गुरूवार, मार्च 28, 2024
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सोशल मीडिया में सुडान के गृह मंत्री के नाम पर वायरल हुई केन्या में व्याप्त भुखमरी की तस्वीरें

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Claim-

वक्त हमेशा एक जैसा नहीं रहता। साल 1995 में सुडान के गृहमंत्री रह चुके अकीद इब्राहिम की हालत काफी बुरी हुई है। देश के गृहमंत्री अमित शाह का भी घमंड टूटेगा।

Verification
ट्विटर पर एक वृद्ध की फोटो शेयर की गई हैं जो नाजुक अवस्था में जी रहा है। इस फोटो को लेकर दावा किया गया है कि यह सुडान के पूर्व गृहमंत्री अकीद इब्राहिम हैं। आज उनका यह हाल है। वक्त हमेॆशा एक जैसा नहीं होता। भारत के गृहमंत्री अमित शाह का भी घमंड टूटेगा।
इस ट्वीट को लेकर पड़ताल शुरू की तो हमें whiteniche की एक खबर मिली जिसमें इसी दावे के साथ यही फोटो शेयर की गई थी।
वहीं हमें bintumani नामक वेबसाइट पर यही खबर देखने को मिली। लेकिन दोनों खबरों में रक्षा मंत्री का नाम अलग लिखा था इसलिए पड़ताल को आगे बढ़ाया। गूगल रिवर्स इमेज की मदद से ट्वीट में शेयर की गई फोटोज को खोजना शुरू किया तो इसके कई रिजल्ट सामने आए।
वहीं खोज के दौरान हमें केन्या टुडे में प्रकाशित एक लेख मिला जिसमें लिखा है कि सूखे के कारण केन्या के तुर्काना और बरिंगो में लोग भूख से मर रहे हैं। इस लेख में वही फोटो लगी थी जिसे ट्वीट में शेयर किया गया था।
वहीं सात महीने पहले फेसबुक पर शेयर किए गए वीडियो पोस्ट में भी तस्वीर दिखाई पड़ी। इससे स्पष्ट हुआ की यह फोटो सुडान के पूर्व रक्षा मंत्री की नहीं बल्कि सूखे से बदहाली झेल रहे केन्या के वृद्ध की है।
वहीं हमने आर्मी की वर्दी पहने शख्स की फोटो को गूगल रिवर्स इमेज की मदद से खोजा तो इसके बारे में कई रिजल्ट्स सामने आए। खोज के दौरान पता चला कि वर्दी में जो शख्स हैं वह सुडान के पूर्व रक्षा मंत्री Awad Ibn Aouf हैं।
इससे साबित हुआ कि सुडान के गृह मंत्री के नाम पर वायरल की गई फोटो गलत है। इसमें से दो फोटो केन्या के भुखमरी से त्रस्त वृद्ध की है तो वहीं तीसरी फोटो सुडान के पूर्व रक्षा मंत्री Awad Ibn Aouf की है। सोशल मीडिया में यह फोटो गलत दावे के साथ शेयर की जा रही है।
Tools Used 
  • Twitter Advanced Search
  • Google Reverse Image Search
  • Google keywords Search
Result- False

Authors

After completing his post-graduation, Yash worked with some of the most renowned newspapers such as like Lokmat, Dainik Bhaskar & Navbharat for the past 6 years. To make sure that no incorrect news reaches people and to maintain peace and harmony in society, he chose to become a fact-checker.

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