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बीएचयू में ताज़िया घुमाने के नाम पर वायरल हुआ भ्रामक सन्देश, यहां पढ़ें पूरी पड़ताल

Authors

After completing his post-graduation, Yash worked with some of the most renowned newspapers such as like Lokmat, Dainik Bhaskar & Navbharat for the past 6 years. To make sure that no incorrect news reaches people and to maintain peace and harmony in society, he chose to become a fact-checker.

Claim

बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के कुलपति राकेश भटनागर कैंपस में ताजिया घुमवाने की परंपरा शुरू कर विवि का इस्लामीकरण करना चाहते हैं।  

Verification- 
ट्विटर पर मधुकिश्वर नामक हैंडल पर दावा किया गया है कि JNU से आये BHU के सेक्युलर कुलपति, राकेश भटनागर BHU परिसर में ताजिया घुमवा रहे हैं। हैंडल पर एक फोटो शेयर की गई है जिसमें बीएचयू के गेट के अंदर ताजिया जुलूस निकलते हुए दिखाई देता है।
हमनें इस बारे में पड़ताल शुरू की तो यही दावा करने वाला एक और ट्वीट मिला।
बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी में ताजिया को लेकर हमनें गूगल में खोज की तो बेस्ट हिंदी न्यूज नामक वेबसाइट पर खबर मिली इसमें भी लिखा है कि कुलपति राकेश भटनागर के इस भयानक सेकुलरिज्म रूप को देखकर आज पूरा बनारस विश्वविद्यालय हैरान रह गया, क्योंकि ताजिया घुसाने की परम्परा BHU में कभी नहीं रही है।
अब सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि– BHU में ताजिया घुमाने वाली घटना पहली बार हुयी है। लेकिन अब हर साल होगी…कभी सरकार बदलेगी…तब यह घटना घातक हो जाएगी। अगर आज इस घटना पर संज्ञान लेकर दोषियों के खिलाफ कार्यवाही नहीं की गयी तो भविष्य में सांप्रदायिक अशांति का जिम्मेदार कौन होगा?
लेकिन इस खबर से पु्ख्ता जानकारी सामने नहीं आ रही थी इसलिए हमनें पड़ताल को आगे बढ़ाया और विश्वविद्यालय में ताजिया निकालने की परंपरा को लेकर जानने की कोशिश की।
गूगल में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में ताजिया निकालने की परंपरा इन कीवर्ड्स की मदद से खोज की तो खबरों कई रिजल्ट्स सामने आए।
खोज मे पत्रिका की खबर मिली। खबर में लिखा है कि बीएचू में ताजिया निकालने के विरोध में छात्रों ने धरना दिया। छात्रों ने विवि में नई परंपरा शुरू करने का आरोप लगाया है। वहीं खबर में आगे विवि के चीफ प्राॅक्टर प्रो ओ पी राय का बयान भी दिया है। प्रो राय के मुताबिक यह नई पंरपरा नहीं है।
हमें दैनिक जागरण की भी खबर मिली इसमें भी छात्रों के धरना आंदोलन की जानकारी दी गई है। खबर में लिखा है कि बीएचयू चौकी प्रभारी अमरेंद्र पांडेय के अनुसार थाने के त्योहार रजिस्टर में छित्तूपुर गेट से बीएचयू परिसर में विधि संकाय, एमएमवी होते हुए सिंह द्वार से निकलने वाली ताजिया दर्ज है। बावजूद इसके पूर्व अधिकारी के पोस्ट पर न सिर्फ नकारात्मक कमेंट की बौछार होने लगी, बल्कि शाम होते ही कुछ छात्र बीएचयू प्रशासन पर नई परंपरा शुरू करने का आरोप लगाते धरने पर भी बैठ गए। इस पर पुलिस के साथ ही चीफ प्राक्टर ने स्थिति स्पष्ट की। करीब तीन घंटे तक चले विरोध प्रदर्शन के बाद छात्रों ने चीफ प्राक्टर को ज्ञापन सौंपने के साथ धरना समाप्त किया।
बोले प्राक्‍टर – विवि परिसर से होकर पहले भी ताजिया निकलता रहा है। छात्रों की बातों को सुनते हुए उन्हें वास्तविक स्थिति से अवगत भी करा दिया गया है। – प्रो. ओपी राय, चीफ प्राक्टर-बीएचयू, बोले चौकी प्रभारी – ताजिया निकालने की परंपरा नई नहीं है। हर साल थाने के त्योहार रजिस्टर में यह दर्ज है। – अमरेंद्र पांडेय, चौकी प्रभारी-बीएचयू
साथ ही हमें वाराणसी पुलिस का ट्वीट भी मिला जिसमें बताया गया है यह सालों से चली आ रही परंपरा है।
हमारी पड़ताल में सामने आया कि छित्तुपुर गेट से विवि के कुछ विभागों से होकर ताजिया निकाला जाता है ना कि विवि के भीतर से। यह परंपरा सालों से चली आ रही है।
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Result- Misleading

Authors

After completing his post-graduation, Yash worked with some of the most renowned newspapers such as like Lokmat, Dainik Bhaskar & Navbharat for the past 6 years. To make sure that no incorrect news reaches people and to maintain peace and harmony in society, he chose to become a fact-checker.

Yash Kshirsagar
After completing his post-graduation, Yash worked with some of the most renowned newspapers such as like Lokmat, Dainik Bhaskar & Navbharat for the past 6 years. To make sure that no incorrect news reaches people and to maintain peace and harmony in society, he chose to become a fact-checker.

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