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मदरसे में छात्राओं पर हुए अत्याचार की 2 साल पुरानी फोटोशॉप्ड अख़बार की कटिंग हुई वायरल

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Claim
मदरसे में मौलवी ने 52 छात्राओं का यौन शोषण किया लेकिन मीडिया ने इस खबर को कवर नहीं किया। पूरा ध्यान चिन्मयानंद मामले पर ही लगाया। 

Verification

ट्विटर पर पत्रकार पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ के पैरोडी हैंडल @Nationalist_Om पर एक अखबार की कटिंग शेयर की गई है। इस खबर की हेडलाइन में लिखा है कि, मदरसे में यौन शोषण, मौलवी गिरफ्तार, 52 छात्राएं छुड़ाई गई। ट्वीट में दावा किया गया है कि मीडिया ने इस खबर को कवर नहीं किया, अपना सारा ध्यान चिन्मयानंद मामले पर लगाया। बता दें कि बीजेपी नेता स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ लाॅ की स्टूडेंट ने बलात्कार का आरोप लगाया था। स्वामी चिन्मयानंद ने भी छात्रा के खिलाफ जबरन वसूली का मामला दर्ज करवाया था। इसके बाद लाॅ स्टूडेंट को एसआईटी ने गिरफ्तार कर लिया।

इस पोस्ट को अन्य कई ट्विटर हैंडल्स पर भी शेयर किया गया है। जिन्हें आप नीेचे देख सकते हैं।
वहीं फेसबुक पर भी यह पोस्ट देखने को मिला।
बारीकी से देखने पर पता चला कि कटिंग की हेडिंग में मौलवी शब्द पर मौ की मात्रा और मौलवी शब्द का फाॅन्ट बाकी शब्दों से बड़ा नजर आ रहा है। इससे इस तस्वीर के फोटोशॉप्ड होने का शक हुआ।
कटिंग की हेडिंग के कीवर्ड्स को लेकर गूगल खंगाला तो हमें अमर उजाला में दो साल पहले प्रकाशित खबर मिली। इस खबर में मौलवी की जगह मैनेजर लिखा हुआ है।
अमर उजाला की वेबसाइट पर भी यह खबर प्रकाशित हुई थी।
अमर उजाला में छपी खबर के अनुसार, लखनऊ के यशगंज, मदनगंज में एक मदरसे में कई लड़कियों को बंधक बना लिया गया था और उनका यौन उत्पीड़न किया गया। लड़कियों द्वारा लिखी गई चिट्ठी के बाद यह मुद्दा सामने आया। इस बारे में स्थानीय लोगों द्वारा 29 दिसंबर, 2017 को पुलिस को सूचित किया गया था। जब स्थानीय लोगों ने एक खिड़की से लड़कियों द्वारा फेंकी गई चिट्ठी पढ़ी तो इसका खुलासा हुआ। पुलिस ने 52 लड़कियों को मदरसे से बाहर निकाला। खबर में आगे लिखा है कि पुलिस ने मदरसा प्रबंधक कारी तैय्यब जिया को लड़कियों का यौन शोषण करने उनके साथ मारपीट जैसे आरोप में गिरफ्तार किया था।
मदरसा का मालिकाना हक हदीजतुल कुबरा लिल बानट इंदिरानगर के निवासी मौलवी सैयद मोहम्मद जिलानी अशरफ के पास था। उसने ज़िया को मदरसे का प्रभारी बनाया था। अशरफ के परिवार के एक सदस्य ने भी पुलिस को यौन शोषण के बारे में जानकारी दी थी। यह खबर बिजनेस स्टैंडर्ड की वेबसाइट पर भी प्रकाशित हुई थी।
इससे साबित होता है कि दो साल पहले पुलिस ने छात्राओं के यौन शोषण के आरोप में मौलवी को नहीं बल्कि मदरसे के मैनेजर को गिरफ्तार किया था। अमर उजाला की खबर को एडिट कर सोशल मीडिया में गलत दावा किया जा रहा है।
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Result- Misleading

Authors

After completing his post-graduation, Yash worked with some of the most renowned newspapers such as like Lokmat, Dainik Bhaskar & Navbharat for the past 6 years. To make sure that no incorrect news reaches people and to maintain peace and harmony in society, he chose to become a fact-checker.

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