Claim
कांग्रेस नेता राहुल गाँधी ने असम, बिहार सहित उत्तर प्रदेश, त्रिपुरा और मिजोरम में आए जल प्रलय की कुछ तस्वीरें ट्वीटर पर शेयर की हैं। ट्वीट के माध्यम से उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ताओं से बाढ़ पीड़ित लोगों की मदद की अपील की है। राहुल गांधी द्वारा ट्वीट की गई तस्वीरों की हकीकत जानने के लिए हमारे कुछ पाठकों ने हमसे संपर्क किया।
Verification
राहुल गाँधी के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर तस्वीरों का सच जानना चाहा लेकिन यह ट्वीट राहुल गाँधी के प्रोफाइल पर नज़र नहीं आया। उन्होंने बाद में इन तस्वीरों को डिलीट कर एक नया पोस्ट डाला।
असम, बिहार, उतर प्रदेश, त्रिपुरा और मिजोरम में बाढ़ से हालात बेकाबू हो गए है। जन-जीवन बुरी तरह प्रभावित हो गया है।
मैं इन सभी राज्यों के कांग्रेस कार्यकर्ताओं से अपील करता हूं वे आम लोगों के राहत और बचाव कार्य में तत्काल जुटे।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 16, 2019
ऐसे में हमने स्क्रीनशॉट में मौजूद तस्वीरों की सहायता से पड़ताल करना शुरू किया। खोज के दौरान यह पता चला कि बाढ़ से सम्बंधित कई पुरानी तस्वीरें कई वर्षों से सोशल मीडिया पर अलग-अलग सन्दर्भ के साथ शेयर की जा रही हैं। अब हम आपको राहुल गाँधी द्वारा पोस्ट की गई पुरानी तस्वीरों की सच्चाई बताते हैं। ये तस्वीरें लगभग हर साल बाढ़ के दिनों में वायरल हो ही जाती हैं। इस तस्वीर में बाढ़ प्रभावित इलाके के कुछ बच्चे एक झोपड़ी की छत पर बैठे हुए हैं।
खोज के दौरान पता चला कि यह तस्वीर Getty Images पर AFP के लिए कुलेंदु कलिटा द्वारा 27 जुलाई 2016 को ली गई थी। इस तस्वीर के साथ दिए गए विवरण से हमें यह पता चला कि यह तस्वीर 2016 असम बाढ़ की है।
दूसरी तस्वीर में देख सकते हैं कि किस तरह एक वृद्ध अपने सिर पर छोटे से बच्चे को लेकर जा रहा है, इस तस्वीर में भी बाढ़ का कहर दिखाई देता है। यह तस्वीर भी कई वर्षों से बाढ़ के समय शेयर की जाती रही है।
इस तस्वीर की पड़ताल के दौरान पता चला कि यह ABPSANJHA द्वारा साल 2015 में असम बाढ़ के दौरान दिखाई गई थी।
खोज के दौरान पता चला कि यह तस्वीर एक ब्लॉग द्वारा 24 जून 2013 को उत्तराखंड में आई बाढ़ के संबंध में भीपोस्ट की गई थी। हमारी पड़ताल से यह साफ़ हो गया कि राहुल गाँधी द्वारा ट्वीटर पर पोस्ट की गई तस्वीरों का इस साल की बाढ़ से कोई ताल्लुक नहीं है।
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