After completing his post-graduation, Yash worked with some of the most renowned newspapers such as like Lokmat, Dainik Bhaskar & Navbharat for the past 6 years. To make sure that no incorrect news reaches people and to maintain peace and harmony in society, he chose to become a fact-checker.
Claim
भाजपा राज्यसभा सांसद तथा जी टीवी के मालिक सुभाष चंद्रा 35000 करोड़ लेकर देश से फरार हुए। उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है।
Verification
ट्विटर के एक हैेंडल पर बीजेपी सांसद तथा जी टीवी के मालिक सुभाष चंद्रा को लेकर एक ट्वीट किया किया गया है। इसमें दावा किया गया है कि चंद्रा 3500 करोड़ रुपए लेकर देश से फरार हो गए हैं। उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हो चुकी है।
हमनें गूगल में
राज्यसभा सांसद सुभाष चंद्रा देश से फरार इस कीवर्ड की मदद से गूगल में खोज की लेकिन कुछ हाथ नहीं लगा। वहीं दूसरे कुछ कीवर्ड्स से गूगल खंगाला तो 24 सिंतबर को
जनसत्ता में छपी खबर मिली।
खबर के मुताबिक सुभाष चंद्रा ने कंपनी के शेयर गिरवी रखकर कर्ज लिया है। लेकिन अब इस बिजनेस टायकून के लिए कर्ज की अदायगी एक चुनौती बन गई है। खबर में कहीं पर भी चंद्रा के फरार होने का जिक्र नहीं है।
पंजाब केसरी में भी इस बारे में खबर छपी है। इसमें कहीं पर भी सांसद चंद्रा के देश छोड़कर भागने का जिक्र नहीं है।
एनडीटीवी प्राॅफिट की वेबसाइट पर सुभाष चंद्रा का उद्योग समूह आर्थिक संकट से जूझने की खबर प्रकाशित हुई है।
हमनें सुभाष चंद्रा के खिलाफ कर्ज न चुकाने के मामले में एफआईआर दायर हुई थी या नहीं इस बारे में जानने की कोशिश की। गूगल में कुछ कीवर्ड की मदद से खोज की तो दो साल पहले इकोनोमिक टाइम्स में छपी खबर मिली।
वहीं सुभाष इन दिनों भारत में हैं या विदेश में इसकी जानकारी नहीं मिल पा रही थी। हमनें उनकी
वेबसाइट चेक की लेकिन उस पर भी कोई अपडेट नहीं था। इसके बाद हमनें उनका ट्विटर खंगाला तो कुछ घंटे पहले सुभाष चंद्रा द्वारा किया गया ट्वीट मिला जिससे उनके देश में ही होने की पुष्टि हुई। इससे साफ हुआ कि वे मुंबई में हैं।
हमारी पड़ताल से यह साफ हुआ कि भाजपा राज्यसभा सांसद सुभाष चंद्रा देश छोड़कर भागे नहीं हैं। उनके द्वारा कुछ शेयर गिरवी रखने की खबर है लेकिन कर्ज न चुकाने की खबर कहीं पर भी नहीं है। सोशल मीडिया में उनको लेकर भ्रामक दावे वायरल हो रहे हैं।
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Result- False
After completing his post-graduation, Yash worked with some of the most renowned newspapers such as like Lokmat, Dainik Bhaskar & Navbharat for the past 6 years. To make sure that no incorrect news reaches people and to maintain peace and harmony in society, he chose to become a fact-checker.