रविवार, दिसम्बर 22, 2024
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पाकिस्तानी सेना द्वारा अपने ही नागरिकों पर अत्याचार का वर्षों पुराना वीडियो सोशल मीडिया में वायरल

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A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.

Claim:

Meet the Pakistan Army and its victim Pakistanis.

हिंदी अनुवाद: पाकिस्तानी सेना द्वारा सताये गए पाकिस्तानियों को देखिये। 

 

Verification:

पाकिस्तान से संबंध रखने वाले लेखक और स्तम्भकार तारिक फतह ने एक वीडियो शेयर करते हुए यह बताने का प्रयास किया है कि पाकिस्तानी सेना कैसे अपनी जनता के साथ दुर्व्यवहार करती है। इस दावे को हजारों बार शेयर तथा लाइक किया गया है। तारिक फतह द्वारा पोस्ट किए गए वीडियो को एक अन्य यूजर ने सिर्फ “पाकिस्तान” कैप्शन के साथ शेयर किया है। बताते चलें अशरफ बलोच नामक यूजर के इस ट्वीट को हजारों बार लाइक और शेयर किया गया है।

 

तारिक फतह एवं अन्य यूजर्स द्वारा किया गया दावा

 

पाकिस्तानी सेना द्वारा अपने नागरिकों के उत्पीड़न पर हमारी पड़ताल

 

सोशल मीडिया में यह दावा तेजी से वायरल हो रहा था इसलिए हमने इसका सच जानने का प्रयास किया। पड़ताल के पहले चरण में हमने टूल्स की सहायता से वीडियो के कीफ्रेम्स निकालकर “pak army beating balochistan people” कीवर्ड के साथ गूगल सर्च किया। सर्च परिणामों में से एक वेबसाइट पर हमें यही वीडियो दिखा। लिंक को देखने पर यह पता चला कि यह वीडियो तारिक फतह के नाम पर संचालित एक वेबसाइट पर भी मौजूद है।

 

 

 

तारिक फतह के नाम पर बनी वेबसाइट पर ही वर्षों पहले अपलोड किया गया है वायरल वीडियो

 

अब हमने बाकी सर्च परिणामों पर ध्यान ना देते हुए सबसे पहले तारिक फतह के नाम पर संचालित वेबसाइट के लिंक पर क्लिक किया। इस दौरान हमें यही वीडियो “Pakistan Army’s brutal beating of MQM political activists in Karachi” शीर्षक के साथ वेबसाइट पर उपलब्ध मिला। बता दें 3 मिनट के इस वीडियो में 20 सेकंड पर दावे में जिस युवक पर अत्याचार की बात कही जा रही है उसे साफ़ साफ़ देखा जा सकता है। गौरतलब है यह वीडियो उक्त वेबसाइट पर September 26, 2015 को अपलोड किया गया है।

 

तारिक फतह के नाम पर बनी वेबसाइट का सच

 

अब हमने यह जानने का प्रयास किया कि क्या सच में यह वेबसाइट तारिक फतह द्वारा संचालित है या उनके नाम का दुरूपयोग कर किसी और ने वेबसाइट बनाई है। इसके लिए हमने तारिक फतह का आधिकारिक ट्विटर हैंडल खंगाला जहां हमें इस वेबसाइट का लिंक मिला।

 

सर्च परिणाम में मिलें अन्य लिंक्स की छानबीन

 

अब यह तो साबित हो चुका था कि वीडियो हाल फिलहाल का नहीं है। फिर भी हमने अतिरिक्त जानकारी की तलाश में सर्च परिणामों में मिले अन्य लिंक्स पर अपनी पड़ताल शुरू की। पड़ताल में हमें Live Leaks नामक वेबसाइट पर यही वीडियो “Proud Islamic Pakistan Army Beating random non muslims!” शीर्षक के साथ 4 वर्ष पूर्व अपलोड किया हुआ मिला। बता दें यह वीडियो तारिक फतह के वेबसाइट पर मौजूद से हूबहू मेल खाता है। दोनों वेबसाइटों पर मौजूद वीडियोज में सिर्फ शीर्षक का अंतर है।

 

 

 

वर्षों पहले भी पाकिस्तानी सेना द्वारा गैर-मुस्लिम पाकिस्तानी नागरिकों पर अत्याचार के नाम पर वायरल हो चुका है यह वीडियो

 

अपनी पड़ताल के दौरान जब हमने इस वीडियो के बारे में अधिक जानकारी के लिए ट्विटर को खंगालना शुरू किया तो हमें पता चला कि ऊपर उल्लेखित Live Leak नामक वेबसाइट का एक लिंक पाकिस्तानी सेना द्वारा गैर-मुस्लिम पाकिस्तानी नागरिकों पर अत्याचार के नाम पर वायरल किया गया था। इनमे अधिकांश ट्वीट्स 2016 में शेयर किए गए थे।

 

अब बड़ी समस्या यह थी कि ट्विटर पर शेयर किए इन ट्वीट्स के साथ संलग्न लिंक को भारत सरकार द्वारा प्रतिबंधित कर दिया गया था।

 

अब हमने कुछ बाह्य टूल्स की सहायता से वीडियो को देखने का प्रयास किया। हम अपने पाठकों को यह बताना चाहते हैं कि बाह्य टूल्स का प्रयोग सरकार द्वारा प्रतिबंधित है एवं भारतीय सरकार के साइबर एक्ट के अंतर्गत इसका उल्लंघन करने पर सजा का प्रावधान है अतः आपसे अनुरोध है कि इन टूल्स का प्रयोग ना करें. हम अपने पाठकों को यह भी बताना चाहते हैं कि हमने केवल इस दावे का सच सबके सामने लिए एक सुरक्षित एवं भारत सरकार द्वारा संचालन योग्य चिन्हित किए गए बाह्य टूल का प्रयोग किया है और पड़ताल के दौरान इस टूल का इस्तेमाल करने के बाद हमने इस टूल को डिलीट कर दिया है। अब जब हमने वीडियो को देखा तो हमें पता चला कि यह Live Link के उसी वीडियो एक वैकल्पिक लिंक है जिसका जिक्र हमने ऊपर किया है।

पाकिस्तानी सेना का जुल्म दिखाने के लिए शेयर किया गया वर्षों पुराना वीडियो

 

ऊपर हमारी पड़ताल में पढ़ा जा सकता है कि वीडियो करीब 4 वर्ष पूर्व दावा करने वाले तारिक फतह के ही आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड किया गया है अतः यह साबित होता है कि वीडियो पुराना है तथा गलत संदर्भ में शेयर किया जा रहा है।

Tools Used:

  • InVid
  • Twitter Advanced Search
  • Google Search
  • Proxy Server
  • Reverse Image Search
  • YouTube Search

Result: Misleading

 

पाठकों के लिए विशेष– यदि आपको हमारे लेख में किसी भी प्रकार की त्रुटि नज़र आती है या फिर किसी भी सन्देश या समाचार को लेकर भ्रम की स्थिति में हैं तब सटीक और सही जानकारी पाने के लिए हमें checkthis@newschecker.in पर मेल कर सकते हैं। 

Authors

A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.

Saurabh Pandey
A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.

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