A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.
Claim–
चेकिंग के नाम पर हो रही अवैध वसूली को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लिया बड़ा फैसला। छीना ‘थाना पुलिस’ से वाहन चेकिंग का अधिकार।
Verification-
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कानपुर दौरे से लौटने के बाद से सोशल मीडिया पर एक सन्देश बड़ी तेजी से शेयर किया जा रहा है। सन्देश में दावा किया जा रहा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने दौरे से लौटने के बाद यातायात नियमों पर लिया बड़ा फैसला। वाहन चेकिंग के नाम पर हो रही अवैध वसूली को देखते हुए सीएम योगी ने यूपी के थाना पुलिस से वाहन चेकिंग का अधिकार वापस लेकर ट्रैफिक पुलिस को दे दिया है।
Newschecker.in के एक पाठक इंद्रजीत तिवारी ने हमारी टीम को यह सन्देश व्हाट्सएप्प पर शेयर करते हुए इसकी प्रमाणिकता जाननी चाही थी।
हमने अपनी पड़ताल में सन्देश को कुछ कीवर्ड्स की मदद से गूगल पर खोजा। इस दौरान वायरल सन्देश किसी प्रामाणिक वेबसाइट पर प्राप्त नहीं हुआ ।
सन्देश में किये गए दावे की तह तक जाने के लिए हमने ट्विटर पर भी पड़ताल की। इस दौरान सीएम योगी
आदित्यनाथ के प्रोफइल को खंगाला।
जहां वायरल खबर से सम्बंधित कोई ट्वीट प्राप्त नहीं हुआ। इसी कड़ी में हमने यूपी नागरिक
पुलिस तथा
ट्रैफिक पुलिस के ट्विटर प्रोफाइल भी खंगाले। लेकिन यहाँ भी वायरल खबर से सम्बंधित कोई ट्वीट हाँथ नही लगा।
गूगल पर बारीकी से खोजने पर हमें नवभारत टाइम्स के एक
लेख में उत्तर प्रदेश के यातायात निदेशालय का एक पत्र प्राप्त हुआ।
पत्र के मुताबिक उत्तर प्रदेश के यातायात पुलिस उप महानिरीक्षक ने आदेश दिया है कि सिर्फ पेपर चेकिंग के लिए वाहनों को न रोका जाये, बल्कि किसी भी वाहन में कोई खामी नजर आने पर ही गाड़ियों को रोका जाये। जैसे हेलमेट न होना, सीट बेल्ट न लगी होना आदि। इसके साथ ही चार पहिया वाहनों तथा बड़े वाहनों की विशेष रूप से ध्यान से चेकिंग के आदेश दिए हैं।
उपरोक्त लेख के साथ हमें
न्यूज़ 18 की वेबसाइट पर भी एक खबर प्राप्त हुई, जहां यातायात पुलिस उप महानिरीक्षक के आदेश का पत्र अटैच किया गया है।
हमारी पड़ताल में वायरल सन्देश भ्रामक साबित हुआ।
Tools Used
- Google Search
- Twitter Advanced Search
Result- Misleading
A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.