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पुलिस की गोली से नहीं हुई थी कांस्टेबल रतनलाल की मौत, सोशल मीडिया में भ्रामक दावा वायरल

Authors

After completing his post-graduation, Yash worked with some of the most renowned newspapers such as like Lokmat, Dainik Bhaskar & Navbharat for the past 6 years. To make sure that no incorrect news reaches people and to maintain peace and harmony in society, he chose to become a fact-checker.

Claim

मृतक कांस्टेबल रतन लाल के पोस्टमार्टम में पुलिस की गोली निकली, मतलब दिल्ली पुलिस ने अपने ही स्टाफ को राजनीति की भेंट चढ़ा दिया। 

 
 
Verification
 
सोशल मीडिया प्लैटफाॅर्म शेयर चैट पर दिल्ली के हिंसक आंदोलन के दौरान मारे गए पुलिस कांस्टेबल रतन लाल को लेकर एक पोस्ट वायरल हो रहा है। पोस्ट में दावा किया गया है कि कांस्टेबल रतनलाल के पोस्टमार्टम में पुलिस की गोली निकली अर्थात दिल्ली पुलिस ने अपने स्टाफ को राजनीति की भेंट चढ़ा दिया। 
 
सोशल मीडिया में वायरल हो रहे इस दावे को लेकर हमनें पड़ताल शुरु कर दी। इसके लिए गूगल खंगाला तो कांस्टेबल रतनलाल को लेकर कई खबरें देखने को मिली। 
 
 
 
एनडीवी की खबर के अनुसार दिल्ली के गोकुलपुरी इलाके में हुई हिंसा के दौरान मारे गए काॅंस्टेबल रतनलाल की मौत पत्थरबाजी से नहीं बल्कि गोली लगने से हुई थी। मंगलवार को हुए पोस्टमार्टम में इस बात की पुष्टि हुई है। लेकिन  खबर में कहीं पर भी पुलिस की गोली लगने से मौत होने का जिक्र नहीं है।
 
 
इसके अलावा इंडिया टुडे की खबर मिली जिसमें बताया गया है कि कांस्टेबल रतन लाल की पत्नी ने पुलिस विभाग पर सवाल उठाए हैं। उसका कहना है कि पुलिस कर्मियों को प्रदर्शनकारियों के सामने एक डंडे के साथ छोड़ दिया गया था। क्या पुलिस विभाग को यह नहीं दिखा कि लोग फ़ायरिंग कर रहे हैं। 
 

इसके अलावा आज तक की खबर में यही जानकारी दी गई है कि रतनलाल की मौत गोली लगने से हुई थी।

 
दिल्ली पुलिस के कांस्टेबल की मौत गोली लगने से होने का खुलासा पोस्टमार्टम में हुआ है। लेकिन यह गोली पुलिस की थी इसका कोई उल्लेख किसी भी खबर में नहीं है। इससे स्पष्ट होता है की सोशल मीडिया में भ्रामक जानकारी वायरल की जा रही है। 
 
Source
 
Google Search 
 
Result- Misleading
 
(किसी संदिग्ध ख़बर की पड़ताल, संशोधन या अन्य सुझावों के लिए हमें WhatsApp करें: 9999499044  या ई-मेल करें: checkthis@newschecker.in)

Authors

After completing his post-graduation, Yash worked with some of the most renowned newspapers such as like Lokmat, Dainik Bhaskar & Navbharat for the past 6 years. To make sure that no incorrect news reaches people and to maintain peace and harmony in society, he chose to become a fact-checker.

Yash Kshirsagar
After completing his post-graduation, Yash worked with some of the most renowned newspapers such as like Lokmat, Dainik Bhaskar & Navbharat for the past 6 years. To make sure that no incorrect news reaches people and to maintain peace and harmony in society, he chose to become a fact-checker.

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