रविवार, दिसम्बर 22, 2024
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क्या आनंदीबेन पटेल बनी यूपी की पहली महिला राज्यपाल? यहाँ जानिए पूरा सच

Authors

A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

Claim 
 
6 प्रदेशों के राज्यपाल बदले। आनंदीबेन बनी यूपी की प्रथम महिला राज्यपाल। 
 
 
 
Verification 
 
6 सूबे के राज्यपालों की पोस्टिंग के बाद Whatsapp पर एक अख़बार की कटिंग तेज़ी से शेयर की जा रही है। अख़बार की हेडलाइन में साफ़-साफ़ लिखा हुआ है कि ‘आनंदीबेन यूपी की प्रथम महिला राज्यपाल’ नियुक्त हुईं। खबर की हेडलाइन से यह बताने की कोशिश की जा रही है कि आनंदीबेन पटेल को यूपी का प्रथम महिला राज्यपाल बनाया गया है। खबर की सत्यता जानने के लिए वायरल खबर के कीवर्ड्स को गूगल पर सर्च किया जहाँ हमें खबर को गलत साबित करता हुआ एक ट्वीट प्राप्त हुआ। 
 
 
 
ट्वीट करने वाले ने अपने पोस्ट में यह साफ़ लिखा है कि यूपी की प्रथम महिला राज्यपाल सरोजनी नायडू थीं। पोस्ट की सत्यता प्रमाणित करने के लिए गूगल पर ‘सरोजनी नायडू’ के बारे में सर्च किया तो हमें न्यूज़ 18 का एक लेख प्राप्त हुआ।  
 
लेख के मुताबिक सरोजनी नायडू को उनकी कविताओं के लिए ‘भारत कोकिला’ भी कहा जाता था। उनका जन्म 13 फरवरी साल 1879 को ब्रिटिश भारत के हैदराबाद में हुआ था। लेख के मुताबिक सरोजनी नायडू उत्तर प्रदेश की प्रथम महिला राज्यपाल थीं जिनका कार्यकाल 15 अगस्त 1947 से 2 मार्च 1949 तक रहा। लेख को पढ़ने के बाद यूपी की प्रथम महिला राज्यपाल वाली तस्वीर साफ़ हो गई। इसी दौरान ‘लाइव हिन्दुस्तान’ के एक लेख मिला। इस लेख के मुताबिक ‘सरोजनी नायडू’ ही यूपी की प्रथम महिला राज्यपाल थीं।
 
आनंदीबेन पटेल के बारे में खोजने के दौरान न्यूज़ 18 की एक खबर दिखाई दी जिसके मुताबिक़ वे गुजरात की पहली महिला मुख्यमंत्री रह चुकी हैं।
 
हमारी पड़ताल के बाद यह साफ़ हो गया कि सोशल मीडिया में वायरल हो रही खबर झूठी है। 
 
Tools used 
  • Google Keyword Search 
  • Google Reverse Image Search 
 
Result- Misleading 

Authors

A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

Nupendra Singh
A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

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