ऐसे में नीता अंबानी के नाम से ट्विटर अकाउंट से कई ट्वीट किए गए। इसमें नागरिकता संशोधन विधेयक और दूसरे मुद्दों पर ट्वीट है। इसलिए हमनें नीता अंबानी के ट्विटर अकाउंट की खोज की लेकिन हमें उनके नाम से कई अकाउंट्स मिले लेकिन आधिकारिक अकाउंट नहीं मिला।
खोज के दौरान हमें न्यूज 18 हिंदी की खबर मिली जिसमें बताया गया है कि नीता अंबानी के जिस फेक अकाउंट्स से कई ट्विट्स किए गए हैं। ट्विटर ने वह अकाउंट सस्पेंड किया है।
खबर के मुताबिक किसी ने नीता अंबानी का फर्जी अकाउंट बनाया और नीता अंबानी के नाम से @NitaAmbaani फर्जी ट्विटर अकाउंट बना लिया। इस अकाउंट के जरिए कई ट्वीट किए गए। ट्वीट सामने आने पर ट्विटर पर कई लोगों ने भी इस अकाउंट को फेक बताकर ट्विटर से कार्रवाई की मांग की। इसके बाद ट्विटर ने इस अकाउंट को सस्पेंड कर दिया है। वहीं खबर में आगे लिखा है कि रिलायंस की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि नीता अंबानी के नाम से वायरल हुए ट्वीट फर्जी है। इसमें कहा गया है, ‘नीता अंबानी के नाम से शुरू किए गए फेक अकाउंट से कई ट्वीट किए गए हैं. हालांकि हम यहां स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि नीता अंबानी के पास कोई आधिकारिक ट्विटर हैंडल नहीं है और उनके नाम या फोटो के साथ चल रहा ट्विटर अकाउंट फर्जी है। इससे साफ होता है कि नीता अंबानी के नाम से फर्जी अकाउंट बनाकर विवादित पोस्ट शेयर किए जा रहे थे।
Tools Used
Twitter Advanced Search
Google Keyword Search
Result- False
(किसी संदिग्ध ख़बर की पड़ताल, संशोधन या अन्य सुझावों के लिए हमें ई-मेल करें: checkthis@newschecker.in)
Authors
After completing his post-graduation, Yash worked with some of the most renowned newspapers such as like Lokmat, Dainik Bhaskar & Navbharat for the past 6 years. To make sure that no incorrect news reaches people and to maintain peace and harmony in society, he chose to become a fact-checker.