Authors
After completing his post-graduation, Yash worked with some of the most renowned newspapers such as like Lokmat, Dainik Bhaskar & Navbharat for the past 6 years. To make sure that no incorrect news reaches people and to maintain peace and harmony in society, he chose to become a fact-checker.
Claim
कर्नाटक के निपाणी में तेज बारिश के चलते नेशनल हाईवे 4 पर सड़क धस गई। यह दावा करने वाली तस्वीर वायरल हो रही है।
Verification
समाचार एजेंसी ANI ने ट्विटर पर आज यानि 6 अगस्त को एक तस्वीर पोस्ट की है। तस्वीर के कैप्शन में कहा गया है कि, नेशनल हाईवे नं 4 पर कर्नाटक के निपाणी के पास सड़क धंस गई है। इसी ट्वीट में धंसी हुई सड़क की फोटो भी शेयर की गई है।
#Karnataka: Huge crack appears in the road on National Highway 4 near Nippani in Belagavi district. pic.twitter.com/1nMIxEuJwD
— ANI (@ANI) August 6, 2019
ट्वीट के साथ अटैच की गई तस्वीर देखने पर हमें शक हुआ। कीवर्ड्स की मदद से गूगल के जरिए कई खबरें मिली जिनमें इसी तस्वीर का इस्तेमाल किया गया है। The Hindu और The News Minute ने भी इस तस्वीर को कर्नाटक-महाराष्ट्र हाईवे का बताया है।
फोटो को लेकर शक था क्योंकि फोटो में दिखाई गई पुलिस की वर्दी कर्नाटक पुलिस की वर्दी से मेल नहीं खा रही थी। अपनी खोज के दौरान हमें मराठी भाषा के कई लेख।
दैनिक सामना की खबर में मुंबई, पुणे कोंकण और नासिक में रही बारिश का अपडेट बताया गया था। खबर में मुंबई-नासिक हाईवे पर चट्टान गिरने का जिक्र था इसलिए गूगल पर ये कीवर्ड्स डालने पर पूरी जानकारी सामने आ गई। Zee News ने इस तस्वीर को 5 अगस्त प्रकाशित किया था और इसे कसारा घाट का बताया था।
ABP Majha के यूट्यूब पर डाले गए वीडियो में इस पूरे इलाके को साफ देखा जा सकता है।
वहीं पोस्ट की गई तस्वीर में दिख रहे विज्ञापन पर ग्रीन लैंड लिखा है जो कि मुंबई-नासिक हाईवे पर है
ANI द्वारा पोस्ट की गई तस्वीर कर्नाटक के निप्पाणी के पास नेशनल हाईवे 4 के धंसने की नहीं है। यह तस्वीर कुछ दिन पहले मुंबई-नासिक हाईवे पर कसारा घाट में धंसी सड़क की है।
Tools Used
- Twitter Advanced Search
- Google Reverse Image Search
- Google keywords Search
Result- Misleading
Authors
After completing his post-graduation, Yash worked with some of the most renowned newspapers such as like Lokmat, Dainik Bhaskar & Navbharat for the past 6 years. To make sure that no incorrect news reaches people and to maintain peace and harmony in society, he chose to become a fact-checker.