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चंद्रयान-2 के नाम पर वायरल हो रही है अग्नि-5 बैलेस्टिक मिसाइल की तस्वीर 

Authors

A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

Claim

इसरो के वैज्ञानिक चंद्रयान-2 की लांचिंग से पहले पूजन करते हुए।

 
Verification
चंद्रयान-2 के सफल प्रक्षेपण के बाद सोशल मीडिया में एक तस्वीर तेजी से वायरल हो रही है। ट्विटर पर एक मिसाइल की तस्वीर शेयर करते हुए इसे चंद्रयान 2 बताया गया है। साथ ही दावा किया जा रहा है कि अंतरिक्ष यान के प्रक्षेपण से पहले इसकी सफलता के लिए भगवान की पूजा अर्चना की जाती है। इसे कई बार शेयर और रीट्वीट किया गया है।
वायरल पोस्ट में मिसाइल के सामने एक पंडित जी को पूजा और हवन करते हुए देखा जा सकता है। दावे की पड़ताल के लिए सबसे पहले हमने चंद्रयान-2 की तस्वीर को खोजना शुरू किया।
हमारी पड़ताल में मिली चंद्रयान-2 और वायरल हो रही तस्वीरें आपस में मैच नहीं करती जिससे ये साबित हो गया कि शेयर की जा रही तस्वीर चंद्रयान-2 की नहीं है। वायरल हो रही तस्वीर के बारे में जानने के लिए हमने अपनी पड़ताल जारी रखी। गूगल खंगालने पर हमें ‘द न्यूयार्क टाइम्स’ का लेख प्राप्त हुआ। जहां इस तस्वीर का इस्तेमाल हुआ था।
18 जनवरी 2018 को वायरल तस्वीर के साथ इस लेख को प्रकाशित किया गया है था। साथ ही यह भी देखा जा सकता है कि एक पंडित जी मिसाइल के पास ही कुछ पूजा पाठ कर रहे हैं। लेख के मुताबिक तस्वीर ‘भारतीय बैलेस्टिक अग्नि- 5 मिसाइल’ की है।
खोज के दौरान ही ‘इंडिया टुडे‘ की एक खबर प्राप्त हुई। खबर के मुताबिक वायरल तस्वीर ‘अग्नि-5’ मिसाइल की है, जिसका प्रक्षेपण 10 दिसंबर 2018 को डॉ अब्दुल कलाम द्वीप उड़ीसा से किया गया था।
दोनों लेखों को पढ़ने के बाद यह साफ़ हो गया था कि वायरल तस्वीर चन्द्रयान-2 की नहीं बल्कि अग्नि-5 मिसाइल की है।
वायरल पोस्ट का एक दावा यह भी था कि हर प्रक्षेपण से पहले उसका मॉडल/ डेमो, वेंकटेश्वर भगवान को अर्पित किया जाता है। ऐसे किसी दावे की पूरी तरह से पुष्टि नहीं हो सकी लेकिन पड़ताल के दौरान NDTV में प्रकाशित फरवरी 2013 का एक लेख प्राप्त हुआ। जिसमें साफ कहा गया है कि मिसाइल प्रक्षेपण से पहले पूजा की गई थी।
ख़बर में साफ लिखा गया है कि साल 2013 में इसरो चीफ श्री राधाकृष्णन ‘PSLV-C20’ के सफल प्रक्षेपण के लिए भगवान वेंकटेश्वर के मंदिर गए थे और अग्नि-5 के प्रक्षेपण के दौरान पूजा और हवन करवाया गया था।
Tools Used 
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Result- Misleading

Authors

A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

Nupendra Singh
A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

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