Authors
After completing his post-graduation, Yash worked with some of the most renowned newspapers such as like Lokmat, Dainik Bhaskar & Navbharat for the past 6 years. To make sure that no incorrect news reaches people and to maintain peace and harmony in society, he chose to become a fact-checker.
Claim
दुनिया में सार्वजनिक जगहों पर मुस्लिमों के क्रियाकलापों से आम जनता त्रस्त है। यूरोपियन देशो में भारी विरोध के चलते पुलिस और सरकार इनके प्रति सख्त हुई है।
Verification
सोशल मीडिया में वायरल हो रहे वीडियो को लेकर दावा किया जा रहा है कि यूरोपियन देशों में मुस्लिम धर्म के लोगों का काफी विरोध हो रहा है। उनके द्वारा सार्वजनिक जगहों पर धार्मिक क्रियाकलाप किए जाने के कारण पुलिस और सरकार ने उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू की है।
हमें ट्वीटर पर Subodh Kumar dey नामक हैंडल पर यह दावा करने वाला ट्वीट मिला। ट्वीट के साथ शेयर किए वीडियो में कुछ सैनिक, एक टेंट में नमाज पढ़ रहे लोगों पर आंसू गैस से हमला करते दिखाई देते है। ट्वीट में दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो यूरोपियन देश का है।
जेहादी शौच-सोच
क्रिया कलाप प्रतियोगिता !!विश्व के प्रायः हर देश,शहर,कस्बे के
पार्क,बागीचा,मैदान
से
सड़क,रेलवे प्लेटफार्म,हवाई अड्डानारी उत्पीड़न धरतीचपटी मतावलंबीयो का धर्मांध क्रियाकलाप
आमजन त्रस्त
कारवाई !
योरोपीय देशो मे भारी विरोध के कारण सरकार/पुलिस सख्त pic.twitter.com/SNSlrL1t5p
— Subodh Kumar dey (@dey_subodh_) July 28, 2019
इस ट्वीट में किए दावे की पड़ताल के लिए गूगल में european soldier attack on muslim prayers इस कीवर्ड्स की मदद से खोज की लेकिन कुछ हाथ नहीं लगा। इसके बाद वायरल वीडियो में से कुछ तस्वीरों को गूगल में खंगालना आरम्भ किया। इस दौरान हमें कई रिजल्ट्स मिलने शुरू हुए। नतीजों में हमें Raoof Abdullah नामक ट्वीटर हैंडल पर वायरल वीडियो ट्वीट दिखाई दिया।
इसमें दावा किया गया था है कि यह दिल दहला देने वाला वीडियो है। इजराइल के सैनिकों ने प्रार्थना कर रहे फिलिस्तीनी मुस्लिमों का उत्पीड़न किया। ट्वीट से पता चला कि यह वीडियो यूरोपियन देश की पुलिस का नहीं है बल्कि इजराइली सैनिकों का है।
Most heartbreaking video ever, seing Brothers of #Palestine who are in their prayers being oppressed and mocked like this by the enemy of Islam #Israel. pic.twitter.com/AWNolC2M3M
— Raoof Abdullah (@AbdullahRaoof) July 15, 2019
लेकिन खबर की पुष्टि होना अभी बाकी था इसलिए खोज जारी रखी इस दौरान एक और ट्वीट मिला।
VIDEO: A Palestinian imam continues to lead prayer after Israeli police fire tear gas at unarmed worshippers in occupied West Bank. pic.twitter.com/JyK90SZTsj
— 5Pillars (@5Pillarsuk) July 15, 2019
इस ट्वीट में भी यही दावा किया गया था कि इजरायली पुलिस द्वारा आंसू गैस से फायर करने के बाद एक फिलिस्तीनी इमाम ने प्रार्थना का नेतृत्व करना जारी रखा।
खबर के बारे में अधिक जानकारी पाने के लिए Israeli Soldiers Throw Tear Gas at Praying Palestinians कीवर्ड्स की मदद से युट्यूब में भी वीडियो की खोज की तो हमारे हाथ वही वीडियो लगा जो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा था।
इसके बाद इन्हीं कीवर्ड्स का इस्तेमाल कर गूगल खंगाला तो कई रिजल्ट सामने आए। हमें इसमे Palestine News Network की खबर मिली जिसमें यही दावा किया गया कि इजरायल Israeli Occupation Forces (IOF) ने गुरुवार को एक सिट-टेंट को नष्ट कर दिया, जो यरूशलेम के दक्षिण-पूर्व वादी अल-हम्मस के 500 लोगों ने एकजुटता से खड़ा किया था।
आईओएफ ने तम्बू को नीचे खींच लिया, जिसमें निवासियों प्रार्थना कर रहे थे, भीड़ में आंसू गैस को फायर करने से दर्जनों लोग साँस से पीड़ित हो गए। इलाके में कृषि फसलों में आग लगाकर, स्टन ग्रेनेड को करीब से फेंक दिया गया।
इस खबर में इजराइली सोल्जर्स द्वारा कार्रवाई के दौरान पीएनएन द्वारा किया गया फेसबुक लाइव का वीडियो भी अपलोड किया है जिसे नीचे देखा जा सकता है।
इससे साफ होता है कि यह वीडियो यूरोप की पुलिस का ना होकर येरुशलम में इजराइली सोल्जर्स द्वारा प्रार्थना कर रहे फिलिस्तानी लोगों के खिलाफ की गई कार्रवाई का है। सोशल मीडिया में इस वीडियो को गलत तरीके से वायरल कर भ्रामक दावा किया जा रहा है।
Tools Used
- Twitter Advanced Search
- Yandex
- Google keywords Search
- Youtube
Result
False
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After completing his post-graduation, Yash worked with some of the most renowned newspapers such as like Lokmat, Dainik Bhaskar & Navbharat for the past 6 years. To make sure that no incorrect news reaches people and to maintain peace and harmony in society, he chose to become a fact-checker.