शनिवार, नवम्बर 2, 2024
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यूएस के डिटेंशन कैंप की तस्वीरें असम की बताकर सोशल मीडिया पर वायरल

Authors

A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

Claim
 
असम की जेलों में वहां NRC में विदेशी घोषित कर दिये गए लोगों को क़ैद करने के लिए डिटेंशन कैम्प बनाये गए हैं।
 
 
 
 
Verification- 
 
कल दिल्ली में जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी छात्रों द्वारा आयोजित नागरिकता (संशोधन) अधिनियम  के खिलाफ प्रदर्शन के बाद सोशल मीडिया पर जामिया मिलिया और  नागरिकता (संशोधन) अधिनियम से संबंधित खबरों को खूब शेयर किया गया। इसी दौरान हमें फेसबुक पर दो तस्वीरों के साथ एक पोस्ट प्राप्त हुआ। तस्वीरों में कई युवकों को एक कमरे की फर्श पर लेटे व बैठे हुए देखा जा सकता है। पोस्ट शेयर करने वाले यूज़र का दावा है कि यह तस्वीर असम में बने डिटेंशन सेंटर की है जहां इंसानों को कीड़े-मकौड़ों के समान रखा जा रहा है।  
 
तस्वीरें देखते ही हमें इनके भारत का ना होने का अंदेशा होने पर हमने अपनी पड़ताल आरम्भ की। गूगल में हमें elitiempo.com नामक वेबसाइट पर किसी अन्य भाषा में प्रकाशित एक लेख प्राप्त हुआ जहां वायरल तस्वीर को पोस्ट किया गया है। गूगल ट्रांसलेटर के माध्यम से पता चला कि तस्वीर ‘डोमिनिकन रिपब्लिक’ शहर की है।
 
  
  
 
इसके बाद हमने दूसरी तस्वीर को भी खोजा। इस दौरान हमें The washington post नामक वेबसाइट पर प्रकाशित एक लेख पर उक्त तस्वीर प्राप्त हुई जहां पर तस्वीर को यूएस का बताया गया है।
 
   
 
 
 
newschecker.in की पड़ताल में इन लेखों को पढ़ने पर पता चला कि वायरल तस्वीरें भारत की नहीं है।  
 
 
Tools Used 
 
  • Google Search 
  • Google Translator 
  • Reverse Image Search 
 
Result-Misleading 
 
 (किसी संदिग्ध ख़बर की पड़ताल, संशोधन या अन्य सुझावों के लिए हमें ई-मेल करें: checkthis@newschecker.in)

Authors

A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

Nupendra Singh
A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

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