A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.
Claim-
Guess Mysore Pak is now Madras Pak? Is this true?
(हिंदी अनुवाद)
लगता है कि मैसूर पाक अब मद्रास पाक है? क्या ये सच है?
Verification-
ट्विटर पर “आनंद रंगनाथन” के एक ट्वीट से कन्नड़ न्यूज़ चैनलों में बहस छिड़ गयी है। आनंद रंगनाथन ने निर्मला सीतारमण के साथ एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा है कि मैसूरपाक को अब तमिलनाडु का ‘जी.आई’ टैग देने के लिए एक-व्यक्ति-समिति की ओर से सराहना के इस टोकन को प्राप्त करने में प्रसन्नता हुई। वार्ता सुचारु रूप से आगे बढ़ रही है।
newschecker.in टीम को बर्जिस नामक एक ट्विटर हैंडल ने एक वीडियो क्लिप शेयर करते हुए मैसूर पाक पर चल रही बहस की सच्चाई जाननी चाही है। पूछा कि क्या यह खबर सच है। हमने अपनी पड़ताल में सबसे पहले कन्नड़ न्यूज़ चैनल खंगाला इस दौरान प्राप्त परिणामों से पता चला कि कन्नड़ भाषा के अधिकतर न्यूज़ चैनलों में वायरल खबर शेयर की गयी गयी थी।
गूगल पर सबसे पहले ‘जी आई ‘ टैग के बारे में ख़ोजा इस दौरन हमें
clearias नामक वेबसाइट पर ‘जी आई टैग’ के बारे में जानकारी प्राप्त हुई।
हमने अपनी पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए ट्विटर पर भी वायरल खबर के बारे में खोजा। सबसे पहले हमें ‘आनंद रंगनाथन’ का एक ट्वीट प्राप्त हुआ ,जहां उन्होंने खुद न्यूज़ चैनलों से वायरल खबर को रोकने का अनुरोध किया है।
इसी कड़ी में हमें कर्नाटक के सांसद तेजस्वी सूर्या का भी एक ट्वीट प्राप्त हुआ, ट्वीट में उन्होंने आनंद रंगनाथन को सांत्वना देते हुए कहा है कि मैंने न्यूज़ चैनलों से वायरल खबर का प्रसारण रोकने के लिए बोल दिया है।
पड़ताल के दौरान हमें वायरल खबर से सम्बंधित
swarajyamag नामक वेबसाइट पर एक लेख प्राप्त हुआ। जहां इस बात का उल्लेख है कि आनंद रंगनाथन ने वायरल ट्वीट सिर्फ मजाक के तौर पर शेयर किया था। खोज में
वन इंडिया डॉट कॉम नामक वेबसाइट का भी लेख प्राप्त हुआ जहां वायरल खबर को गलत बताया गया है।
पड़ताल में ‘पत्रिका’ नामक वेबसाइट पर साल 2017 में प्रकाशित एक लेख मिला जो मैसूर पाक को तमिलनाडु का ‘जी आई’ बनाने के विवाद के बारे में प्रकाशित हुआ है। उक्त लेख से पता चला कि साल 2017 में भी इस बात को लेकर बहस हुई थी। बर्जिस द्वारा शेयर किया गया वीडियो क्लिप फिलहाल डिलीट किया जा चुका है।
Tools Used
- Google Search
- Twitter Search
Result- Misleading
A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.