Wednesday, December 24, 2025

हिंदी

सोशल मीडिया पर अजंता एलोरा की बताकर शेयर की जा रही है खजुराहो की तस्वीरें

Written By Nupendra Singh
Aug 6, 2019
banner_image
Claim
अजंता एलोरा की दीवारों पर बनी कामुक आकृतियों की तस्वीरों को देखने के बाद समझ आया कि जिसकी सभ्यता ही ऐसी हो उसके घर का माहौल कैसा होगा। 
Verification
प्राचीन सभ्यता की कुछ कामुक आकृतियों को ट्विटर पर 30 से भी ज्यादा बार रिट्वीट किया गया और 100 से भी ज्यादा बार लाइक किया गया है। तस्वीरों को पोस्ट करने वाले का दावा है कि अजंता एलोरा कि इन तस्वीरों को देखने के बाद समझ आया कि जिसकी सभ्यता ही ऐसी है उसके घर का माहौल कैसा होगा।
हमने सबसे पहले अजंता एलोरा के बारे में गूगल पर सर्च किया जहां अजंता एलोरा कि तस्वीरों को प्रकाशित करने वाली एक वेबसाइट का लिंक प्राप्त हुआ। वेबसाइट को खंगालने के बाद कहीं पर भी वायरल तस्वीरें प्राप्त नहीं हुई।
हमनें यूट्यूब पर अजंता एलोरा की तस्वीरो को खंगाला। लेकिन यहाँ पर भी वायरल तस्वीरें प्राप्त नहीं हुई।
अब वायरल तस्वीरों को गूगल पर सर्च किया। तस्वीर को गूगल पर
सर्च करते ही हमें लक्ष्मण मंदिर का नाम प्राप्त हुआ।
लक्ष्मण मंदिर के बारे में गूगल पर खोजा। इस दौरान हमें ‘ओशो न्यूज़’ के एक लेख में वायरल तस्वीरें प्राप्त हुई। लक्ष्मण मंदिर को 950 ई0 से 1050 के बीच मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले के खजुराहो में बनाया गया था।
वायरल पोस्ट में इन आकृतियों की सभ्यता पर भी सवाल किया गया है। इन आकृतियों के इतिहास को जानने के लिए हमने अपनी पड़ताल गूगल पर जारी रखी जिस दौरान दैनिक भास्कर का  एक लेख प्राप्त हुआ।
इस लेख में अलग-अलग विशेषज्ञों की अलग-अलग राय है, लेकिन चार ऐसी मुख्य मान्यताएं है जिसके कारण इन आकृतियों को मंदिर पर बनाया गया होगा।
पहली मान्यता – यह मानना है कि प्राचीन काल में राजा-महाराजा भोग-विलासिता में अधिक लिप्त रहते थे। वे काफी उत्तेजित रहते थे। इसी कारण खजुराहो मंदिर के बाहर नग्न एवं संभोग की मुद्रा में विभिन्न मूर्तियां बनाई गई हैं।
दूसरी मान्यता – दूसरे समुदाय के विश्लेषकों का यह मानना है कि इसे प्राचीन काल में सेक्स की शिक्षा की दृष्टि से बनाया गया है। ऐसा माना जाता है कि उन अद्भुत आकृतियों को देखने के बाद लोगों को संभोग की सही शिक्षा मिलेगी। प्राचीन काल में मंदिर ही एक ऐसा स्थान था, जहां लगभग सभी लोग जाते थे। इसीलिए संभोग की सही शिक्षा देने के लिए मंदिरों को चुना गया।
तीसरी मान्यता – कुछ विश्लेषकों का यह मानना है कि मोक्ष के लिए हर इंसान को चार रास्तों से होकर गुजरना पड़ता है- धर्म,अर्थ,योग और काम। ऐसा माना जाता है कि इसी दृष्टि से मंदिर के बाहर नग्न मूर्तियां लगाई गई हैं। -क्योंकि यही काम है और इसके बाद सिर्फ और सिर्फ भगवान का शरण ही मिलता है। इसी कारण इसे देखने के बाद भगवान के शरण में जाने की कल्पना की गई।
चौथी मान्यता – कुछ और लोगों का इन सबके अलावा इसके पीछे हिंदू धर्म की रक्षा की बात बताई गई है। इन लोगों के अनुसार जब खजुराहो के मंदिरों का निर्माण हुआ, तब बौद्ध धर्म का प्रसार काफी तेजी के साथ हो रहा था। चंदेल शासकों ने हिंदू धर्म के अस्तित्व को बचाने का प्रयास किया और इसके लिए उन्होंने इसी मार्ग का सहारा लिया। उनके अनुसार प्राचीन समय में ऐसा माना जाता था कि सेक्स की तरफ हर कोई खिंचा चला आता है। इसीलिए यदि मंदिर के बाहर नग्न एवं संभोग की मुद्रा में मूर्तियां लगाई जाएंगी, तो लोग इसे देखने मंदिर आएंगे। फिर अंदर भगवान का दर्शन करने जाएंगे। इससे हिंदू धर्म को बढ़ावा मिलेगा।
Tools Used 
  • Google Search
  • Google Reverse Image Search
Result
Misleading
image
यदि आप किसी दावे का सच जानना चाहते हैं, किसी तरह की प्रतिक्रिया देना चाहते हैं या हमारे किसी फैक्ट चेक को लेकर शिकायत दर्ज करना चाहते हैं, तो हमें +91-9999499044 पर व्हाट्सएप या checkthis@newschecker.in​. पर ईमेल करें. आप हमारे Contact Us पेज पर जाकर वहाँ मौजूद फॉर्म भी भर सकते हैं.
Newchecker footer logo
ifcn
fcp
fcn
fl
About Us

Newchecker.in is an independent fact-checking initiative of NC Media Networks Pvt. Ltd. We welcome our readers to send us claims to fact check. If you believe a story or statement deserves a fact check, or an error has been made with a published fact check

Contact Us: checkthis@newschecker.in

20,658

Fact checks done

FOLLOW US
imageimageimageimageimageimageimage