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महान गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह के पार्थिव शरीर को घर ले जाने के लिए पप्पू यादव ने मुहैया करायी एम्बुलेंस? पढ़ें पूरा सच

Written By Yash Kshirsagar
Nov 15, 2019
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Claim

गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण के निधन के बाद जहां बिहार के सभी नेता नदारद थे वहीं पप्पू यादव खुद एम्बुलेंस की व्यवस्था कर उनकी अंतिम यात्रा में सम्मिलित हुए।

 
Verification
ट्विटर पर जनार्दन मिश्रा नामक हैंडल से बिहार जनाधिकार पार्टी के अध्यक्ष पप्पू यादव की एम्बुलेंस में एक शव के साथ फोटो शेयर की गई है। पोस्ट में दावा किया गया है कि बिहार के विश्वविख्यात गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण जी के निधन के बाद जहां बिहार के सभी नेता नदारद थे वहीं पप्पू यादव खुद एम्बुलेंस की व्यवस्था कर उनकी अंतिम यात्रा में सम्मिलित हुए।
ट्विटर पर किए गए दावे को लेकर हमनें पड़ताल की। गूगल में कुछ कीवर्ड्स के माध्यम से खोज शुरू की। इस खोज के दौरान हमें वशिष्ठ नारायण के निधन को लेकर कई खबरें देखने को मिली।
इस खोज के दौरान हमें सन्मार्गलाइव की वेबसाइट पर प्रकाशित खबर मिली जिसमें लिखा गया है कि गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण के निधन पर जल्दी एंम्बुलेंस न मिलने से जनाधिकार पार्टी के अध्यक्ष पप्पू यादव सरकार और प्रशासन पर बरसे। उन्होंने कहा कि सम्मान देने के बजाय उनका अपमान हो रहा है। लेकिन खबर में कहीं पर भी पप्पू यादव द्वारा एम्बुलेंस का इंतजाम किए जाने का जिक्र नहीं था इसलिए हमनें खोज को आगे बढ़ाया।
इसके अलावा हमें यूुट्यूब पर एक वीडियो मिला जिसमें पप्पू यादव और जेडीयू नेता तू-तू मैं-मैं करते नजर आ रहे हैं। लेकिन इसमें भी साफ नहीं हुआ कि एम्बुलेंस का इंतजाम किसने किया था।
वही हमें आज तक में छपी खबर मिली जिसमें लिखा है कि परिजनों के साथ पटना के कुल्हरिया कांप्लेक्स के पास रहने वाले वशिष्ठ नारायण सिंह की तबीयत आज सुबह अचानक खराब हो गई. बताया जा रहा है कि आज तड़के उनके मुंह से खून निकलने लगा. जिसके बाद उन्हें तत्काल परिजन पीएमसीएच लेकर गए जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.परिजनों का आरोप है कि वशिष्ठ नारायण सिंह की मृत्यु के 2 घंटे तक उनकी लाश अस्पताल के बाहर पड़ी रही. 2 घंटे के इंतजार के बाद एबुंलेंस उपलब्ध कराया गया.  
 
लेकिन इस खबर में कहीं पर भी पप्पू यादव का जिक्र नहीं है।
 
साथ ही हमें अमर उजाला में छपी खबर मिली जिसमें लिखा है कि वशिष्ठ नारायण सिंह का पार्थिव शरीर अस्पताल परिसर में करीब डेढ़ घंटे तक स्ट्रेचर पर रखा रहा। अस्पताल प्रशासन की तरफ से एंबुलेंस नहीं मुहैया कराई गई। उनके भाई को वशिष्ठ सिंह के पार्थिव शरीर के साथ काफी देर तक अस्पताल के बाहर खड़ा रहना पड़ा।
उनके भाई ने बताया कि एंबुलेंस वाले ने पार्थिव शरीर भोजपुर ले जाने के लिए पांच हजार रुपए मांगे। बाद में कलेक्टर कुमार रवि और कुछ नेता पहुंचे, जिसके बाद पार्थिव देह को एंबुलेंस से उनके पैतृक आवास भोजपुर ले जाने की व्यवस्था हुई।
इससे साफ हुआ कि गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण के निधन के बाद उनकी लाश दो घंटे तक स्ट्रेचर पड़ी रही और बाद में प्रशासन ने एम्बुलेंस उपलब्ध कराई न कि पप्पू यादव ने। सोशल मीडिया पप्पू यादव द्वारा एम्बुलेंस उपलब्ध कराने का भ्रामक दावा वायरल किया जा रहा है।
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Result- Misleading
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