गुरूवार, अप्रैल 18, 2024
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साकेत कोर्ट परिसर में एक पुलिसकर्मी की पिटाई के वीडियो को तीस हजारी में हुई घटना का बताकर किया गया शेयर

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Claim

दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट में वकील और पुलिस के बीच हिंसक झडप हुई। अगर पुलिसवालों के साथ ऐसा व्यवहार हो रहा है तो ईश्वर ही हमें बचाए।

Verification- 
Zainb Sikander नामक ट्विटर हैंडल से एक वीडियो शेयर किया गया है। इस वीडियो में दिख रहा है कि कुछ वकील एक बाइक सवार पुलिसवाले को रोकते हैं उसके साथ मारपीट करते हैं और उसे वापस जाने को मजूबर करते हैं। इस वीडियो को लेकर दावा किया गया है कि यह दृश्य दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट के परिसर का है। जहां वकील और पुलिस के बीच हिंसक झड़प हुई। पुलिस वालों के साथ इस तरह का व्यवहार दुर्भाग्यपूर्ण है।
हमनें इस ट्वीट को लेकर पड़ताल शुरू की इस दौरान हमें प्रशांत कन्नौजिया का इसी तरह का दावा करने वाला एक और ट्वीट मिला।
तीस हजारी कोर्ट में पुलिस और वकीलों के बीच झड़प इस कीवर्ड्स की मदद से गूगल में खोज की तो इसके कई रिजल्ट सामने आए।
खोज के दौरान हमें एनडीटीवी की खबर मिली जिसमें तीस हजारी कोर्ट में वकील और पुलिस वालों के बीच हुई झडप के सीसीटीवी फुटेज अपलोड किए गए थे। लेकिन इस फुटेज में ट्वीटर पर वायरल वीडियो कहीं पर भी नजर नहीं आया।
वहीं टीवी 9 भारतवर्ष की खबर का वाडियो भी हमें मिला। इस खबर में बताया गया है कि पार्किंग को लेकर वकील और पुलिस वालों के बीच हिंसक झड़प हुई।
इससे साफ हो गया है कि वायरल ट्विट में शेयर किया गया वीडियो तीस हजारी कोर्ट परिसर का नहीं था। हमनें यह वीडियो कहां का है इसका पता करने के लिए गूगल रिवर्स इमेज का सहारा लिया लेकिन कुछ हाथ नहीं लगा। इसके बाद कई कीवर्ड्स का इस्तेमाल कर गूगल खंगाला तो हमें यूट्यूब के इनखबर चैनल पर यह वायरल वीडियो मिला।
खबर के अनुसार यह वीडियो दिल्ली के साकेत कोर्ट का है। दिल्ली में तीस हजारी कोर्ट मामले के बाद जगह-जगह पर यह हाल देखने को मिल रहा है। वहीं हमें नवभारत टाइम्स के ट्विटर हैंडल पर यह वीडियो मिला। इसमें भी यही बताया गया है कि यह वीडियो साकेत कोर्ट का है।
इससे साफ हुआ कि ट्वीटर पर जिस वीडियो को तीस हजारी कोर्ट का बताया था वह साकेत कोर्ट परिसर का है। सोशल मीडिया में भ्रामक दावे के साथ इसे शेयर किया गया।
Tools Used 
  • Twitter Advanced Search
  • Google Keywords Search
  • Youtube Search
Result– Misleading
(किसी संदिग्ध ख़बर की पड़ताल, संशोधन या अन्य सुझावों के लिए हमें ई-मेल करें: checkthis@newschecker.in)

Authors

After completing his post-graduation, Yash worked with some of the most renowned newspapers such as like Lokmat, Dainik Bhaskar & Navbharat for the past 6 years. To make sure that no incorrect news reaches people and to maintain peace and harmony in society, he chose to become a fact-checker.

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